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पेंशन के लिए हाथ जोड़ रही 100 साल की विधवा शोभा रानी, जानिए क्यों?

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Published : Mar 26, 2022, 4:06 PM IST

Updated : Mar 26, 2022, 4:28 PM IST

सिस्टम की मार एक बेवा पर पड़ रहा है. दुमका में 100 साल की विधवा शोभा रानी को पेंशन नहीं मिल रहा है. क्योंकि जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी का पद लगभग चार माह से रिक्त है. ऐसे में द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले सैनिक की एक सौ साल विधवा शोभा रानी सरकार से मदद की गुहार लगा रही है.

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दुमका

दुमकाः जिला से द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले आर्मी के जवान सुधीर मोहन दत्ता की मृत्यु 1986 में हो गयी थी. आज उनकी पत्नी शोभा रानी दत्ता जिनकी उम्र लगभग 100 वर्ष है वह काफी परेशान है. क्योंकि उन्हें सैनिक की विधवा के तौर पर दस हजार रुपए प्रति माह पेंशन मिलता है. इस राशि से दवा और अन्य खर्च चलता है पर पेंशन पिछले 6 माह से बंद है. इसके लिए 100 साल की विधवा शोभा रानी सरकार से मदद की गुहार लगा रही है.

इसे भी पढ़ें- पेंशन के लिए इतनी मशक्कत, बुजुर्ग महिला को चारपाई पर कलेक्ट्रेट लाए परिजन


दुमका में 100 साल की विधवा शोभा रानी को पेंशन नहीं मिल रहा है. द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले सैनिक की विधवा को छह माह से पेंशन की राशि नहीं मिली है. उम्र के इस पड़ाव में दवाई समेत अन्य जरूरतें इसी पेंशन पर निर्भर है. लेकिन बिना पैसों उनकी जिंदगी जैसे थम सी गयी है. दुमका शहर के शिवपहाड़ इलाके में रहने वाली लगभग एक सौ वर्ष उम्र की शोभा रानी दत्ता काफी परेशान हैं. उन्हें सैनिक के विधवा के तौर पर मिलने वाली पेंशन की दो किश्त यानी छह माह की राशि साठ हजार रुपये प्राप्त नहीं हुए हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

सुधीर मोहन दत्ता आर्मी के जवान थे और उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लिया था. उनकी मृत्यु 1986 में हो गयी. इसके बाद उनकी विधवा पत्नी शोभा रानी को दुमका स्थित जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से पेंशन मिलता है. लेकिन ये पेंशन कई महीनों से बंद है. उनके पुत्र प्रदीप दत्ता जो बीमा एजेंट हैं. उनका कहना है कि मां हमेशा बीमार रहती हैं, इन्हें जो पेंशन मिलता है उससे इनके लिए दवा और अन्य जरूरी सामान लाते हैं. पेंशन कई महीनों से बंद है, जिससे उन्हें काफी तकलीफ हो रही है. वो सरकार से जल्द से जल्द पेंशन भुगतान की मांग कर रहे हैं.

100 year old widow Shobha Rani not getting pension in Dumka
विधवा शोभा रानी और उनका पुत्र



पदाधिकारी से मिली जानकारीः इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम जब दुमका के जिला सैनिक कल्याण कार्यालय पहुंची. वहां पता चला कि वर्तमान में पांच ऐसी महिलाएं दुमका में हैं, जिनके पति दूसरे विश्व युद्ध में भाग लिए थे और उनका पेंशन इसी कार्यालय से निर्गत होता है. लेकिन अभी पिछले दो तिमाही का किश्त इसलिए नहीं गया क्योंकि यहां के जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी का पद लगभग चार माह से रिक्त है. उनके हस्ताक्षर के बिना कोई राशि निकल नहीं सकती. इस कार्यालय के वरीय कर्मचारी निरंजन महतो ने बताया कि अधिकारी के नहीं रहने से हमारा सिस्टम चरमरा गया है.

इसे भी पढ़ें- जानिए झारखंड सरकार का क्या है यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, कौन-कौन होंगे लाभान्वित

सरकार को ध्यान देने की आवश्यकताः जिला सैनिक कल्याण कार्यालय झारखंड सरकार के गृह एवं कारा विभाग के अंतर्गत काम करता है. ऐसे में सरकार का प्रयास होना चाहिए कि जो भी समस्या है उसे दूर करें ताकि 100 साल की विधवा शोभा रानी जैसी अन्य महिलाओं को अपना हक पाने के लिए और सरकार से मदद की गुहार के लिए इस तरह हाथ जोड़ना नहीं पड़े.

100 year old widow Shobha Rani not getting pension in Dumka
दिवंगत सैनिक सुधीर मोहन दत्ता की तस्वीर

दुमकाः जिला से द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले आर्मी के जवान सुधीर मोहन दत्ता की मृत्यु 1986 में हो गयी थी. आज उनकी पत्नी शोभा रानी दत्ता जिनकी उम्र लगभग 100 वर्ष है वह काफी परेशान है. क्योंकि उन्हें सैनिक की विधवा के तौर पर दस हजार रुपए प्रति माह पेंशन मिलता है. इस राशि से दवा और अन्य खर्च चलता है पर पेंशन पिछले 6 माह से बंद है. इसके लिए 100 साल की विधवा शोभा रानी सरकार से मदद की गुहार लगा रही है.

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दुमका में 100 साल की विधवा शोभा रानी को पेंशन नहीं मिल रहा है. द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लेने वाले सैनिक की विधवा को छह माह से पेंशन की राशि नहीं मिली है. उम्र के इस पड़ाव में दवाई समेत अन्य जरूरतें इसी पेंशन पर निर्भर है. लेकिन बिना पैसों उनकी जिंदगी जैसे थम सी गयी है. दुमका शहर के शिवपहाड़ इलाके में रहने वाली लगभग एक सौ वर्ष उम्र की शोभा रानी दत्ता काफी परेशान हैं. उन्हें सैनिक के विधवा के तौर पर मिलने वाली पेंशन की दो किश्त यानी छह माह की राशि साठ हजार रुपये प्राप्त नहीं हुए हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

सुधीर मोहन दत्ता आर्मी के जवान थे और उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लिया था. उनकी मृत्यु 1986 में हो गयी. इसके बाद उनकी विधवा पत्नी शोभा रानी को दुमका स्थित जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से पेंशन मिलता है. लेकिन ये पेंशन कई महीनों से बंद है. उनके पुत्र प्रदीप दत्ता जो बीमा एजेंट हैं. उनका कहना है कि मां हमेशा बीमार रहती हैं, इन्हें जो पेंशन मिलता है उससे इनके लिए दवा और अन्य जरूरी सामान लाते हैं. पेंशन कई महीनों से बंद है, जिससे उन्हें काफी तकलीफ हो रही है. वो सरकार से जल्द से जल्द पेंशन भुगतान की मांग कर रहे हैं.

100 year old widow Shobha Rani not getting pension in Dumka
विधवा शोभा रानी और उनका पुत्र



पदाधिकारी से मिली जानकारीः इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम जब दुमका के जिला सैनिक कल्याण कार्यालय पहुंची. वहां पता चला कि वर्तमान में पांच ऐसी महिलाएं दुमका में हैं, जिनके पति दूसरे विश्व युद्ध में भाग लिए थे और उनका पेंशन इसी कार्यालय से निर्गत होता है. लेकिन अभी पिछले दो तिमाही का किश्त इसलिए नहीं गया क्योंकि यहां के जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी का पद लगभग चार माह से रिक्त है. उनके हस्ताक्षर के बिना कोई राशि निकल नहीं सकती. इस कार्यालय के वरीय कर्मचारी निरंजन महतो ने बताया कि अधिकारी के नहीं रहने से हमारा सिस्टम चरमरा गया है.

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सरकार को ध्यान देने की आवश्यकताः जिला सैनिक कल्याण कार्यालय झारखंड सरकार के गृह एवं कारा विभाग के अंतर्गत काम करता है. ऐसे में सरकार का प्रयास होना चाहिए कि जो भी समस्या है उसे दूर करें ताकि 100 साल की विधवा शोभा रानी जैसी अन्य महिलाओं को अपना हक पाने के लिए और सरकार से मदद की गुहार के लिए इस तरह हाथ जोड़ना नहीं पड़े.

100 year old widow Shobha Rani not getting pension in Dumka
दिवंगत सैनिक सुधीर मोहन दत्ता की तस्वीर
Last Updated : Mar 26, 2022, 4:28 PM IST
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