धनबाद: प्रशासन (District Administration) के निर्देश के बाद समय समय पर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) जिले के जांच घरों का निरीक्षण तो करता है, लेकिन इसका कोई खसर असर होता नहीं दिख रहा है. प्रशासनिक कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति होती है. जिसकी वजह से जिले में कन्या भ्रूण हत्या (Female Foeticide) के मामले दिनोदिन बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामला श्रमिक नगरी भूली का है. जहां शक्ति मार्केट के समीप एक कचड़े के ढेर में 2 से 3 माह का भ्रूण मिलने के बाद सनसनी फैल गई है.
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निजी अस्पतालों (Private Hospitals) पर आरोप
स्थानीय लोगों के मुताबिक भूली के आस-पास दो से तीन निजी अस्पताल (Private Hospitals) हैं जो इस तरह कुकृत्य को अंजाम दे रहे हैं. उनके अनुसार अस्पतालों को कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन इसका फायदा होता नहीं दिख रहा है. लोगों ने अस्पताल में काम करने वाली एक महिला पर इस तरह के भ्रूण को बार-बार फेंकने का आरोप लगाया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
नाकाम हैं सिविल सर्जन
पूर्व पार्षद (Former Councilor) रंजीत कुमार के मुताबिक सिविल सर्जन की नाकामी की वजह से इस तरह के मामले बढ़ते जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, जिस वजह से इस तरह की घटना की पुनरावृति हो रही है. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक घटना है. स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे निजी अस्पताल (Private Hospitals) और जांच घर के ऊपर कानूनी कार्रवाई करे.