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धनबाद में कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने किया हंगामा, अभिभावक संघ के शामिल होने पर जताई आपत्ति - झारखंड अभिभावक महासंघ

झारखंड के धनबाद जिले में प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने से संबंधित कार्यशाला का रविवार को आयोजन किया गया. इसमें अभिभावक संघ को भी शामिल किया गया, जिस पर शिक्षकों ने आपत्ति जताई.

कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने किया हंगामा.
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Published : Sep 9, 2019, 2:17 AM IST

धनबाद: प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने से संबंधित कार्यशाला का आयोजन रविवार को किया गया. कार्यशाला के दौरान प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया. अभिभावक संघ को कार्यशाला में सम्मिलित किए जाने पर शिक्षकों ने कड़ी आपत्ति जताई है. इस कार्यशाला का आयोजन डीएसई की मौजूदगी में धनबाद पब्लिक स्कूल में किया गया.

फिर शिक्षक करने लगे हंगामा
करीब एक घंटे तक कार्यशाला शांतिपूर्वक चली. इसके बाद झारखंड अभिभावक महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया. जैसे ही उन्होंने अपना संबोधन आरंभ किया, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य हंगामा करने लगे. काफी देर तक हंगामे का दौर चला. बाद में डीएसई के समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हुआ.

अभिभावक संघ पर उठे सवाल
झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव इरफान खान ने अभिभावक संघ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह एक ऐसा संघ है, जिस पर सदर थाने में साल 2018 में 354 का मामला दर्ज है. यह मामला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा दर्ज कराया गया था. बाल कल्याण समिति की महिला सदस्यों के साथ अभद्र व्यवहार करने, बच्चों की काउंसलिंग और महत्वपूर्ण सरकारी कार्यों में बाधा डालने का आरोप संघ के ऊपर है.

कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने किया हंगामा.

पद का किया गया दुरुपयोग
उन्होंने आरोप लगाया कि महासचिव मनोज मिश्रा पद का दुरुपयोग करते हुए एक एजेंट के रूप में काम करते हैं. साथ ही कहा कि वे इस मामले में सात दिनों के लिए जेल की हवा भी खा चुके हैं. किसी भी स्कूल में उनके बच्चे नहीं पढ़ते हैं. इसलिए वे एक अभिभावक नहीं है. इसलिए झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उनका विरोध करती है.

धनबाद: प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने से संबंधित कार्यशाला का आयोजन रविवार को किया गया. कार्यशाला के दौरान प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया. अभिभावक संघ को कार्यशाला में सम्मिलित किए जाने पर शिक्षकों ने कड़ी आपत्ति जताई है. इस कार्यशाला का आयोजन डीएसई की मौजूदगी में धनबाद पब्लिक स्कूल में किया गया.

फिर शिक्षक करने लगे हंगामा
करीब एक घंटे तक कार्यशाला शांतिपूर्वक चली. इसके बाद झारखंड अभिभावक महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया. जैसे ही उन्होंने अपना संबोधन आरंभ किया, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्य हंगामा करने लगे. काफी देर तक हंगामे का दौर चला. बाद में डीएसई के समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हुआ.

अभिभावक संघ पर उठे सवाल
झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव इरफान खान ने अभिभावक संघ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह एक ऐसा संघ है, जिस पर सदर थाने में साल 2018 में 354 का मामला दर्ज है. यह मामला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा दर्ज कराया गया था. बाल कल्याण समिति की महिला सदस्यों के साथ अभद्र व्यवहार करने, बच्चों की काउंसलिंग और महत्वपूर्ण सरकारी कार्यों में बाधा डालने का आरोप संघ के ऊपर है.

कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने किया हंगामा.

पद का किया गया दुरुपयोग
उन्होंने आरोप लगाया कि महासचिव मनोज मिश्रा पद का दुरुपयोग करते हुए एक एजेंट के रूप में काम करते हैं. साथ ही कहा कि वे इस मामले में सात दिनों के लिए जेल की हवा भी खा चुके हैं. किसी भी स्कूल में उनके बच्चे नहीं पढ़ते हैं. इसलिए वे एक अभिभावक नहीं है. इसलिए झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उनका विरोध करती है.

Intro:धनबाद।प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला के दौरान प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया।अभिभावक संघ को कार्यशाला में सम्मिलित किए जाने पर शिक्षकों ने कड़ी आपत्ति जतायी है।


Body:जिले के धनबाद पब्लिक स्कूल में डीएसई की मौजदूगी में कार्यशाला का आयोजन किया गया।प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने संबंधी कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था।करीब एक घंटे तक कार्यशाला शांति पूर्वक चली।इसके बाद झारखंड अभिभावक महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया।जैसे उन्होंने अपना संबोधन आरंभ किया।प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य हंगामा करने लगे।काफी देर तक हंगामे का दौर चला।बाद में डीएसई के समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हुआ।

झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव इरफान खान ने अभिभावक संघ पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह एक ऐसा अभिभावक संघ है।जिस पर सदर थाने में साल 2018 में 354 का मामला दर्ज है।यह मामला चाइल्ड वेलफेयर कमिटी द्वारा दर्ज कराया गया था।बाल कल्याण समिति की महिला सदस्यों के साथ अभद्र व्यवहार करने एवं बच्चों की काउंसलिंग जैसी महत्वपूर्ण सरकारी कार्यों में उनके द्वारा बाधा डालने का आरोप है।साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मनोज मिश्रा बीपीएल कोटे से नामांकन कराने के लिए पद का दुरूपयोग करते हुए एक एजेंट के रूप में काम करते हैं। साथ ही कहा कि वे इस मामले में सात दिनों के लिए जेल की हवा भी खा चुके हैं।किसी भी स्कूल में उनके बच्चे नही पढ़ते हैं।इसलिए वे एक अभिभावक नही है।इसलिए झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उनका विरोध करती है।


Conclusion:प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का विरोध लाजिमी है।क्योंकि कई बच्चों के नाम पर कई ऐसे अभिभावक संगठन है।जो अपना सिक्का चलाने को लेकर सक्रिय हैं।
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