धनबाद: क्षेत्रीय भाषा के रूप में भोजपुरी, अंगिका और मगही को शामिल किए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता दिख रहा है. झारखंड में भाषा विवाद (Language Controversy in Jharkhand) फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच धनबाद सांसद का इस मामले को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि सरकार जानबूझकर झारखंडियों को आपस में लड़ाने का काम कर रही है. वहीं विधायक ने कहा कि अगर युवाओं को मुझे जलाने से रोजगार मिलता है, तो वह खुद युवाओं के लिए जलने को तैयार है.
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धनबाद और बोकारो में भोजपुरी मगही और अंगिका को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किए जाने के बाद लगातार इसका विरोध हो रहा है. बीते दिनों मानव श्रृंखला बनाकर विरोध किया गया था, वहीं शुक्रवार को धनबाद के सांसद, विधायक और मुख्यमंत्री की शव यात्रा निकाली गई और सड़कों पर मुंडन कराकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस पूरे विवाद में अब धनबाद सांसद पीएन सिंह का एक बड़ा बयान सामने आया है.
धनबाद सांसद ने कहा है कि यह सरकार विकास से ध्यान भटकाने के उद्देश्य से इस प्रकार का कार्य कर रहे हैं, ताकि झारखंडी आपस में लड़ते रहे और विकास की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा सके. उन्होंने कहा कि 2 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया है. जिस कारण लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार का कार्य किया जा रहा है.
धनबाद सांसद पीएन सिंह ने कहा कि यह सरकार के द्वारा प्रायोजित प्रोग्राम है.ताकि मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाया जा सके और सरकार ने जो 5 लाख नौकरियां देने का वायदा किया था उस और झारखंडी युवाओं का ध्यान ना जा सके.वंही धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा है कि अगर पुतला जलाने से लोगों को रोजगार मिलता है तो लाखों युवाओं के रोजगार के लिए वह खुद भी जलने को तैयार हैं.