रांची: दिसंबर महीने में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था की अवधि खत्म हो रही है, जिसे लेकर प्रदेश की विपक्षी दल बीजेपी ने जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग को सरकार के सामने रखा है और इसी के तहत 16 दिसंबर को बीजेपी प्रखंड मुख्यालयों में सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन करेगी. ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे को दोषी भी ठहरा रहे हैं.
बीजेपी का अधिकार
बीजेपी ने जहां जानबूझकर चुनाव नहीं करावाने का सरकार पर आरोप लगया है, तो वही सत्ताधारी दल कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी को पंचायत चुनाव के मामले पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है.
कोरोना महामारी में चुनाव की तैयारी
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने विपक्षी दल बीजेपी के पंचायत चुनाव को लेकर दिए गए आंदोलन की चेतावनी पर कहा है कि जिस बीजेपी के कार्यकाल में छात्रों की छात्रवृत्ति को भी लूटा गया हो और चूहा बड़े-बड़े पुलों को खा जाए, जिससे बीजेपी शासनकाल का विकास मॉडल सामने आया है. उन्हें पंचायत के मामले पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार गंभीर है और कोरोना महामारी में भी चुनाव की तैयारी की जा रही है.
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रघुवर दास के शासनकाल में भ्रष्टाचार
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि पंचायत को अधिकार राजीव गांधी की सोच ने दिलाया था. वह पंचायत को इतना मजबूत बनाना चाहते थे कि पंचायत के अंतिम व्यक्ति से विकास की किरण शहरों की ओर आए, यह कांग्रेस पार्टी की सोच थी, जबकि पिछले 5 सालों में झारखंड राज्य में बीजेपी के कार्यकाल में पंचायत में चुने गए जनप्रतिनिधियों का अधिकार छीनने का काम किया गया. जैसे ही सरकार बदली, तो हर जगह से भ्रष्टाचार की बू आ रही है. रघुवर दास के शासनकाल में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला, जिससे पर्दा नई सरकार में उठना शुरू हुआ है.
लूट और भ्रष्टाचार का मॉडल
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी के रघुवर दास के शासनकाल में पंचायत भवन में जनरेटर तक इंस्टॉल नहीं किया जा सका है, बीजेपी पूरी तरह झूठ और भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. उन्हें पंचायत के मसले पर कुछ भी कहने का नैतिक अधिकार नहीं है. दुमका और बेरमो के उपचुनाव में भी जनता ने गठबंधन को उचित समझा क्योंकि वह जानती है कि राज्य के विकास में गठबंधन की सरकार पूरी तरह से आगे बढ़ रही है, जबकि भाजपा के रघुवर दास के सरकार में हर जगह लूट और भ्रष्टाचार का मॉडल सामने आया है.