धनबाद: रेलवे स्टेशन के दक्षिणी हिस्से के प्लेटफार्म संख्या 7 पर अचानक ट्रेन दुर्घटना की खबर से सायरन की आवाज सुनाई देती है और अचानक चीख पुकार मच जाती है. देखते ही देखते रेलवे की बचाव टीम मौके पर पहुंचती है, साथ में एनडीआरएफ के जवान भी रेस्क्यू में लग जाते हैं. इसके बाद घायलों को एंबुलेंस से रेलवे अस्पताल भिजवाया जाता है. तब तक रेलवे की सेफ्टी टीम और वरीय अधिकारी डीआरएम केके सिन्हा के नेतृत्व में पहुंच जाते हैं और राहत और बचाव कार्य को तेज करने का निर्देश देते हैं.
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रेलवे और एनडीआरएफ का मॉक ड्रिलः दरअसल धनबाद रेलवे स्टेशन के दक्षिणी क्षोर पर एनडीआरएफ और रेलवे का संयुक्त मॉक ड्रिल कर रही थी. रेलवे में हादसे के दौरान आपातकाल स्थिति से निपटने की रेलवे की तैयारी है. यार्ड में सवारी गाड़ी एक बोगी को दूसरे बोगी पर चढ़ा कर यह दर्शाया गया कि आपातकाल स्थिति में यात्री ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने पर किसी तरह से बचाव कार्य चलाया जाएगा.
धनबाद रेल मंडल आपातस्थिति में निपटने के लिए कितनी तैयार है इसकी वस्तुस्थिति को जानने के लिए यह मॉक ड्रिल किया गया. इस दौरान धनबाद रेल मंडल के मंडल प्रबंधक कमल किशोर सिन्हा, आरपीएफ कमांडेट समेत कई वरीय अधिकारी उपस्थित रहे. वहीं इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ की टीम, आरपीएफ, जीआरपी, एनसीसी की टीम समेत कई टीमें बचाव कार्य मे लगी रहीं.
वही मीडिया से बात करते हुए डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने कहा कि रेल दुर्घटना की स्थिति में गोल्डन आवर में कैसे अधिक से अधिक लोगों का रेस्क्यू कर उनकी जान बचाएं, इसी की तैयारी की समीक्षा के लिए अभी मॉक ड्रील किया गया है. डीआरएम ने कहा कि आपात स्थिति में हम कितने तैयार हैं, इसको लेकर इस तरह का मॉक ड्रिल अतिआवश्यक है. समय समय पर रेलवे मॉक ड्रिल के माध्यम से अपनी तैयारियां का जायजा लेते रहती है. इस दौरान कोई कमियां रहती हैं तो उसे दूर करने का प्रयास भी किया जाता है.
इस तरह से हुआ मॉक ड्रिलः रेल दुर्घटना से बचने और विपरीत परिस्थितियों में प्रभावी रूप से निपटने के लिए रेलवे और एनडीआरएफ के द्वारा संयुक्त अभ्यास किया गया. राहत बचाव टीम को पैसेंजर ट्रेन की एक बोगी के पटरी से डिरेल होने की खबर मिली. इसके बाद 20 मिनट के भीतर ही टीम घटनास्थल पर पहुंच गई. वहां पहुंचते ही टीम ने अपना अभ्यास शुरू कर दिया. इस तरह रेलवे स्टेशन पर मॉक ड्रिल शुरू किया गया. यहां ट्रेन की बोगी के पटरी से उतरने के साथ एक बोगी दूसरे डिब्बे पर चढ़ गई. रेलवे का स्थानीय अमला सक्रिय हो गया. कंट्रोल रूम को तत्काल इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद रेल प्रशासन की आपदा प्रबंधन टीम स्टेशन स्थित यार्ड के लिए रवाना हो गयी. इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीम जो घटना के वक्त धनबाद से कुछ दूरी पर थी, उन्हें भी सूचना दी गई और मौके पर तैनात किया गया और उनके जवान भी राहत कार्य में जुट गए.