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कंटेनमेंट जोन हटाने के लिए लोगों ने किया हंगामा, स्वैब लेने पहुंचे स्वास्थकर्मी लौटे वापस

धनबाद के झरिया कोयरीबांध पुराने रेलवे फाटक के कंटेमेंट जोन काे हटाने के लिए स्थानीय लोगों ने हंगामा किया. लोगों का कहना है कि प्रसाशन 18 जुलाई को एक महिला को कोरोना संक्रमण की आशंका पर अस्पताल ले गयी. एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन इलाके को सील कर दिया कर दिया गया है.

People created ruckus in Containment Zone
People created ruckus in Containment Zone
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Published : Jul 28, 2020, 8:10 PM IST

धनबाद: जिले में कोरोना का कहर जारी है. वहीं जिले में कंटेमेंट जोन हटाने के लिए झरिया कोयरीबांध पुराने रेलवे फाटक के स्थानीय लोगों ने मंगलवार को अपने घरों से बाहर निकल कर हंगामा किया और प्रशासन से तत्काल कंटेमेंट जोन हटाए जाने की मांग की.

देखें पूरी खबर

क्या करते हैं स्थानीय

लोगों का कहना है कि प्रसाशन 18 जुलाई को एक महिला को कोरोना संक्रमण की आशंका पर अस्पताल ले गया. एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन इलाके को सील कर दिया कर दिया गया है. लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से क्षेत्र में न ही सेनेटाइज कराया गया और न ही किसी का स्वैब जांच के लिया गया है. यहां न तो कोई दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई है.जिसके कारण लोग बेवजह प्रशासन कंटेनमेंट जोन बना कर परेशान किया जा रहा है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मौके पर पहुंची पुलिस

हंगामा की खबर पाकर झरिया पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने लोगों को समझने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने एक न सुनी. स्वैब जांच के लिए लेने आई सहिया को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. विरोध के कारण बिना स्वैब लिए ही सहियाओं और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को उल्टे पांव वापस जाना पड़ा.

ये भी पढ़ें-रांचीः रिम्स कैंटीन के 3 कर्मचारियों को हुआ कोरोना, राज्य में रिकवरी रेट में आई 10 प्रतिशत की कमी

अंजली कुमारी ने बताया कि उनकी मां को कोरोना संक्रमण के शक के आधार पर ले जाया गया था. एम्बुलेंस में ले जाने के लिए चालक ने उनसे पैसा लिया, लेकिन किसी तरीके की कार्रवाई नहीं की जा सकी है.

धनबाद: जिले में कोरोना का कहर जारी है. वहीं जिले में कंटेमेंट जोन हटाने के लिए झरिया कोयरीबांध पुराने रेलवे फाटक के स्थानीय लोगों ने मंगलवार को अपने घरों से बाहर निकल कर हंगामा किया और प्रशासन से तत्काल कंटेमेंट जोन हटाए जाने की मांग की.

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क्या करते हैं स्थानीय

लोगों का कहना है कि प्रसाशन 18 जुलाई को एक महिला को कोरोना संक्रमण की आशंका पर अस्पताल ले गया. एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन इलाके को सील कर दिया कर दिया गया है. लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से क्षेत्र में न ही सेनेटाइज कराया गया और न ही किसी का स्वैब जांच के लिया गया है. यहां न तो कोई दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई है.जिसके कारण लोग बेवजह प्रशासन कंटेनमेंट जोन बना कर परेशान किया जा रहा है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मौके पर पहुंची पुलिस

हंगामा की खबर पाकर झरिया पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने लोगों को समझने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने एक न सुनी. स्वैब जांच के लिए लेने आई सहिया को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. विरोध के कारण बिना स्वैब लिए ही सहियाओं और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को उल्टे पांव वापस जाना पड़ा.

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अंजली कुमारी ने बताया कि उनकी मां को कोरोना संक्रमण के शक के आधार पर ले जाया गया था. एम्बुलेंस में ले जाने के लिए चालक ने उनसे पैसा लिया, लेकिन किसी तरीके की कार्रवाई नहीं की जा सकी है.

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