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धनबादः LIC शेयर बेचे जाने को लेकर कर्मियों ने जताया विरोध, कहा- लोगों के जीवन के साथ सरकार कर रही खिलवाड़ - धनबाद में केंद्र सरकार के फैसले का विरोध

केंद्र सरकार द्वारा एलआईसी के शेयर को बेचे जाने के फैसले का धनबाद में एलआईसी कर्मियों ने जमकर विरोध किया. साथ ही उन्होंने फैसले को वापस लेने की मांग की. कर्मियों ने कहा कि सरकार लोगों के जीवन के साथ सौदा कर रही है.

lic workers demonstrated
एलआईसी कर्मियों का प्रदर्शन
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Published : Sep 9, 2020, 7:08 PM IST

धनबाद: केंद्र सरकार ने एलआईसी के शेयर को बेचने का फैसला किया है, जिसका कोयलांचल में एलआईसी कर्मियों ने जमकर विरोध किया. कर्मियों ने कहा कि एलआईसी के शेयर को बेचकर सरकार लोगों के जीवन से खेलने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि एलआईसी ने समय-समय पर सरकार का साथ दिया है, फिर भी इस प्रकार का फैसला समझ से परे है.

देखें पूरी खबर

एलआईसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन
एलआईसी का शेयर बेचने के सरकार के फैसले का विरोध एलआईसी कार्यालय धनबाद शाखा-1 पर शुरू हो गया. बुधवार को इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन हजारीबाग डिवीजन के आह्वान पर बीमा कर्मचारी संघ धनबाद एलआईसी शाखा-1 के संघीय पदाधिकारियों ने कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार ने एलआईसी का शेयर बेचने का फैसला किया है. यह निर्णय जनहित में नहीं है. सरकार लोगों के जीवन के साथ सौदा कर रही है.

इसे भी पढ़ें- स्वर्णरेखा नदी में डूबने से दो बच्चे की मौत, शव की तलाश जारी

फैसला वापस लेने की मांग
एलआईसी का विनिवेशीकरण देश की आर्थिक संप्रभुता पर हमला है. 1956 में 5 करोड़ से शुरू हुई यह कंपनी आज 32 लाख करोड़ की कंपनी बन चुकी है. एलआईसी देश की वित्तीय रक्षक के रूप में अपनी पहचान बनाई है. एलआईसी सरकार को अब तक 26 हजार करोड़ रुपये डिविडेंड के रूप में दे चुकी है. एलआईसी में 42 करोड़ लोगों का बचत श्रम है. एलआईसी कर्मियों ने कहा कि इसके शेयर को बेचने का केंद्र सरकार को कोई अधिकार नहीं है. बीमा कर्मचारी संघ देश के लोगों की रक्षा के लिए सदैव आगे आते रहेंगे. कर्मियों ने कहा कि इसका पूरे देश भर में जमकर विरोध होगा और सरकार को हर हाल में यह फैसला वापस लेना होगा.

धनबाद: केंद्र सरकार ने एलआईसी के शेयर को बेचने का फैसला किया है, जिसका कोयलांचल में एलआईसी कर्मियों ने जमकर विरोध किया. कर्मियों ने कहा कि एलआईसी के शेयर को बेचकर सरकार लोगों के जीवन से खेलने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि एलआईसी ने समय-समय पर सरकार का साथ दिया है, फिर भी इस प्रकार का फैसला समझ से परे है.

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एलआईसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन
एलआईसी का शेयर बेचने के सरकार के फैसले का विरोध एलआईसी कार्यालय धनबाद शाखा-1 पर शुरू हो गया. बुधवार को इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन हजारीबाग डिवीजन के आह्वान पर बीमा कर्मचारी संघ धनबाद एलआईसी शाखा-1 के संघीय पदाधिकारियों ने कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार ने एलआईसी का शेयर बेचने का फैसला किया है. यह निर्णय जनहित में नहीं है. सरकार लोगों के जीवन के साथ सौदा कर रही है.

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फैसला वापस लेने की मांग
एलआईसी का विनिवेशीकरण देश की आर्थिक संप्रभुता पर हमला है. 1956 में 5 करोड़ से शुरू हुई यह कंपनी आज 32 लाख करोड़ की कंपनी बन चुकी है. एलआईसी देश की वित्तीय रक्षक के रूप में अपनी पहचान बनाई है. एलआईसी सरकार को अब तक 26 हजार करोड़ रुपये डिविडेंड के रूप में दे चुकी है. एलआईसी में 42 करोड़ लोगों का बचत श्रम है. एलआईसी कर्मियों ने कहा कि इसके शेयर को बेचने का केंद्र सरकार को कोई अधिकार नहीं है. बीमा कर्मचारी संघ देश के लोगों की रक्षा के लिए सदैव आगे आते रहेंगे. कर्मियों ने कहा कि इसका पूरे देश भर में जमकर विरोध होगा और सरकार को हर हाल में यह फैसला वापस लेना होगा.

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