धनबादः झारखंड के सरकारी स्कूलों की शिक्षा को बेहतर करने का दावा सरकार करती है. लेकिन सरकार की दावों की हवा शिक्षक निकाल दे रहे है. बिना किसी सरकारी अवकाश के ही स्कूल को बंद कर शिक्षक चले जा रहे हैं. स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं ताला बंद देख वापस घर लौट जा रहे हैं. ये मामला बाघमारा प्रखंड के जमुवाटांड़ पंचायत झारखोर प्राथमिक विद्यालय (Jharkhor primary school) का है.
दिन बुधवार, इस ना तो सरकारी छुट्टी थी, ना ही किसी तरह का आदेश था कि इस दिन स्कूल बंद रहेगा. लेकिन यहां बिना किसी सरकारी छुट्टी या आदेश के स्कूल गेट में ताला (teacher locked school) लगा पाया गया. स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी ताला देख वापस घर लौट गए. स्कूल बिना किसी अवकाश के बंद होने का पता स्थानीय मुखिया निरंजन गोप को तब पता चला जब वह स्कूल की तरफ से गुजर रहे थे. स्कूल में ताला देख बाद पंचायत के अन्य स्कूलों का भ्रमण किया जहां सभी स्कूल अपने निर्धारित समयानुसार खुला पाया. बिना किसी अवकाश के विद्यालय में ताला लटका देख मुखिया ने फोन पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात की.
मामले को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार से जब दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि विद्यालय में 2 शिक्षक हैं, इसके बावजूद भी अगर विद्यालय बंद है तो विद्यालय के शिक्षक पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी. वहीं स्थानीय मुखिया निरंजन गोप ने कहा कि स्कूल के शिक्षकों की मनमानी चल रही है, यह बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसको लेकर उन्होंने उक्त शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की.
वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है, तत्काल प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को जांच करने का निर्देश दिया गया है. जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. स्कूल के शिक्षकों की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. लेकिन अब देखना होगा कि स्कूल में ताला बंद कर निजी कार्य मे व्यस्त रहने वालों शिक्षकों के ऊपर विभाग आखिर क्या कार्रवाई करती है.