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क्या बाघमारा सीट पर जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे ढुल्लू महतो, मंत्री को हराकर पहली बार बने थे विधायक

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से बाघमारा सीट बेहद खास मानी जाती है. इस विधानसभा सीट पर शुरुआत में कांग्रेस की पकड़ थी. जिसे बाद में नीतीश कुमार की पार्टी ने हथियाया लेकिन अब ये सीट बीजेपी के पास है.

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Published : Oct 31, 2019, 4:31 PM IST

बाघमारा, धनबाद: झारखंड की 81 विधानसभा क्षेत्रों में बाघमारा विधानसभा सीट भी काफी अहम है. गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में आने वाली यह विधानसभा सीट 1977 में अस्तित्‍व में आई. यह इलाका सियासत में अहम रोल निभाता है. साल 1952 में हुए पहले चुनाव के बाद कतरास विधानसभा का अस्तित्व खत्म हो गया. 1977 में परिसीमन के बाद बाघमारा विधानसभा को नोटिफाइड माना गया.

देखें पूरी खबर

जलेश्वर महतो ने कांग्रेस से छीनी सीट
कांग्रेस पार्टी से ओपी लाल साल 1977 से 1990 तक चार बार विधायक रहे. शंकर दयाल सिंह तीन बार विधायक रहे. बाघमारा विधानसभा सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था. कांग्रेस से विधायक रहे ओपी लाल मंत्री भी रह चुके हैं. जलेश्वर महतो समता पार्टी और जेडीयू से दो बार विधायक बने. यहां से वर्तमान विधायक बीजेपी के ढुल्लू महतो हैं.

ये भी पढ़ें- कोयलांचल में कांग्रेस-BJP के बीच बादशाहत के लिए होती रही है कड़ी टक्कर, राज सिन्हा ने मंत्री को हराकर जीती थी सीट

2009 में ढुल्लू महतो बने विधायक
साल 2009 विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा से ढुल्लू महतो बाघमारा विधानसभा से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. ढुल्लू महतो के जनाधार को देखते हुए 2014 में बीजेपी ने बाघमारा विधानसभा सीट से उन्हें प्रत्याशी घोषित किया. बीजेपी का बाघमारा विधानसभा सीट पर कभी कमल नहीं खिला था. ढुल्लू महतो के रूप में इस सीट पर कमल खिला. इन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत समरेश सिंह की पार्टी झारखंड वनांचल कांग्रेस से की थी. इस सीट पर वैसे तो हर जाति और समुदाय के लोग निवास करते हैं लेकिन कुर्मी जाति के वोटर इस सीट पर हार और जीत का फैसला करने में अहम माने जाते हैं. कोयले के वर्चस्व को लेकर अक्सर यहां दो गुटों के बीच टकराव होता रहता है, जिसमें गोलियों की तड़तड़ाहट और बारूदी गंध से फिजा धमक उठती है.

दूसरी बार बड़े अंतर से हारे जलेश्वर महतो
2014 के विधानसभा चुनाव में ढुल्लू महतो को कुल 86,603 मत मिले. वहीं, जलेश्वर महतो को कुल 56,980 मत मिले थे. इस सीट पर भी जेएमएम, कांग्रेस समेत कई महत्वपूर्ण दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. ढुल्लू महतो और जलेश्वर महतो की उम्र की बात करें तो ढुल्लू महतो की उम्र लगभग अभी 50 के आसपास है. तो वहीं जलेश्वर महतो की उम्र 60 साल से ज्यादा है.

बाघमारा, धनबाद: झारखंड की 81 विधानसभा क्षेत्रों में बाघमारा विधानसभा सीट भी काफी अहम है. गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में आने वाली यह विधानसभा सीट 1977 में अस्तित्‍व में आई. यह इलाका सियासत में अहम रोल निभाता है. साल 1952 में हुए पहले चुनाव के बाद कतरास विधानसभा का अस्तित्व खत्म हो गया. 1977 में परिसीमन के बाद बाघमारा विधानसभा को नोटिफाइड माना गया.

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जलेश्वर महतो ने कांग्रेस से छीनी सीट
कांग्रेस पार्टी से ओपी लाल साल 1977 से 1990 तक चार बार विधायक रहे. शंकर दयाल सिंह तीन बार विधायक रहे. बाघमारा विधानसभा सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था. कांग्रेस से विधायक रहे ओपी लाल मंत्री भी रह चुके हैं. जलेश्वर महतो समता पार्टी और जेडीयू से दो बार विधायक बने. यहां से वर्तमान विधायक बीजेपी के ढुल्लू महतो हैं.

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2009 में ढुल्लू महतो बने विधायक
साल 2009 विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा से ढुल्लू महतो बाघमारा विधानसभा से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. ढुल्लू महतो के जनाधार को देखते हुए 2014 में बीजेपी ने बाघमारा विधानसभा सीट से उन्हें प्रत्याशी घोषित किया. बीजेपी का बाघमारा विधानसभा सीट पर कभी कमल नहीं खिला था. ढुल्लू महतो के रूप में इस सीट पर कमल खिला. इन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत समरेश सिंह की पार्टी झारखंड वनांचल कांग्रेस से की थी. इस सीट पर वैसे तो हर जाति और समुदाय के लोग निवास करते हैं लेकिन कुर्मी जाति के वोटर इस सीट पर हार और जीत का फैसला करने में अहम माने जाते हैं. कोयले के वर्चस्व को लेकर अक्सर यहां दो गुटों के बीच टकराव होता रहता है, जिसमें गोलियों की तड़तड़ाहट और बारूदी गंध से फिजा धमक उठती है.

दूसरी बार बड़े अंतर से हारे जलेश्वर महतो
2014 के विधानसभा चुनाव में ढुल्लू महतो को कुल 86,603 मत मिले. वहीं, जलेश्वर महतो को कुल 56,980 मत मिले थे. इस सीट पर भी जेएमएम, कांग्रेस समेत कई महत्वपूर्ण दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. ढुल्लू महतो और जलेश्वर महतो की उम्र की बात करें तो ढुल्लू महतो की उम्र लगभग अभी 50 के आसपास है. तो वहीं जलेश्वर महतो की उम्र 60 साल से ज्यादा है.

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