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साहिबंगज में खतरे के निशान से ऊपर गंगा, बाढ़ की तैयारियों में जुटा प्रशासन - Fear of flood in Sahibganj

साहिबगंज में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है. दियारा क्षेत्र के लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की जा रही है.

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Published : Aug 7, 2021, 2:28 PM IST

साहिबगंज: गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण जिले पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जिले में गंगा नदी खतरे के निशान (27.25 मीटर ) से ऊपर (27. 36 मीटर ) बह रही है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ दियारा में रहने वाले लोग और जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. बाढ़ आने की आशंक को लेकर जिला प्रशासन तैयारी में जुटा है.

ये भी पढ़ें- साहिबगंज में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा, कई इलाकों में बाढ़ का खतरा

लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजने की चुनौती

बक्सर, पटना , गांधीघाट , हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर , कहलगांव साहिबगंज और फरक्का तक गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से लोग भयभीत हैं. दियारा क्षेत्र और अन्य नीचले क्षेत्र से प्रशासन जहां लोगों को निकालने में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ किसानों और मजदूरों को उनके घर गंगा नदी में समा जाने का डर सता रहा है. इधर पानी बढ़ने से मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न होने लगी है. दियारा क्षेत्र में लगी फसल भी डूबने की कगार पहुंच चुकी है.

देखें वीडियो

NDRF की जरूरत

उपायुक्त राम निवास यादव के मुताबिक गंगा में पानी बढ़ने की रफ्तार बहुत तेज है. ऐसे में दियारा क्षेत्र में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की जरूरत पड़ सकती है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लोगों को सूचित किया जा रहा है कि वे समय से पहले सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं. उनके मुताबिक जिला स्तर पर इस आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. उन्होंने कहा गंगा नदी की स्थिति को देखते हुए बाढ़ घोषित किया जाएगा.

बाढ़ घोषित करने के लिए क्या हैं नियम

बता दें कि नदी के खतरे के निशान को पार करने के साथ ही बाढ़ की आशंका तेज हो जाती है. जिला स्तर पर सर्वे कर ये फैसला लिया जाता है कि क्या वाकई में गंगा के पानी से लोग प्रभावित हो चुके हैं, यदि प्रभावित हो चुके हैं तो जिला प्रशासन के बाढ़ घोषित करने का साथ ही आपदा विभाग राहत सामग्री पहुंचाने की कवायद शुरू कर देता है.

साहिबगंज: गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर के कारण जिले पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जिले में गंगा नदी खतरे के निशान (27.25 मीटर ) से ऊपर (27. 36 मीटर ) बह रही है. गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ दियारा में रहने वाले लोग और जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. बाढ़ आने की आशंक को लेकर जिला प्रशासन तैयारी में जुटा है.

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लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजने की चुनौती

बक्सर, पटना , गांधीघाट , हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर , कहलगांव साहिबगंज और फरक्का तक गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से लोग भयभीत हैं. दियारा क्षेत्र और अन्य नीचले क्षेत्र से प्रशासन जहां लोगों को निकालने में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ किसानों और मजदूरों को उनके घर गंगा नदी में समा जाने का डर सता रहा है. इधर पानी बढ़ने से मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न होने लगी है. दियारा क्षेत्र में लगी फसल भी डूबने की कगार पहुंच चुकी है.

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NDRF की जरूरत

उपायुक्त राम निवास यादव के मुताबिक गंगा में पानी बढ़ने की रफ्तार बहुत तेज है. ऐसे में दियारा क्षेत्र में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की जरूरत पड़ सकती है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लोगों को सूचित किया जा रहा है कि वे समय से पहले सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं. उनके मुताबिक जिला स्तर पर इस आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. उन्होंने कहा गंगा नदी की स्थिति को देखते हुए बाढ़ घोषित किया जाएगा.

बाढ़ घोषित करने के लिए क्या हैं नियम

बता दें कि नदी के खतरे के निशान को पार करने के साथ ही बाढ़ की आशंका तेज हो जाती है. जिला स्तर पर सर्वे कर ये फैसला लिया जाता है कि क्या वाकई में गंगा के पानी से लोग प्रभावित हो चुके हैं, यदि प्रभावित हो चुके हैं तो जिला प्रशासन के बाढ़ घोषित करने का साथ ही आपदा विभाग राहत सामग्री पहुंचाने की कवायद शुरू कर देता है.

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