धनबादः शहर के वॉच एंड वार्ड कॉलोनी स्थित तालाब लोको टैंक का पानी जहरीला हो जाने के कारण मछलियां मर रही हैं. वहीं मरी हुई मछलियों को लूट कर ले जाने वाले लोगों में होड़ मची है, लेकिन मरी हुई मछलियां खाने से लोग बीमार पड़ सकते हैं. इस बात की लोगों को तनिक भी परवाह नहीं है. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मरी हुई मछलियों को नहीं खाने की सलाह लोगों को दी है. इन मछलियों को खाने से बीमार होने की संभावना है.
नहीं थम रहा मछलियों के मरने का सिलसिलाः दरअसल, लोको टैंक तालाब की मछलियां मर कर पानी के ऊपर उपला गई हैं. मछलियों को लोग बोरों में भर-भर कर ले जा रहे हैं. तालाब का पानी जहरीला होने के कारण मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है. बताया जाता है कि पानी में ऑक्सीजन की घुलनशील मात्रा की कमी के कारण मछलियां मर रही हैं. तालाब की लगभग मछलियां मर गई हैं. वर्ष 2020 और 21 में भी करीब एक सौ क्विंटल से अधिक की मछलियां इस तालाब में मर गई थीं, लेकिन तालाब की सफाई को लेकर ना तो निगम ने कोई पहल की और ना ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने. नतीजतन मछलियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है.
लोगों से लोको टैंक की मछलियां नहीं खाने की अपीलः वहीं तालाब में मर रही मछलियों को लेकर झारखंड राज्य क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि पानी में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा तीन मिलीग्राम प्रति लीटर से नीचे चला गया है. जबकि सामान्यतः तालाब के पानी में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा 5 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम नहीं होनी चाहिए. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी रामप्रवेश कुमार ने बताया कि लोको टैंक का पानी जहरीला हो गया है. इस कारण मछलियां मर रही हैं. उन्होंने मामले की जांच करने की बात कही है. साथ ही लोगों को लोको टैंक तालाब की मछलियां नहीं खाने की सलाह दी है.
लोको टैंक तालाब की होगी सफाईः वहीं इस संबंध में धनबाद के नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने कहा कि लोको टैंक का सौंदर्यीकरण किया जाना है. सौंदर्यीकरण के लिए 13 करोड 16 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी. इसमें तालाब के पानी का ट्रीटमेंट भी शामिल है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर तालाब का गंदा पानी शोधित करने की योजना है.