धनबादः कोल इंडिया प्रबंधन के द्वारा जबलपुर हाई कोर्ट का हवाला देकर सितंबर महीने का अक्टूबर में मिलने वाले वेतन पर रोक लगा दी है. प्रबंधन के इस फरमान के विरोध में कोलकर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है.
संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कोलकर्मियों ने सोमवार को कोल इंडिया की बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल समेत सभी महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रबंधन के मनमाने रवैया के खिलाफ प्रदर्शन किया. कर्मियों ने कहा कि कोल इंडिया अगर उनके हित में फैसला नहीं लेती तो आगामी 12 से 14 अक्टूबर तक पूरे कोल इंडिया में हड़ताल की घोषणा की गई है. इसी के मद्देनजर बीसीसीएल की सरायढेला स्थित वाशरी डिविजन मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष संयुक्त मोर्चा के द्वारा प्रदर्शन किया गया.
धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सह संयुक्त मोर्चा के नेता उमेश कुमार सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट का हवाला देकर एनसीडब्ल्यूए पे-रिवीजन को लेकर इस महीने की अक्टूबर माह में मिलने वाले वेतन पर प्रबंधन ने रोक लगा दी है. प्रबंधन के इस फरमान से कोलकर्मियों में आक्रोश है. एनसीडब्ल्यूए 11 पे-रिवीजन में कई तरह के मुद्दों पर प्रबंधन से बात हुई थी. उन मुद्दों पर भी प्रबंधन के द्वारा बैठक नहीं की गयी, समय रहते प्रबंधन को पे रिवीजन की मांगों पर विचार करने की जरूरत है. यह आंदोलन मजदूरों के अस्तित्व के लिए है.
इस आंदोलन में सभी ट्रेड यूनियन शमिल हैं. प्रबंधन उनकी मांगें पूरा नहीं करती है तो पूरे कोल इंडिया में 12, 13 और 14 अक्टूबर को कोल कर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे. इन तीन दिनों में बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल समेत कोल इंडिया की सभी इकाई से कोयले का उत्पादन पूरी तरह से बंद रहेगा. इसके साथ कोयले की ट्रांसपोर्टिंग भी नहीं होने दी जाएगी. इसके बाद भी प्रबंधन नहीं मानती तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की रणनीति बनाई जाएगी.
बता दें कि कोल इंडिया प्रबंधन ने मध्य प्रदेश के जबलपुर हाई कोर्ट के एनसीडब्ल्यूए 11 पे-रिवीजन को लेकर 29 अगस्त 2023 के आदेश का हवाला देकर अधिकारियों के द्वारा कर्मियों के सितंबर माह के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है, वेतन पर्ची भी तैयार नहीं करने को कहा है. इस फैसले से कोल इंडिया के 2 लाख 33 हजार कर्मियों के ऊपर इसका सीधा असर पड़ेगा.