धनबाद: कोयलांचल के झरिया इलाके में आजादी के 73 साल गुजर जाने के बाद भी यहां के लोगों को पीने के पानी की घोर समस्या है. कई सरकारें आई और गई लेकिन समस्या जस का तस बनी हुई है. गर्मी हो या बरसात झरिया के कई इलाकों के हजारों की आबादी के बीच पानी के लिए हर रोज जंग करना पड़ता है. जिसको लेकर सरकार की ओर से आज तक कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया.
झरिया के सभी इलाकों में पीने की पानी की समस्या देखने को मिलती है. जगह-जगह पीने की पानी के लिए आए दिन खूनी संघर्ष देखने को मिलते रहती है, लेकिन बागडीगी, बरारी, सुंदरपुर इलाकों में पीने की पानी की घोर समस्या है. लगभग 5000 की आबादी वाला बागडीगी इलाके में बीसीसीएल की ओर से सिर्फ एक हैंडपंप लगाया गया है. जिससे लोग अपनी प्यास बुझाते हैं. इन जगहों पर पीने की पानी के लिए आए दिन लड़ाई-झगड़ा देखने को मिलते रहती है. इस इलाके में स्थानीय ऑटो चालक पीने की पानी की समस्या को देखते हुए ऑटो से पानी की सप्लाई करते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि धनबाद नगर निगम को इन कॉलोनियों से कोई मतलब नहीं है. नालियां भी गंदगी से भरी पड़ी है. पूरे इलाके में एक हैंडपंप है, जो बीसीसीएल की ओर से लगाई गई है. झरिया का नगर निगम इलाका सिर्फ नाम के लिए नगर निगम का क्षेत्र है. यहां से निगम सिर्फ टैक्स वसूलता है. लोगों ने बताया कि आजादी के बाद से अभी तक कई नेता आए और सिर्फ आश्वासन देकर चले गए, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
अपने किए वादे को पूरा करेंगी झरिया विधायक
धनबाद नगर निगम के वार्ड नंबर 42 के सुंदरपुर इलाके के लोगों ने बताया कि पीने की पानी की समस्या के चलते बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, लोगों के रोजगार आदि पर भी असर पड़ता है. क्योंकि सारा कुछ छोड़कर लोगों को पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. जिससे दूसरे कामों पर भी फर्क पड़ता है. मजदूरी करने वाले लोगों को सबसे पहले अपने घर की पानी की समस्या का हल करके ही मजदूरी के लिए निकलना पड़ता है. उन्होंने कहा कि शायद हम अभी भी आजाद नहीं है. जिस कारण यह समस्या झेलने को मजबूर हैं. इस मामले को लेकर झरिया विधानसभा से कांग्रेस के निर्वाचित विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने भी स्थानीय लोगों की समस्याओं को सही बताया. उन्होंने कहा कि झरिया में आजादी के बाद से ही पानी की घोर समस्या रही है. जिस पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा की समस्या काफी पहले की और काफी बड़ी है. लोगों को उनपर भरोसा रखना होगा. पानी की समस्या का निदान उनकी ओर से जरूर की जाएगी. उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें 5 साल के लिए चुना है और वे अपने कार्यकाल में इस समस्या को जरूर दूर करेंगी.
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लोग फ्री में चाहते हैं पानी
वहीं, इस पूरे मामले पर माडा टेक्निकल मेंबर इंद्रेश शुक्ला का कहना है कि झरिया में पानी की समस्या से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन लोगों को फ्री में पानी चाहिए, जो हम नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को पानी का कनेक्शन चाहिए, उन्हें हम कनेक्शन देने के लिए तैयार है, लेकिन लोग कनेक्शन ना ले कर फ्री में पानी चाहते हैं. जो दे पाना उनके लिए बस की बात नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि झरिया में अधिकतर इलाके बीसीसीएल और टाटा के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. उन इलाकों में पानी की सप्लाई करना बीसीसीएल और टाटा की जिम्मेवारी है और वे टाटा और बीसीसीएल को उनकी डिमांड के अनुसार पानी दे रहे हैं. फिर भी जो कोई भी लोग पानी का कनेक्शन लेना चाहते हैं उन्हें भी विभाग की ओर से कनेक्शन दिया जाएगा. बहरहाल, आजादी के कई साल गुजर जाने के बाद आज भी देश के कई गांवों में पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सरकारें आती है, वो सिर्फ विकास की बातें और वादे करती हैं, लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही होता है.