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भाई के अंतिम संस्कार के लिए लिया चंदा, शव को झाड़ियों में फेंक पी गया शराब

धनबाद में एक भाई ने अपने बड़े भाई के अंतिम संस्कार के लिए चंदा से इकट्ठा किए पैसों से पी शराब गया. शव को यूं ही झाड़ियों में छोड़कर वो शराब पीने चला गया. सुबह जब गांव वालों ने दबाव बनाया तो शव का अंतिम संस्कार किया गया.

झाड़ियों में पड़ा शव
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Published : May 29, 2019, 11:13 PM IST

धनबादः शराब का नशा ऐसा कि अंतिम संस्कार के लिए चंदा से इकठ्ठा किए गए पैसों से शराब पी गया और शव को झाड़ियों में फेंक दिया. ऐसा किसी और ने नहीं बल्कि अपने ही छोटे भाई ने बड़े भाई के शव के साथ किया है. स्थानीय लोगों के दबाव के बाद शव को खोजा गया और अंतिम संस्कार किया गया.

देखें वीडियो

भूली C ब्लॉक के रहनेवाले 60 वर्षीय ओमप्रकाश पांडेय की मौत मंगलवार को अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई. ओमप्रकाश बेहद गरीब था. ज्यादातर उसका समय अस्पताल में ही कटता था. गरीबी का ख्याल रखते हुए लोगों ने शव के अंतिम संस्कार के लिए चंदा इकट्ठा कर गांव वालों ने ओमप्रकाश के भाई धर्मराज को तीन हजार रुपए दिए. जिससे कुछ साथियों के साथ अंत्योष्टि के लिए कुछ सामान लाया और बाकी पैसों का अपने साथियों के साथ शराब पी गया. हद तो तब हो गई जब शव को B ब्लॉक के समीप रेलवे ट्रैक की झाड़ियों में शव फेंककर चला गया.

ये भी पढ़ें-भाजपा प्रवक्ता मिस्फिका के बूथ पर सफल नहीं हो पाया भाजपा का नारा, पार्टी कर रही समीक्षा

मृतक के भाई धर्मराज का कहना है कि वो कुछ साथियों के साथ शव लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंचा था. माचिस नहीं रहने के कारण अपने साथियों के साथ माचिस लाने चला गया. उसने स्वीकार किया कि वो प्रतिदिन शराब पिए बिना रह नहीं सकता इसलिए वो शराब पीने चला गया था. उसने ये भी कहा कि जब वो वापस लौटा तो शव नहीं था. वहीं, लोगों को जब शव होने की सूचना मिली तो उसपर दबाव बनाकर अंतिम संस्कार करवाया.

धनबादः शराब का नशा ऐसा कि अंतिम संस्कार के लिए चंदा से इकठ्ठा किए गए पैसों से शराब पी गया और शव को झाड़ियों में फेंक दिया. ऐसा किसी और ने नहीं बल्कि अपने ही छोटे भाई ने बड़े भाई के शव के साथ किया है. स्थानीय लोगों के दबाव के बाद शव को खोजा गया और अंतिम संस्कार किया गया.

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भूली C ब्लॉक के रहनेवाले 60 वर्षीय ओमप्रकाश पांडेय की मौत मंगलवार को अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई. ओमप्रकाश बेहद गरीब था. ज्यादातर उसका समय अस्पताल में ही कटता था. गरीबी का ख्याल रखते हुए लोगों ने शव के अंतिम संस्कार के लिए चंदा इकट्ठा कर गांव वालों ने ओमप्रकाश के भाई धर्मराज को तीन हजार रुपए दिए. जिससे कुछ साथियों के साथ अंत्योष्टि के लिए कुछ सामान लाया और बाकी पैसों का अपने साथियों के साथ शराब पी गया. हद तो तब हो गई जब शव को B ब्लॉक के समीप रेलवे ट्रैक की झाड़ियों में शव फेंककर चला गया.

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मृतक के भाई धर्मराज का कहना है कि वो कुछ साथियों के साथ शव लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंचा था. माचिस नहीं रहने के कारण अपने साथियों के साथ माचिस लाने चला गया. उसने स्वीकार किया कि वो प्रतिदिन शराब पिए बिना रह नहीं सकता इसलिए वो शराब पीने चला गया था. उसने ये भी कहा कि जब वो वापस लौटा तो शव नहीं था. वहीं, लोगों को जब शव होने की सूचना मिली तो उसपर दबाव बनाकर अंतिम संस्कार करवाया.

Intro:धनबाद।शराब का नशा ऐसा कि अंतिम संस्कार के लिए चंदा से इकठ्ठा किए गए पैसे से शराब पी गया और शव को झाड़ियों में फेंक दिया।ऐसा किसी और ने नही बल्कि अपने ही छोटे भाई ने बड़े भाई के शव के साथ किया है।स्थानीय लोगों के दबाव के बाद शव को खोजा और अंतिम संस्कार किया गया।


Body:भूली सी ब्लॉक के रहनेवाले 60 वर्षीय ओमप्रकाश पांडेय की मौत मंगलवार को अस्पताल में इलाज के दौरान हो गयी।ओमप्रकाश बेहद गरीब था।ज्यादातर उसका समय अस्पताल में ही कटता था।गरीबी का ख्याल रखते हुए लोगों ने शव के अंतिम संस्कार के लिए चंदा इकट्ठा कर भाई धर्मराज को तीन हजार रुपए दिए।कुछ साथियों के साथ अंत्योष्टि के लिए कुछ सामान लाए और बाकी पैसों का अपने साथियों के साथ शराब पी गया और शव को बी ब्लॉक के समीप रेलवे ट्रैक की झाड़ियों में फेककर चला गया।

भाई धर्मराज का कहना है कि कुछ साथियों के साथ हम शव लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंचे थे।माचिस नही रहने के कारण हम अपने साथी के साथ माचिस लाने चले गए।वापस लौट कर देखा तो शव नही था।उसने स्वीकार किया कि वह प्रतिदिन शराब पीए बिना रह नही सकता,इसलिए वह शराब पीने चला गया था।

लोगों को जब शव होने की सूचना मिली तो उसपर दबाव बनाकर अंतिम संस्कार करवाया।




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