धनबाद: जिले के तीन मुखिया से राशि लेकर शौचालय निर्माण नहीं कराने का मामला सामने आया है. तीनों मुखिया से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने शौचालय निर्माण की राशि वापस लेने का फैसला लिया है. इस मामले में गोविंदपुर प्रखंड के मरीचो, मधुबनी-2 और बाघमारा प्रखंड के कंचनपुर के मुखिया को पत्र भेज दिया गया है.
578 शौचालय का अब तक नहीं हुआ है निर्माण
इन तीनों मुखियाओं से पेयजल व स्वच्छता विभाग कूल 1 करोड़ 14 लाख 4 हजार रुपये की वसूली करने वाला है. अगर तय समय पर राशि की वापसी नहीं की जाती है, तो इन मुखियाओं के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी. गोविंदपुर प्रखंड के मरीजों पंचायत में करीब 816 शौचालय का निर्माण होना था और मुखिया को इसके लिए पैसे भी दे दिए गए थे, लेकिन अब तक सिर्फ 238 शौचालय का ही निर्माण हो पाया है. 578 शौचालय का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है. इस एवज में 69 लाख के करीब रुपए की वसूली की जानी है. मुखिया की ओर से दिया गया चेक भी दो बार बाउंस कर गया है. गोविंदपुर प्रखंड के ही महूबनी-2 पंचायत में करीब 530 शौचालय का निर्माण का लक्ष्य रखा गया था. इसके एवज में 203 शौचालय का निर्माण यहां भी लंबित है. इस पंचायत से भी 24 लाख रुपए के करीब वसूली की जानी है.
राशि वसूली की प्रक्रिया शुरू
ठीक उसी तरह बाघमारा प्रखंड के कंचनपुर पंचायत में 428 शौचालय का निर्माण होना था, लेकिन 236 शौचालय का निर्माण यहां भी नहीं हुआ है. इस पंचायत से भी 28 लाख के करीब वसूली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कंचनपुर पंचायत के मुखिया फिलहाल वेल्लोर में इलाजरत है. इस कारण उन्होंने पेयजल विभाग से कुछ समय की मांग की है. मुखिया ने कहा है कि पैसा वापस कर देंगे. इस मामले में गोविंदपुर प्रखंड के महुबनी-2 पंचायत के मुखिया लाल मोहन महतो ने बताया कि यूनिसेफ के लोगों को शौचालय बनवाने का ठेका दिया गया था. उन्होंने आधा अधूरा काम किया और वह भाग गए. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही वह इलाज करा कर वापस घर लौटे हैं और जल्द ही पैसा वापस कर देंगे.
ये भी पढ़ें-गाड़ी के प्लेट से हटाना होगा नाम और सरनेम, झारखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
मुखिया को सौंपना होगा उपयोगिता प्रमाण पत्र
इस पूरे मामले में गोविंदपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि मीडिया के माध्यम से गोविंदपुर प्रखंड के दो मुखिया पर पेयजल व स्वच्छता विभाग की और से पैसा वापसी की बात सामने आई है. इन पंचायत के मुखिया ने शौचालय उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया है. शौचालय निर्माण का कार्य प्रगति पर है. अब तक उन्हें इस बाबत किसी प्रकार की जानकारी पेयजल व स्वच्छता विभाग की ओर से नहीं दी गई है. मुखिया को उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंपना होगा, नहीं तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है.