धनबाद: गैंगस्टर्स और अपराधियों के थ्रेट कॉल, फायरिंग, बमबारी की घटनाओं से परेशान धनबाद के 600 कारोबारियों ने सामूहिक रूप से आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन करने का फैसला किया है. कारोबारियों का कहना है कि जब पुलिस सुरक्षा नहीं दे सकती तो उन्हें आत्मरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस ही दे दिया जाए. व्यावसायिक संगठनों का आह्वान पर लोग आर्म्स लाइसेंस के लिए फार्म भर रहे हैं. ये फॉर्म जिला प्रशासन के पास एक साथ जमा किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें: दुबई में बैठकर गैंग चला रहे वासेपुर गैंगस्टर प्रिंस खान के मददगारों पर सर्जिक स्ट्राइक! पुलिस ने 62 बैंक अकाउंट्स करवाए फ्रीज
जिला पुलिस ने पिछले दो महीनों के भीतर धनबाद में रंगदारी वसूलने वाल प्रिंस खान, अमन सिंह सहित अन्य गिरोहों के तकरीबन डेढ़ दर्जन गुर्गों को गिरफ्तार किया है, लेकिन, इसके बाद भी थ्रेट कॉल और फायरिंग का सिलसिला थम नहीं रहा. अब गैंगस्टर थ्रेट कॉल के लिए इंटरनेट ऐप और तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे विदेशी नंबरों से कॉल कर कारोबारियों से रंगदारी मांग रहे हैं.
धनबाद पुलिस तकनीकी रूप से इतनी सक्षम नहीं है कि इससे निपट सके. पुलिस ने मामले में राज्य सरकार, पुलिस मुख्यालय और साइबर सेल से पत्राचार कर मदद की गुहार लगाई है. पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि कुछ अपराधी तो जेल में रहते हुए विदेशी नंबरों से यहां के व्यापारियों को कॉल कर धमका रहे हैं. साइबर सेल से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस को पक्की सूचना है कि धनबाद जेल में 11 मोबाइल नंबर एक्टिव हैं. इनमें 4 मोबाइल का इस्तेमाल भयादोहन एवं रंगदारी के लिए किया जा रहा है.
इन नंबरों से जेल के बाहर फोन, मैसेज और व्हाट्सएप कॉलिंग की जा रही है. धनबाद पुलिस ने इस पर रोक के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा है. धनबाद शहर में चर्चा है कि प्रिंस खान के रंगदारी के धंधे को उसका भाई गोपी खान आगे बढ़ा रहा है. गोपी खान इन दिनों धनबाद जेल में बंद है. पुलिस को मिले इनपुट के मुताबिक वासेपुर के गैंगस्टर प्रिंस खान पर शिकंजा कसने के बाद उसका दहशत बरकरार रखने के लिए गोपी खान व्यवसायियों को धमका रहा है.
गोपी खान जेल में बंद है और अंदर से ही वह कॉल कर रहा है. वह इस तरह की कॉल के लिए इंटरनेट ऐप का इस्तेमाल कर रहा है. इसक जरिए वह व्यवसायियों का भयादोहन कर पैसे मांग रहा है. पुलिस के पास इन नंबरों को ट्रेस करने की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण पुलिस ने मुख्यालय को पत्र लिख कर मदद मांगी है. बताया जा रहा है कि ये शातिर अपराधी फर्जी नाम से मोबाइल सिम खरीद रहे हैं. इसके बाद अपराधी सिम के जरिए इंटरनेट से कॉलिंग ऐप खरीदकर उससे फोन कर रहे हैं.
ऐप से फोन करने पर विदेशी फोन के नंबर का कोड +1(519) होता है. धनबाद में इस कोड से कई व्यवसायियों के पास फोन आए हैं. इंटरनेट पर यह कोड नॉर्थ अमेरिका का बताता है. इससे पुलिस कन्फ्यूज हो रही है. झारखंड पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही कुछ तकनीकी अधिकारी धनबाद पहुंचने वाले हैं, जो पुलिस और साइबर सेल की मदद करेंगे.
( इनपुट-आईएएनएस)