देवघर: कोरोना काल में लगभग 7 महीने तक लॉकडाउन में स्ट्रीट वेंडरों की स्थिति भुखमरी के कगार पर पहुंच गई थी, लेकिन अब अनलॉक के शुरू होते ही स्ट्रीट वेंडरों को दुकान लगाने की इजाजत मिल गई लेकिन उनके पास पूंजी ही नहीं है. केंद्र सरकार की योजना पीएम स्वनिधि योजना के तहत इन वेंडरों को 10 हजार रुपये आर्थिक सहायता के रूप में मुहैया कराया जाना था, जिसको लेकर नगर निगम में 1 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडरों ने आवेदन दिया है.
सरकारी बाबूओं की सुस्ती
जानकारी के अनुसार 6 सौ स्ट्रीट वेंडरों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए स्वीकृत दे दी गई है, जिसमें लगभग 2 सौ वेंडरों को 10 हजार का ऋण उपलब्ध भी कराया गया है. ऐसे में बांकी बचे स्ट्रीट वेंडरों आए दिन दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सरकारी बाबुओं का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, जिसके कारण स्ट्रीट वेंडरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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नगर आयुक्त का आश्वासन
पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडरों को मिलने वाली 10 हजार का ऋण लाभुकों तक नहीं पहुंचने की ईटीवी भारत की टीम ने नगर आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल को बताई, लेकिन उन्होंने दुर्गा पूजा का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया और जल्द सभी स्ट्रीट वेंडरों को ऋण दिलाने की बात कही. स्ट्रीट वेंडरों को मिलने वाली 10 हजार का ऋण कब तक निगम दिलाती है, जिससे वो फिर से आत्मनिर्भर बन सके और प्रधानमंत्री का सपना पूरा हो सके.