देवघर: हरतालीका तीज को लेकर देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सुबह से ही महिलाओं की भीड़ लगी रही. मंदिर का पट खुलते ही महिलाओं ने बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण किया और पूजा-अर्चना की. बता दें कि हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है. सुहागिन महिलाएं साल भर तीज का इंतजार करती हैं. इस दिन महिलाएं खास तौर पर व्रत रखकर पूजा-अर्चना करती हैं.
महिलाओं ने 16 शृंगार कर पूजा कीः तीज के व्रत में दिनभर उपवास रखकर महिलाएं 16 शृंगार कर अपने सुहाग की रक्षा के लिए भगवान शंकर और माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं. महिलाएं पूजा के बाद ब्राह्मणों को शृंगार का समान दान में देती हैं. यह परंपरा काफी पुरानी है और इसका विशेष महत्व है. वहीं तीज को लेकर महिलाओं ने बाबा बैद्यनाथ की पूजा के बाद मंदिर के प्रांगण में कथा का श्रवण किया. पुरोहित ने विस्तारपूर्वक सुहागिन महिलाओं को कथा सुनायी. कथा और पूजा के समापन के बाद महिलाओं ने पुरोहित को श्रद्धा से दान भी किया.
पति की लंबी आयु के लिए रखा निर्जला व्रतः इस संबंध में देवघर के तीर्थपुरोहित प्रमोद शृंगारी बताते हैं कि हरतालिका तीज पर्व पर बाबा बैद्यनाथ का दर्शन करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. यह पर्व महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती हैं. यह व्रत को सर्वप्रथम माता पार्वती ने किया था. इसलिए ये बेहद खास व्रत माना जाता है. सुहागिनों को यह व्रत करने से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है. चूंकि माता पार्वती ने यह व्रत करते हुए अन्न-जल त्याग दी थी. इसलिए इस व्रत को करने वाली महिलाएं अन्न और जल ग्रहण नहीं करती हैं. उन्होंने कहा कि आज व्रत रख रही महिलाएं शाम के 7:28 बजे के बाद अन्न-जल ग्रहण कर सकती है और अपना व्रत तोड़ सकती हैं.