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बारिश की कमी के कारण किसान परेशान, देवघर में धानरोपनी का कार्य शुरू

देवघर में बारिश की कमी के कारण किसान परेशान हैं. किसान ने किसी तरह खेतों में पानी की व्यवस्था कर धानरोपनी का कार्य शुरू किया है. अगर सरकार की तरफ से कोई वैकल्पित व्यवस्था नहीं की गई तो फसल बर्बाद हो सकता है. बाबजूद इसके किसान उम्मीद के साथ धनरोपनी में लगे हैं.

खेत में किसान
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Published : Jul 31, 2019, 1:57 PM IST

देवघर: मधुपुर अनुमंडल में जुलाई महीने में कम बारिश होने के बावजूद किसान अपने-अपने खेतों में हल-बैल लेकर खेती कार्य में जुट गए हैं. कई गांव में बिचड़ा तैयार होने के बाद धनरोपनी का कार्य भी शुरू हो गया है.

देखें पूरी खबर

बारिश की कमी के कारण किसान परेशान जरूर है लेकिन उन्होंने हौसला नहीं खोया है. निचले इलाकों में किसान खेतों में धान रोपने के लिए खेत की जुताई करने में जुटे हुए हैं. इस क्षेत्र के कई गांवों में किसान खेतों में धान रोपने के लिए धान का बिचड़ा को खेत में डाल रहे हैं. किसानों ने बताया कि बारिश की कमी के कारण खेती कार्य प्रारंभ करने में विलंब हुआ है, लेकिन पानी होने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि मनरेगा में भी कोई कार्य नहीं है और ना ही पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था सरकार ने किया है. ऐसे में इस साल धान की फसल नहीं होने की संभावना अधिक नहीं है.

ये भी पढ़ें-नक्सलियों के शहीद सप्ताह को लेकर प्रशासन सख्त, SSP ने किया औचक निरीक्षण

किसान धान रोपने में जुटे हुए तो हैं, लेकिन उन्हें अभी से ही पानी नहीं होने का भय सता रहा है. किसान मेहनत के साथ खेती तो कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी बारिश नहीं हुई तो धान की फसल होने की उम्मीद नहीं है. बाबजूद इसके उम्मीद के साथ किसान अपने-अपने खेतों में धानरोपनी का कार्य शुरू कर दिया है.

देवघर: मधुपुर अनुमंडल में जुलाई महीने में कम बारिश होने के बावजूद किसान अपने-अपने खेतों में हल-बैल लेकर खेती कार्य में जुट गए हैं. कई गांव में बिचड़ा तैयार होने के बाद धनरोपनी का कार्य भी शुरू हो गया है.

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बारिश की कमी के कारण किसान परेशान जरूर है लेकिन उन्होंने हौसला नहीं खोया है. निचले इलाकों में किसान खेतों में धान रोपने के लिए खेत की जुताई करने में जुटे हुए हैं. इस क्षेत्र के कई गांवों में किसान खेतों में धान रोपने के लिए धान का बिचड़ा को खेत में डाल रहे हैं. किसानों ने बताया कि बारिश की कमी के कारण खेती कार्य प्रारंभ करने में विलंब हुआ है, लेकिन पानी होने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि मनरेगा में भी कोई कार्य नहीं है और ना ही पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था सरकार ने किया है. ऐसे में इस साल धान की फसल नहीं होने की संभावना अधिक नहीं है.

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किसान धान रोपने में जुटे हुए तो हैं, लेकिन उन्हें अभी से ही पानी नहीं होने का भय सता रहा है. किसान मेहनत के साथ खेती तो कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी बारिश नहीं हुई तो धान की फसल होने की उम्मीद नहीं है. बाबजूद इसके उम्मीद के साथ किसान अपने-अपने खेतों में धानरोपनी का कार्य शुरू कर दिया है.

Intro:बारिस होने के साथ खेती कार्य में जुटे किसानBody:मधुपुर अनुमंडल में जुलाई महीने में अच्छी बारिश होने के साथ ही किसान अपने अपने खेतों में हल बैल लेकर सुबह से ही खेती कार्य में जुट गए हैं। कई गांव में तो बिचड़ा तैयार होने के बाद धनरोपनी शुरू हो गया है, खासकर निचले इलाकों में किसान खेतों में धान रोपने के लिए खेत की जुताई करने में जुटे हुए हैं वहीं महिलाएं भी धन रोपनी कार्य में जुट गई है। क्षेत्र के कई गांव में किसान धान रोपनी में लगे हुए हैं इधर किसान खेतों में धान रोपने के लिए बिचड़ा को खेत में डाल रहे हैं किसानों ने बताया कि देर से बारिश होने के कारण खेती कार्य प्रारंभ करने में विलंब हुआ है ,लेकिन पानी होने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि मनरेगा में भी कोई कार्य नहीं है और ना ही पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था सरकार ने नहीं किया है ऐसे में इस वर्ष धान नहीं होने की संभावना अधिक नहीं है।एक ओर किसान धान रोकने में जुटे हुए हैं लेकिन उन्हें अभी से ही पानी नहीं होने का भय सता रहा है किसान मेहनत के साथ खेती तो कर रहे हैं लेकिन इसके बाद भी बारिस नहीं हुई तो धान का फसल नहीं होने की उम्मीद नहीं है
बाईट- किसानConclusion:बहरहाल उम्मीद के साथ किसान अपने अपने खेतों में धान रोकने का कार्य शुरू कर दिया
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