देवघर: एक महीने तक चलने वाले विश्वप्रसिद्ध मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. शिवलिंग पर जल चढ़ाने यहां हर सोमवार भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन इस बार सावन मेले में बाजार मंदा रहा जिसे लेकर दुकानदारों में मायूसी है.
सावन के एक महीने में लगभग 25 से 30 लाख श्रद्धालु देवनगरी पहुंचते हैं. बाबा भोलेनाथ का जलार्पण के बाद यहां श्रद्धालु बाजारों से प्रसाद के अलावा भी कई सामान खरीदते हैं. इस बार सावन के मेले में दुकानदारों की बिक्री कुछ खास नहीं हो सकी है. आंकड़ों के अनुसार इस बार के मेले में दुकानदारों की बिक्री पिछले सावन मेले से बहुत कम हुई है.
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होटलों और दुकानदारों पर प्रभाव
चेम्बर ऑफ कॉमर्स और खुदरा व्यवसायी संघ के सदस्यों ने जानकारी दी कि इस बार का मेला एक तरफा हो गया है, जिससे मेला क्षेत्र के स्थानीय होटल हो या स्थानीय दुकानदार सभी पर काफी प्रभाव पड़ा है. उन्होंने बताया कि जहां एक महीने के बाजार में व्यवसायी अपनी पूंजी बनाता था वहां इस बार कुछ खास बिक्री नहीं पाई है.
10 किलोमीटर पहले रोक दिए जाते हैं भक्त
दुकानदारों ने कहा कि जहां पहले 24 घंटे दुकान खुली रहती थी वहां अब देर रात बंद हो जाती है, इसका एक मात्र कारण है कि मेला एक तरफा कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को 10 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाता है, जिसके कारण बाजार में श्रद्धालुओं का ठहराव नहीं हो पाता है.
बाजारों में मंदी
बहरहाल, श्रवणी मेला में जहां भक्तों का तांता लगा रहता है और पूरे सावन महीने में लाखों लोगों का आवागमन होता है. व्यवसायियों को अनुमान रहता है कि मेले में लगभग 50 से 60 करोड़ का बाजार होगा, लेकिन व्यवसायियों की सोच पर इस बार पानी फिर गया है. व्यवसायीयों को इस बात का डर सताने लगा है कि मेले में लगा पूंजी वापस आएगी या नहीं.