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देवघर: मेला बाजार से व्यवसायियों में मायूसी, पूरे महीने में 50 से 60 करोड़ की बाजार होने की थी उम्मीद - लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

विश्व प्रसिद्ध मेला सावन में इस बार व्यवसायियों की कुछ खास कमाई नहीं हो पाई है, जिससे उनमें काफी मायूसी है. व्यवसायियों को इस बार मेले में लगाए अपनी पूंजी डूबने का भी डर सताने लगा है.

मेला बाजार से व्यवसायियों में मायूसी
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Published : Aug 11, 2019, 11:50 PM IST

Updated : Aug 11, 2019, 11:59 PM IST

देवघर: एक महीने तक चलने वाले विश्वप्रसिद्ध मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. शिवलिंग पर जल चढ़ाने यहां हर सोमवार भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन इस बार सावन मेले में बाजार मंदा रहा जिसे लेकर दुकानदारों में मायूसी है.

देखें स्पेशल स्टोरी

सावन के एक महीने में लगभग 25 से 30 लाख श्रद्धालु देवनगरी पहुंचते हैं. बाबा भोलेनाथ का जलार्पण के बाद यहां श्रद्धालु बाजारों से प्रसाद के अलावा भी कई सामान खरीदते हैं. इस बार सावन के मेले में दुकानदारों की बिक्री कुछ खास नहीं हो सकी है. आंकड़ों के अनुसार इस बार के मेले में दुकानदारों की बिक्री पिछले सावन मेले से बहुत कम हुई है.

इसे भी पढ़ें:- भगवान शिव के लिए जरुरी है 'कांचा जल', इसके बिना अधूरी है बाबा नगरी की पूजा

होटलों और दुकानदारों पर प्रभाव
चेम्बर ऑफ कॉमर्स और खुदरा व्यवसायी संघ के सदस्यों ने जानकारी दी कि इस बार का मेला एक तरफा हो गया है, जिससे मेला क्षेत्र के स्थानीय होटल हो या स्थानीय दुकानदार सभी पर काफी प्रभाव पड़ा है. उन्होंने बताया कि जहां एक महीने के बाजार में व्यवसायी अपनी पूंजी बनाता था वहां इस बार कुछ खास बिक्री नहीं पाई है.

10 किलोमीटर पहले रोक दिए जाते हैं भक्त
दुकानदारों ने कहा कि जहां पहले 24 घंटे दुकान खुली रहती थी वहां अब देर रात बंद हो जाती है, इसका एक मात्र कारण है कि मेला एक तरफा कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को 10 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाता है, जिसके कारण बाजार में श्रद्धालुओं का ठहराव नहीं हो पाता है.

बाजारों में मंदी
बहरहाल, श्रवणी मेला में जहां भक्तों का तांता लगा रहता है और पूरे सावन महीने में लाखों लोगों का आवागमन होता है. व्यवसायियों को अनुमान रहता है कि मेले में लगभग 50 से 60 करोड़ का बाजार होगा, लेकिन व्यवसायियों की सोच पर इस बार पानी फिर गया है. व्यवसायीयों को इस बात का डर सताने लगा है कि मेले में लगा पूंजी वापस आएगी या नहीं.

देवघर: एक महीने तक चलने वाले विश्वप्रसिद्ध मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. शिवलिंग पर जल चढ़ाने यहां हर सोमवार भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन इस बार सावन मेले में बाजार मंदा रहा जिसे लेकर दुकानदारों में मायूसी है.

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सावन के एक महीने में लगभग 25 से 30 लाख श्रद्धालु देवनगरी पहुंचते हैं. बाबा भोलेनाथ का जलार्पण के बाद यहां श्रद्धालु बाजारों से प्रसाद के अलावा भी कई सामान खरीदते हैं. इस बार सावन के मेले में दुकानदारों की बिक्री कुछ खास नहीं हो सकी है. आंकड़ों के अनुसार इस बार के मेले में दुकानदारों की बिक्री पिछले सावन मेले से बहुत कम हुई है.

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होटलों और दुकानदारों पर प्रभाव
चेम्बर ऑफ कॉमर्स और खुदरा व्यवसायी संघ के सदस्यों ने जानकारी दी कि इस बार का मेला एक तरफा हो गया है, जिससे मेला क्षेत्र के स्थानीय होटल हो या स्थानीय दुकानदार सभी पर काफी प्रभाव पड़ा है. उन्होंने बताया कि जहां एक महीने के बाजार में व्यवसायी अपनी पूंजी बनाता था वहां इस बार कुछ खास बिक्री नहीं पाई है.

10 किलोमीटर पहले रोक दिए जाते हैं भक्त
दुकानदारों ने कहा कि जहां पहले 24 घंटे दुकान खुली रहती थी वहां अब देर रात बंद हो जाती है, इसका एक मात्र कारण है कि मेला एक तरफा कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को 10 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाता है, जिसके कारण बाजार में श्रद्धालुओं का ठहराव नहीं हो पाता है.

बाजारों में मंदी
बहरहाल, श्रवणी मेला में जहां भक्तों का तांता लगा रहता है और पूरे सावन महीने में लाखों लोगों का आवागमन होता है. व्यवसायियों को अनुमान रहता है कि मेले में लगभग 50 से 60 करोड़ का बाजार होगा, लेकिन व्यवसायियों की सोच पर इस बार पानी फिर गया है. व्यवसायीयों को इस बात का डर सताने लगा है कि मेले में लगा पूंजी वापस आएगी या नहीं.

Intro:देवघर सावन मेला बाजार से व्यवसायियो में मायूसी,पूरे महीने में 50 से 60 करोड़ की होती थी बाजार।


Body:एंकर देवघर श्रवणी मेला ओर श्रद्धालुओ की देवनगरी में जनसैलाब पूरे सावन महीना में देखते बनती है जानकारी के मुताबिक पूरे सावन के एक महीने में तकरीबन 25 से 30 लाख श्रद्धालु देवनगरी पहुचते है। ऐसे में देवनगरी पहुचने वाले श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ का जलार्पण के बाद बाजार करना नही भूलते भक्त जलार्पण के बाद प्रसाद जरूर खरीदते है जो अपने घर के अलावा आसपास के पड़ोसियों में बांटते है तो घर मे बच्चे आस लगाए बैठे खिलौना हो या घर के लिए बर्तन जैसी सामग्री की खरीददारी करते है लेकिन इस बाबत मेला की जब आंकड़े की बात चेम्बर ऑफ कॉमर्स ओर खुदरा व्यवसायी संघ के सदस्यों से की गई तो इन्होंने कहा कि मेला अब एक तरफा हो गयी है जिससे मेला क्षेत्र के स्थानीय होटल हो या स्थानीय दुकानदार काफी प्रभावित हुआ है पहले जहां एक महीने का बाजार में व्यवसायी अपनी पूंजी बनाता था मगर अब नाकाफी साबित हो रहा है जहां पहले 24 घंटा दुकान खुला रहता था अब देर रात को बंद हो जाती है इस का एक मात्र कारण है कि मेला एक तरफा कर दिया गया है श्रद्धालुओ को 10 किलोमीटर पहले रोक दिया गया और श्रद्धालु बाजार आते है क्यूं में लग जाते है फिर वापस स्टैंड चला जाता है जिसकारण बाजार में श्रद्धालुओ का ठहराव नही हो पाता है जिसकारण बाजार की आर्थिक स्थिति पर असर जरूर पड़ा है।


Conclusion:बहरहाल,श्रवणी मेला में जहां भक्तो का तांता लगा रहता है और पूरे सावन महीने में लाखों लोगों का आवागमन होता है और एक अनुमान रहता है कि 50 से 60 करोड़ का बाजार होता था जो अब नाकाफी है जिससे व्यवसायी वर्ग लगाए उम्मीद पर हलकान में है कि आखिर महाजन को पूंजी वापस के साथ आमदनी क्या होगी जिसकी चिंता सता रही है। बाइट आलोक मल्लिक,चेम्बर ऑफ कॉमर्स सदस्य। बाइट बिरजू राउत,खुदरा व्यवसायी संघ सदस्य। बाइट महिला भक्त। नोट वियो करके भेजा गया है।
Last Updated : Aug 11, 2019, 11:59 PM IST
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