देवघर: जिला धार्मिक नगरी के साथ-साथ पर्यटक स्थल भी है और सांस्कृतिक राजधानी भी, जहां प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा भोले का दर्शन करने पहुंचते हैं. मंदिर में पूजा में भारी संख्या में फूल-बेलपत्र के अलावा भी कई सामान चढ़ाए जाते हैं, जिससे कचरे का अंबार लग जाता है. देवघर नगर निगम बाबा मंदिर और मंदिर के आसपास के इलाकों में साफ सफाई को लेकर विशेष ध्यान दे रही है.
मंदिर से निकलने वाले फूल बेलपत्र के कचरे को प्रोसेसिंग कर केवीके के माध्यम से ऑर्गेनिक खाद बनाया जा रहा है. मंदिर से बाहर आसपास के इलाकों से निकलने वाले कचरे को उठाने के लिए mswm कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है, जो कचरे को उठाकर कोठिया स्थित डंपिंग यार्ड में पहुंचाती है और वहां प्रोसेसिंग कर जैविक खाद बनाया जाता है. कोरोना के कारण अभी बाबा मंदिर सीमित संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और दुकानें भी कम संख्या में खुल रही है, जिसके कारण गंदगी भी कम हो रही है. नगर निगम मंदिर में दिन में तीन बार साफ सफाई का कार्य करते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं का आवागमन कम होने से अभी केवल दो बार ही साफ सफाई की जाती है.
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झारखंड सरकार के निर्देश के मुताबिक सीमित संख्या में ही मंदिर में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति है. श्रद्धालु ई पास के माध्यम से बाबा भोले का दर्शन पूजा करते हैं. एक श्रद्धालु बताते हैं कि वह हर साल बाबा भोले का दर्शन करने आते हैं, साफ सफाई को लेकर बाबा मंदिर के आसपास के इलाकों में काफी बदलाव आया है. उन्होंने मंदिर परिसर के आसपास और बाहर के साफ सफाई को देखकर जिला प्रशासन की सराहना की है.