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चतरा: 18 माह से सफाई कर्मियों को नहीं मिल रहा मानदेय, भुखमरी की नौबत आई - चतरा में कोरोना वारियर्स मानदेय से वंचित

चतरा में सफाई कर्मियों को वेतन न मिलने से उनके सामने भुखमरी की नौबत आ गई है. कोरोना संकट में भी कार्य करने इन कोरोना वारियर्स को लेकर नगर पालिका प्रशासन गंभीर नहीं है. प्रशासन की लापरवाही इन सफाई कर्मियों पर भारी पड़ रही है.

सफाई कर्मी मानदेय से वंचित
सफाई कर्मी मानदेय से वंचित
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Published : Aug 11, 2020, 5:58 PM IST

चतरा: जिले में कोरोना संकट में कार्य कर रहे सफाई कर्मियों को मानदेय नहीं मिल रहा है. इन सफाई कर्मियों को पिछले 18 माह से मानदेय नहीं मिला है जिससे उनके सामने अब भुखमरी की नौबत आ गई है. मानदेय भुगतान न होने के कारण सफाई कर्मियों और उनके परिवार के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. उनके सामने अब भुखमरी की नौबत आ गई है.

सफाई कर्मी मानदेय से वंचित.

इतना ही नहीं प्रतिदिन हाड़ तोड़ मेहनत कर शहर को साफ सुथरा रखने के बावजूद इन्हें नियमित हाजिरी बनाने तक का भी अधिकार नहीं मिला है. सफाई कर्मियों ने कार्यालय के जेई व अन्य सरकारी कर्मियों पर ड्यूटी रजिस्टर छिपाने का भी आरोप लगाया है. बकाया मानदेय के भुगतान और ड्यूटी रजिस्टर दुरुस्त करने की मांग को लेकर सफाई कर्मियों ने नगर परिषद के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है.

कार्यालय परिसर में किया हंगामा

सभी सफाई कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में कार्यालय परिसर में जमकर हंगामा करते हुए अधिकारियों और कर्मियों को खरी-खोटी सुनाई. साथ वे धरना प्रदर्शन पर भी बैठ गए, जिसे वार्ड पार्षदों और स्थानीय समाजसेवियों का भी समर्थन मिला. मौके पर सफाई कर्मियों ने अविलंब 18 माह के बकाया मानदेय का भुगतान करते हुए ड्यूटी रजिस्टर को भी दुरुस्त करने की मांग की.

यह भी पढ़ेंः गढ़वाः अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी करने गई पुलिस को ग्रामीणों ने पीटा, जान बचाकर भागे

ड्यूटी रजिस्टर न रहने के कारण उन्हें हाजिरी बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं आर्थिक संकट से भी जूझना पड़ रहा है. सफाई कर्मियों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे. वहीं वार्ड पार्षदों ने भी मामले में हस्तक्षेप कर सफाई कर्मियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है, जबकि कार्यालय के जेई और प्रधान सहायक एक दूसरे पर आरोप मड़ने में जुटे हैं.

चतरा: जिले में कोरोना संकट में कार्य कर रहे सफाई कर्मियों को मानदेय नहीं मिल रहा है. इन सफाई कर्मियों को पिछले 18 माह से मानदेय नहीं मिला है जिससे उनके सामने अब भुखमरी की नौबत आ गई है. मानदेय भुगतान न होने के कारण सफाई कर्मियों और उनके परिवार के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. उनके सामने अब भुखमरी की नौबत आ गई है.

सफाई कर्मी मानदेय से वंचित.

इतना ही नहीं प्रतिदिन हाड़ तोड़ मेहनत कर शहर को साफ सुथरा रखने के बावजूद इन्हें नियमित हाजिरी बनाने तक का भी अधिकार नहीं मिला है. सफाई कर्मियों ने कार्यालय के जेई व अन्य सरकारी कर्मियों पर ड्यूटी रजिस्टर छिपाने का भी आरोप लगाया है. बकाया मानदेय के भुगतान और ड्यूटी रजिस्टर दुरुस्त करने की मांग को लेकर सफाई कर्मियों ने नगर परिषद के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है.

कार्यालय परिसर में किया हंगामा

सभी सफाई कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में कार्यालय परिसर में जमकर हंगामा करते हुए अधिकारियों और कर्मियों को खरी-खोटी सुनाई. साथ वे धरना प्रदर्शन पर भी बैठ गए, जिसे वार्ड पार्षदों और स्थानीय समाजसेवियों का भी समर्थन मिला. मौके पर सफाई कर्मियों ने अविलंब 18 माह के बकाया मानदेय का भुगतान करते हुए ड्यूटी रजिस्टर को भी दुरुस्त करने की मांग की.

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ड्यूटी रजिस्टर न रहने के कारण उन्हें हाजिरी बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं आर्थिक संकट से भी जूझना पड़ रहा है. सफाई कर्मियों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे. वहीं वार्ड पार्षदों ने भी मामले में हस्तक्षेप कर सफाई कर्मियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है, जबकि कार्यालय के जेई और प्रधान सहायक एक दूसरे पर आरोप मड़ने में जुटे हैं.

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