चतरा: जिले से गिद्धौर होकर हजारीबाग जाने वाली सड़क पर बीचो-बीच खड़ी पेड़ लोगों की खून से अपनी प्यास बुझाने में लगा है. सड़क पर खड़े पेड़ों के आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में इस इलाके में सैकड़ों लोगों की जान दुर्घटना के चपेट में आने से हो चुकी है. इसके बावजूद न तो जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर जा रहा है और न ही सरकार की नींद बेगुनाहों के मौत के बाद भी खुली है.
ये भी पढ़ें- चतरा: कोल वाहन की चपेट में आने से बाइक सवार की दर्दनाक मौत, मुआवजे को लेकर लोगों ने किया जाम
लोग सड़क दुर्घटना के हो रहे शिकार
प्रशासनिक व्यवस्था में तकनीकी पेंच के कारण लोग सड़क दुर्घटना का शिकार होने को विवश है. मुख्य सड़क स्थित पेड़ हादसों को आमंत्रण दे रहा है. सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण को लेकर तरह-तरह के उपाय अपनाने की पहल हो रही है. लेकिन सड़क पर खड़ा जानलेवा पेड़ हटाने की जगह इसके चारों तरफ नए सिरे से सड़क निर्माण करा दिया गया है. चतरा से हजारीबाग जाने वाली सड़क पर यूं तो कई स्थानों पर सड़क के बीच पेड़ है लेकिन सबसे खतरनाक गिद्धौर के सलीमपुर स्थित विशालकाय महुआ का पेड़ है, जो सड़क के बीचों-बीच है. इस रास्ते से गुजरने वाले कई मोटरसाइकिल चालक और हाईवा चालक दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. कई की जानें भी जा चुकी है.
पेड़ को हटाने की मांग
स्थानीय लोग इस पेड़ को हटाने के लिए विभागीय अधिकारी से लेकर सड़क निर्माण कंपनी के कर्मी से गुहार लगाया है. लेकिन मामले के प्रति सभी उदासीन बने हुए हैं. सड़क के लगभग बीच में स्थित इस पेड़ को हटाने की जगह दुर्घटना की नींव तैयार हो रही है. स्थानीय ग्रामीण मुकेश यादव ने कहा कि सड़क के बीचो-बीच वृक्ष से टकराने के कारण बराबर कोई ना कोई बड़ी और छोटी दुर्घटना हो रही है. जब ईटीवी भारत की टीम ने सड़क खड़े जानलेवा पेड़ों से जिला उपायुक्त को अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों से निर्णय लेकर जल्द ही पेड़ों को हटा दिया जाएगा.