चतरा: मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर सैरोना गांव जहां के ग्रामीण पानी की बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं. प्रशासनिक उपेक्षा के कारण जंगल से निकलने वाली नदी और नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.
खराब पड़ा है चापानल
ग्रामीणों के अनुसार, गांव में दिखावे के लिए एक चापानल है, वो भी 6 महीनों से खराब पड़ा है..ग्रामीणों ने इसकी शिकायत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों से कई बार की लेकिन नतीजा सिफर ही रहा.
ये भी पढ़ें- विधायक ढुल्लू महतो को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस रही विफल, कहा- जारी रहेगी छापेमारी
ठेकेदार फरार
बता दें कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के आदेश से ठेकेदार को सोलर पंप से पानी की व्यवस्था के लिए अनुमति मिल गई, लेकिन ठेकेदार सोलर पंप का सिर्फ फ्रेम लगाकर एक साल से फरार है. बावजूद अब तक किसी भी सरकारी रहनुमाओं की नजर इस गांव पर नहीं पड़ी है.
ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत के 18 घंटे बाद नसीब हुई दो गज जमीन, हिंदपीढ़ी बच्चा कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक
मिला आश्वासन
वहीं, पंचायत के मुखिया और जनप्रतिनिधि भी इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहे हैं. इस गांव की हालत देखने के बाद जब पंचायत के मुखिया सुरेश यादव से कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आ गया है, जल्द ही खराब पड़े चापाकल की मरम्मत करा दी जाएगी.