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पत्नी ने उठाया पति की जिम्मेदारी का भार! कंधे पर बैठकर चुनाव में ड्यूटी करने पहुंचा मतदानकर्मी

चतरा में पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है. यहां लोकतंत्र की आस्था और गांव की सरकार में विश्वास की एक बानगी देखने को मिली. यहां मतदान कराने के लिए पत्नी के कंधे पर सवार होकर एक मतदानकर्मी बूथ पहुंचा.

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चतरा
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Published : May 14, 2022, 12:21 PM IST

Updated : May 14, 2022, 12:36 PM IST

चतरा: शारीरिक पीड़ा पर कर्तव्य इतना भारी पड़ा कि चलने में असमर्थ होने पर भी ड्यूटी के लिए तैनात हो गए. पत्नी के कंधों पर सवार होकर चतरा कॉलेज परिसर में जिसने भी यह नजारा देखा, वो मतदानकर्मी की कर्तव्य निष्ठा को एक बार तो ठिठक कर तारीफ करता ही नजर आया

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Panchayat Election 2022: लोहरदगा में लोकतंत्र का उत्साह, शांतिपूर्ण रूप से हो रहा मतदान

चतरा जिला के तीन प्रखंडों में होनेवाले मतदान को लेकर तैयारी चरम पर थी. चतरा कालेज परिसर में जब मनोज उरांव अपनी पत्नी की पीठ पर सवार होकर पहुंचा तो वहां मौजूद लोगों की नजर उस पर टिक गयीं बात करने पर पता चला कि मनोज उरांव सीसीएल के अशोका ओसीपी (पिपरवार यूनिट) में हेल्पर के पद पर कार्यरत हैं. पिछले दिनों उनके पैरों में चोट लग गई, साथ ही वह बीमारी की चपेट में भी आ गए. कई दिनों से चलने फिरने में असमर्थ हैं. इसके बावजूद उन्हें पंचायत चुनाव में ड्यूटी का फरमान थमा दिया गया.

देखें पूरी खबर

चुनाव में ड्यूटी का आदेश आ गया तो उसे टालना मनोज को सही नहीं लगा. लेकिन सवाल था कि ड्यूटी स्थल पर पहुंचे तो कैसे पहुंचे. समाज में अबला समझी जाने वाली महिला यानी उनकी पत्नी ऐसी घड़ी में आगे आई और पति के कर्तव्य का रास्ता साफ किया. मनोज की पत्नी अपने पति को कंधे पर चढ़ा कर कॉलेज कैंपस तक पहुंचायी. हालांकि बाद में मनोज उरांव को मतदान ड्यूटी पर नहीं भेजा गया. मेडिकल बोर्ड की टीम ने उसे अनफिट बताया और बेड रेस्ट की सलाह दी. बहरहाल जहां मनोज और उसकी पत्नी की कर्तव्य निष्ठा की सबने तारीफ की, वहीं सवाल यह भी उठा कि उसे इस बीमारी की हालत में आखिर क्यों और कैसे किसी को मतदान ड्यूटी में लगाया गया था.

चतरा: शारीरिक पीड़ा पर कर्तव्य इतना भारी पड़ा कि चलने में असमर्थ होने पर भी ड्यूटी के लिए तैनात हो गए. पत्नी के कंधों पर सवार होकर चतरा कॉलेज परिसर में जिसने भी यह नजारा देखा, वो मतदानकर्मी की कर्तव्य निष्ठा को एक बार तो ठिठक कर तारीफ करता ही नजर आया

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चतरा जिला के तीन प्रखंडों में होनेवाले मतदान को लेकर तैयारी चरम पर थी. चतरा कालेज परिसर में जब मनोज उरांव अपनी पत्नी की पीठ पर सवार होकर पहुंचा तो वहां मौजूद लोगों की नजर उस पर टिक गयीं बात करने पर पता चला कि मनोज उरांव सीसीएल के अशोका ओसीपी (पिपरवार यूनिट) में हेल्पर के पद पर कार्यरत हैं. पिछले दिनों उनके पैरों में चोट लग गई, साथ ही वह बीमारी की चपेट में भी आ गए. कई दिनों से चलने फिरने में असमर्थ हैं. इसके बावजूद उन्हें पंचायत चुनाव में ड्यूटी का फरमान थमा दिया गया.

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चुनाव में ड्यूटी का आदेश आ गया तो उसे टालना मनोज को सही नहीं लगा. लेकिन सवाल था कि ड्यूटी स्थल पर पहुंचे तो कैसे पहुंचे. समाज में अबला समझी जाने वाली महिला यानी उनकी पत्नी ऐसी घड़ी में आगे आई और पति के कर्तव्य का रास्ता साफ किया. मनोज की पत्नी अपने पति को कंधे पर चढ़ा कर कॉलेज कैंपस तक पहुंचायी. हालांकि बाद में मनोज उरांव को मतदान ड्यूटी पर नहीं भेजा गया. मेडिकल बोर्ड की टीम ने उसे अनफिट बताया और बेड रेस्ट की सलाह दी. बहरहाल जहां मनोज और उसकी पत्नी की कर्तव्य निष्ठा की सबने तारीफ की, वहीं सवाल यह भी उठा कि उसे इस बीमारी की हालत में आखिर क्यों और कैसे किसी को मतदान ड्यूटी में लगाया गया था.

Last Updated : May 14, 2022, 12:36 PM IST
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