चतरा: जिले में भू-माफियाओं का कहर जारी है. माफिया अब जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी कुंडली जमाने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित प्रतापपुर थाना क्षेत्र के चंद्री-गोविंदपुर गांव का है. जहां माफियाओं ने सरकारी नाले पर कब्जा जमा लिया है. इसके साथ ही सरकारी नाले के सामने दीवार खड़ी कर पानी के बहाव को भी रोक दिया है.
इस कारण गांव के खेतों से बरसात का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है. जिससे 10 एकड़ जमीन पर लगी धान और मकई की फसल पानी में डूब गई है. ऐसे में पिछले 2 वर्षों से अकाल की मार झेल रहे किसानों की चिंता बढ़ गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के दबंगों ने नाले पर अवैध कब्जा जमाकर पानी का बहाव रोक दिया है. जिसके कारण खेतों में पानी भर गया है और फसलें डूब गईं हैं.
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से भू-माफियाओं के चंगुल से सरकारी नाले को अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि अगर खेतों से पानी की निकासी समय रहते नहीं होगा तो, धान और मकई की फसलें तो बर्बाद हो ही जाएंगी, साथ ही गेहूं और चने जैसे की फसलों के उत्पाद भी कम हो जाएंगे. जिससे किसानों के सामने कर्ज और भुखमरी जैसी समस्या होने लगेगी. ग्रामीणों का कहना है कि झारखंड को बिहार से जोड़ने वाली प्रतापपुर-रानीगंज मुख्यमार्ग पर सालों से सरकारी नाला अवस्थित है. जिससे गांव के खेतों से बरसात का पानी बाहर निकलता रहा है, लेकिन गांव के कुछ दबंग और भू-माफिया इसपर अपनी गिद्ध नजर बनाए हुए हैं. उनका कहना है कि सरकारी नाले पर वह कब्जा कर बैठे हैं.
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इधर आरोपी सुनील प्रसाद खुद को निर्दोष साबित करने में जुटे हैं. सुनील का कहना है कि ग्रामीण नाले पर अवैध अतिक्रमण कर उसे बदनाम करने का आरोप लगा रहे हैं. आरोपी का कहना है कि गांव के ही कुछ लोगों ने विवादित जमीन को हासिल करने की नीयत से यह साजिश रची है. उसने जमीन खरीदकर उक्त भूमि पर निर्माण कार्य शुरू किया है. जिसका ग्रामीण एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं.