रांचीः आगामी लोकसभा चुनाव में अडानी पावर प्लांट महागठबंधन के लिए सबसे अहम मुद्दा होगा. इसे लेकर विपक्ष केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. महागठबंधन में सीट शेयरिंग की समस्या को भी जल्द सुलझा लिया जाएगा. जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने यह दावा किया है.
दरअसल, सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी से उनके आवास पर मुलाकात की. उनसे वर्तमान में देश और प्रदेश की स्थिति को लेकर चर्चा की. जिसके बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि देश और झारखंड राज्य में वर्तमान में जो हालात हैं, उसके सुधार के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी को उखाड़ फेंकना समय की मांग है. क्योंकि सत्तारूढ़ बीजेपी ने संवैधानिक संस्थानों को भी स्वतंत्र रहने नहीं दिया है. जिससे लोकतंत्र का अर्थ ही खत्म हो जाएगा.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चुनाव से पहले ही अडानी पावर प्लांट से मोटी रकम सरकार ने लेकर गोड्डा में सिर्फ एक फैक्ट्री को स्पेशल इकोनामिक जोन घोषित करने का काम किया है. सरकार को इसके लिए शर्म आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर पूरे झारखंड राज्य को स्पेशल इकोनामिक जोन घोषित करते तो इससे यहां की गरीबी मिटती.
शिव परिवार से मिलती है शिक्षा
उन्होंने महाशिवरात्रि और शिव परिवार का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से भगवान शिव के परिवार में लोगों की अलग-अलग सवारी है. सब एक दूसरे का आहार है, लेकिन फिर भी प्रकृति को संतुलित रखे हुए हैं. इससे कई शिक्षा मिलती है. उसी तरह हमें भी संतुलन बनाए रखना है. शिव परिवार से इसकी सीख लेनी होगी.
गोड्डा सीट पर खींचातानी को लेकर कहा कि स्वाभाविक रूप से सभी पार्टियां ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती हैं. लेकिन हमारा मानक यह है कि जहां से जो जीत सकते हैं, वहां से वो चुनाव लड़ें. क्योंकि जिनसे लड़ाई है, वह कमजोर नहीं हैं. सीट शेयरिंग को लेकर इसीलिए विलंब हो रहा है. लेकिन जल्द ही रास्ता साफ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ गोड्डा सीट पर ही नहीं बल्कि 14 सीट को लेकर चर्चा चल रही है.
राहुल की रैली का असर दूर तक जाएगा
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली को सफल बताते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड के उन्हीं विषयों को सबके सामने रखा. जो जनता से जुड़ी हुई है. जिस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार की बात कहते हुए अपने वादे को पूरा करने की बातों को रखा, इसका असर समाज में दूर तक जाएगा.
विपक्षी एकता है मजबूत
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने बाबूलाल मरांडी को लेकर कहा कि उनकी विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश साफ दिखती है. विपक्ष के सभी दल एकजुट हैं. ऐसे में लगातार सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे लेफ्ट भी सम्मान के पात्र हैं. हालांकि राहुल की रैली में लेफ्ट को निमंत्रण नहीं दिए जाने को लेकर कहा कि कहीं चूक हुई होगी. लेकिन वह हमारे साथ हैं. उन्होंने कहा कि संघर्ष कर रही सभी पार्टियों को 14 लोकसभा सीट में जगह नहीं मिल सकती है. लेकिन राहुल गांधी ने कहा है कि एक सीट पर अगर दो मजबूत उम्मीदवार हैं, तो इसका सम्मान पूर्वक रास्ता ढूंढ लिया जाएगा.
एक उद्योगपति को पहुंचा रही है सरकार फायदा
सुबोधकांत सहाय ने अडानी पावर प्लांट के मुद्दे को लेकर कहा कि यह चुनावी मुद्दा होगा. लेकिन केंद्र सरकार ने जिस तरह से एक फैक्ट्री को इकोनामिक स्पेशल जोन घोषित करने की पहल की है. इससे साफ जाहिर होता है कि केंद्र सरकार ने उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का काम किया है.
सामाजिक संगठनों की भावना को मेनिफेस्टो में मिलेगी जगह
उन्होंने राहुल गांधी की रैली को सफल बताते हुए कहा कि, उन्होंने सामाजिक संगठनों से भी बात की है. क्योंकि उनकी राज्य में अहम भूमिका रही है और आने वाले समय में फिर से बात करेंगे. ताकि मेनिफेस्टो में उनकी भावना का समावेश किया जा सके. क्योंकि कल का बनने वाला झारखंड, फिर से लकीर का फकीर न हो जाए. उन्होंने कहा कि झारखंड और इस देश के लिए पहली ऐसी केंद्र सरकार है, जिसने एक उद्योगपति अडानी को फायदा पहुंचाने का काम किया है.