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रेप पीड़िता की बच्ची को दुष्कर्म के आरोपियों ने बेचा, पुलिस ने कहा- किसी को बख्शा नहीं जाएगा

राजधानी में दुष्कर्म पीड़ित एक विधवा महिला के बच्चे को दुष्कर्म के आरोपियों द्वारा ही बेच डालने का मामला सामने आया है. मामला राजधानी रांची से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अनगड़ा थाना क्षेत्र की है. महिला के साथ 10 मार्च 2018 को गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. गैंगरेप के बाद पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया था.

जानकारी देती पुलिस
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Published : Feb 6, 2019, 12:47 PM IST

रांची: राजधानी में दुष्कर्म पीड़ित एक विधवा महिला के बच्चे को दुष्कर्म के आरोपियों द्वारा ही बेच डालने का मामला सामने आया है. मामला राजधानी रांची से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अनगड़ा थाना क्षेत्र की है. महिला के साथ 10 मार्च 2018 को गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. गैंगरेप के बाद पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया था.

पीड़िता के अनुसार 10 मार्च 2018 को छह लोग उसके घर पहुंचे थे. चार लोग घर के बाहर खड़े थे और दो आरोपी घर के भीतर आकर जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया. उसके बाद पीड़िता ने थाने में जाकर मामला दर्ज करना चाहा. लेकिन ग्रामीणों ने महिला पर ही आरोप लगाकर पूरे मामले को दबा दिया था. जिसके बाद उस समय यह मामला थाने तक पहुंच नहीं पाया. दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी.

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने उसे पहले धमकाया. फिर पुलिस के पास मामला ना पहुंचे इसके लिए ग्रामीणों के द्वारा दबाव डालकर 50 हजार रुपए दिए गए. पीड़िता के अनुसार ग्रामीणों के दबाव की वजह से ही पूरा मामला पुलिस तक पहुंच नहीं पाया. इसी बीच 2 दिसंबर 2018 को पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया.

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बच्ची को आरोपियों ने बेच डाला
पीड़िता ने बताया जब उसने बच्ची को जन्म दिया तभी से रेप के आरोपियों ने बच्ची को उन्हें सौंप देने की बात करने लगे. इसी बीच एक दिन उन्होंने बच्ची को उससे छीन लिया और उसे बेच डाला. अब महिला की बच्ची कहां है और किसके हाथों बिकी इसका जवाब किसी के पास नहीं है. पीड़िता ने इस मामले को लेकर एक संस्था के माध्यम से रांची के सीनियर एसपी तक जानकारी पहुंचाई. जिसके बाद पुलिस मामले को लेकर जांच शुरू कर चुकी है. पीड़िता ने ये भी बताया कि सभी आरोपी उसे अभी भी धमकी दे रहे हैं.

बहुत ही गंभीर मामला-एसएसपी
इस मामले को लेकर रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि यह बेहद ही गंभीर मामला है. इसके लिए दोषी किसी भी आरोपी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. रांची के एसएसपी के अनुसार मामला उनके संज्ञान में नहीं आया था, इस वजह से अभी तक महिला को न्याय नहीं मिल पाया है. उन्होंने बताया कि अब मामला पुलिस के संज्ञान में है. इसलिए इस मामले को लेकर सिल्ली डीएसपी के नेतृत्व में टीम बनाकर तुरंत आरोपियों की गिरफ्तारी और बच्ची की बरामदगी के लिए निर्देश दिया गया है.

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2018 में सुर्खियों में रहे थे ऐसे मामले
साल 2018 में दुष्कर्म पीड़ितों के बच्चों को बेचने को लेकर रांची सुर्खियों में रहा था. दरअसल ग्रामीण इलाकों में रेप की वारदातों के बाद उसकी रिर्पोटिंग पुलिस में ना के बराबर होती है और दुष्कर्म की वजह से जो बच्चे पैदा होते हैं, उन्हें तथाकथित संस्थाओं के द्वारा बेच दिया जाता है. मिशनरी ऑफ चैरिटी के द्वारा झारखंड के कई दुष्कर्म पीड़ितों के बच्चों के बेचने की बात सामने आई थी. जिसके बाद संस्था पर पुलिस ने प्रतिबंध लगा दिया था.

रांची: राजधानी में दुष्कर्म पीड़ित एक विधवा महिला के बच्चे को दुष्कर्म के आरोपियों द्वारा ही बेच डालने का मामला सामने आया है. मामला राजधानी रांची से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अनगड़ा थाना क्षेत्र की है. महिला के साथ 10 मार्च 2018 को गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. गैंगरेप के बाद पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया था.

पीड़िता के अनुसार 10 मार्च 2018 को छह लोग उसके घर पहुंचे थे. चार लोग घर के बाहर खड़े थे और दो आरोपी घर के भीतर आकर जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया. उसके बाद पीड़िता ने थाने में जाकर मामला दर्ज करना चाहा. लेकिन ग्रामीणों ने महिला पर ही आरोप लगाकर पूरे मामले को दबा दिया था. जिसके बाद उस समय यह मामला थाने तक पहुंच नहीं पाया. दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी.

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने उसे पहले धमकाया. फिर पुलिस के पास मामला ना पहुंचे इसके लिए ग्रामीणों के द्वारा दबाव डालकर 50 हजार रुपए दिए गए. पीड़िता के अनुसार ग्रामीणों के दबाव की वजह से ही पूरा मामला पुलिस तक पहुंच नहीं पाया. इसी बीच 2 दिसंबर 2018 को पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया.

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बच्ची को आरोपियों ने बेच डाला
पीड़िता ने बताया जब उसने बच्ची को जन्म दिया तभी से रेप के आरोपियों ने बच्ची को उन्हें सौंप देने की बात करने लगे. इसी बीच एक दिन उन्होंने बच्ची को उससे छीन लिया और उसे बेच डाला. अब महिला की बच्ची कहां है और किसके हाथों बिकी इसका जवाब किसी के पास नहीं है. पीड़िता ने इस मामले को लेकर एक संस्था के माध्यम से रांची के सीनियर एसपी तक जानकारी पहुंचाई. जिसके बाद पुलिस मामले को लेकर जांच शुरू कर चुकी है. पीड़िता ने ये भी बताया कि सभी आरोपी उसे अभी भी धमकी दे रहे हैं.

बहुत ही गंभीर मामला-एसएसपी
इस मामले को लेकर रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि यह बेहद ही गंभीर मामला है. इसके लिए दोषी किसी भी आरोपी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. रांची के एसएसपी के अनुसार मामला उनके संज्ञान में नहीं आया था, इस वजह से अभी तक महिला को न्याय नहीं मिल पाया है. उन्होंने बताया कि अब मामला पुलिस के संज्ञान में है. इसलिए इस मामले को लेकर सिल्ली डीएसपी के नेतृत्व में टीम बनाकर तुरंत आरोपियों की गिरफ्तारी और बच्ची की बरामदगी के लिए निर्देश दिया गया है.

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2018 में सुर्खियों में रहे थे ऐसे मामले
साल 2018 में दुष्कर्म पीड़ितों के बच्चों को बेचने को लेकर रांची सुर्खियों में रहा था. दरअसल ग्रामीण इलाकों में रेप की वारदातों के बाद उसकी रिर्पोटिंग पुलिस में ना के बराबर होती है और दुष्कर्म की वजह से जो बच्चे पैदा होते हैं, उन्हें तथाकथित संस्थाओं के द्वारा बेच दिया जाता है. मिशनरी ऑफ चैरिटी के द्वारा झारखंड के कई दुष्कर्म पीड़ितों के बच्चों के बेचने की बात सामने आई थी. जिसके बाद संस्था पर पुलिस ने प्रतिबंध लगा दिया था.

Intro:राजधानी रांची में दुष्कर्म पीड़ित एक विधवा महिला के बच्चे को दुष्कर्म के आरोपियों के द्वारा ही बेच डालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामला राजधानी रांची से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अनगड़ा थाना क्षेत्र का है। महिला के साथ 10 मार्च 2018 को गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था। गैंगरेप के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी और एक बच्ची को जन्म दिया था।


10 मार्च 2018 की घटना

10 मार्च 2018 को पीड़िता के साथ दो लोगों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। पीड़िता के अनुसार उस रात छह लोग उसके घर पहुंचे थे ।चार लोग घर के बाहर खड़े थे और दो आरोपी घर के भीतर आये और जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान वह चीखती चिल्लाती रही, लेकिन कोई भी उसे बचाने को नहीं आया।

दुष्कर्म की रिपोर्ट नही दर्ज हुई थी थाने में

दुष्कर्म की वारदात के बाद पीड़िता थाने में जाकर मामला दर्ज करना चाह रही थी लेकिन ग्रामीणों ने महिला पर लांछन लगाकर पूरे मामले को दबा दिया था। उस समय यह मामला थाने तक पहुंच ही नहीं पाया। दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी।

अस्मत की कीमत 50 हजार

पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि उसकी अस्मत लूटने के बाद आरोपियों ने उसे पहले धमकाया और बाद में पुलिस के पास मामला ना पहुंचे इसके लिए ग्रामीणों के द्वारा दबाव डालकर 50 हजार रुपये दिए गए। पीड़िता के अनुसार ग्रामीणों के दबाव की वजह से पूरा मामला पुलिस तक पहुंच ही नहीं पाया। इसी बीच 2 दिसंबर 2018 को पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया।

बच्ची को आरोपियो ने बेच डाला
पीड़िता के अनुसार जब उसने बच्ची को जन्म दिया तभी से रेप के आरोपियों ने बच्ची को उन्हें सौंप देने की बात करने लगे। इसी बीच एक दिन उन्होंने बच्ची को उससे छीन लिया और उसे बेच डाला। अब महिला की बच्ची कहां है, वह किसके हाथों बिकी इसका जवाब किसी के पास नहीं है। पीड़िता के अनुसार इस मामले को लेकर उसने एक संस्था के माध्यम से रांची के सीनियर एसपी तक मामले की जानकारी पहुंचाई जिसके बाद पुलिस मामले को लेकर जांच शुरू कर चुकी है। पीड़िता के अनुसार सभी आरोपी उसे अभी भी धमकी दे रहे हैं।

बहुत ही गंभीर मामला - एसएसपी

इस मामले को लेकर रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि यह बेहद ही गंभीर मामला है। इसके लिए दोषी किसी भी आरोपी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। रांची के एसएसपी के अनुसार मामला उनके संज्ञान में नहीं आया था, इस वजह से अभी तक महिला को न्याय नहीं मिल पाया है। अब क्योंकि मामला पुलिस के संज्ञान में है ।इसलिए इस मामले को लेकर सिल्ली डीएसपी के नेतृत्व में टीम बनाकर तुरंत आरोपियों की गिरफ्तारी और बच्ची की बरामदगी के लिए कहा गया है।

2018 में सुर्खियों में रहे थे ऐसे मामले

साल 2018 में दुष्कर्म पीड़ितों के बच्चों को बेचने ब्रो को लेकर राजधानी रांची सुर्खियों में रहा था दरअसल ग्रामीण इलाकों में रेप की वारदातों के बाद उसकी रिर्पोटिंग पुलिस में ना के बराबर होती है और दुष्कर्म की वजह से जो बच्चे पैदा होते हैं उन्हें तथाकतीथ संस्थाओं के द्वारा बेच दिया जाता है। मिशनरी ऑफ चैरिटी के द्वारा झारखंड के कई दुष्कर्म पीड़ितों के बच्चों के बेचने की बात सामने आई थी जिसके बाद संस्था पर पुलिस ने प्रतिबंध लगा दिया था।

बाईट - अनीश गुप्ता , एसएसपी रांची।


Body:ग


Conclusion:ह
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