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अग्रवाल ब्रदर्स मर्डर: 44 दिन बाद भी पुलिस आरोपी से दूर, लोकेश चौधरी और एमके सिंह उठा रहा राजनैतिक संबंधों का फायदा

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Published : Apr 17, 2019, 3:33 PM IST

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह को स्थाई रूप से फरार घोषित करने के लिए रांची पुलिस की ओर से तैयारी की जा रही है. मामले में पुलिस की ओर से न्यायालय में जल्द आवेदन दिया जाएगा. आवेदन के जरिए न्यायलय से आग्रह किया जाएगा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ रेड वारंट जारी किया जाए. रांची एसपी अनीश गुप्ता ने हटिया डीएसपी प्रभात रंजन को इस मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

फाइल फोटो

रांची: राजधानी के सबसे वीआईपी इलाकों में शुमार अरगोड़ा थाना क्षेत्र में 6 मार्च की शाम अशोकनगर में हुए दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. लोकेश चौधरी और एमके सिंह हत्या के 44 दिन बीत जाने के बाद भी फरार हैं. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने कई बार दबिश दी.

वीडियो में देखें पूरी खबर

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह को स्थाई रूप से फरार घोषित करने के लिए रांची पुलिस की ओर से तैयारी की जा रही है. मामले में पुलिस की ओर से न्यायालय में जल्द आवेदन दिया जाएगा. आवेदन के जरिए न्यायलय से आग्रह किया जाएगा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ रेड वारंट जारी किया जाए. रांची एसपी अनीश गुप्ता ने हटिया डीएसपी प्रभात रंजन को इस मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

अब तक मामले में क्या हुआ

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड में पुलिस लोकेश के दोनों बॉडीगार्ड्स धर्मेंद्र तिवारी, सुनील कुमार और ड्राइवर शंकर को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है. धर्मेंद्र तिवारी और सुनील को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी. पूछताछ के दौरान दोनों ने हत्याकांड को लेकर कई अहम जानकारियां पुलिस को दी. गिरफ्तारी नहीं होने के बाद रांची पुलिस ने दोनों आरोपियों के घर पर इश्तेहार चिपकाकर सरेंडर करने का आदेश दिया. लेकिन दोनों ने सरेंडर नहीं किया, जिसके बाद दोनों के घरों की कुर्की की गई. इसके बावजूद दोनों ने अबतक ना तो कोर्ट में सरेंडर किया और ना ही पुलिस के सामने.

पहुंच का फायदा उठा रहा लोकेश

राजधानी के सबसे वीआईपी इलाके अशोक नगर में न्यूज़ चैनल का दफ्तर खोलने वाले लोकेश चौधरी की दोस्ती झारखंड के कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से है. पहुंच और पैरवी के बल पर लोकेश चौधरी ने कुछ महीने पहले झारखंड पुलिस से दो बॉडीगार्ड भी लिए. लेकिन बाद में रांची डीआईजी ने रांची एसएसपी से लोकेश चौधरी की सुरक्षा की समीक्षा कराई. समीक्षा के बाद उसके दोनों सरकारी बॉडीगार्ड वापस ले लिए गए. सरकारी बॉडीगार्ड वापस लेने के बाद लोकेश चौधरी ने दो निजी गनर अपने साथ रखे.

झारखंड पुलिस के प्रमुख प्रवक्ता सह एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार यह एक जघन्य हत्याकांड था. इस मामले को लेकर पुलिस गंभीर है और जल्द ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. लेकिन उनकी गिरफ्तारी कब होगी इसका जवाब ना तो रांची पुलिस के पास है और ना ही पुलिस मुख्यालय के पास.

रांची: राजधानी के सबसे वीआईपी इलाकों में शुमार अरगोड़ा थाना क्षेत्र में 6 मार्च की शाम अशोकनगर में हुए दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. लोकेश चौधरी और एमके सिंह हत्या के 44 दिन बीत जाने के बाद भी फरार हैं. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने कई बार दबिश दी.

वीडियो में देखें पूरी खबर

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह को स्थाई रूप से फरार घोषित करने के लिए रांची पुलिस की ओर से तैयारी की जा रही है. मामले में पुलिस की ओर से न्यायालय में जल्द आवेदन दिया जाएगा. आवेदन के जरिए न्यायलय से आग्रह किया जाएगा कि दोनों आरोपियों के खिलाफ रेड वारंट जारी किया जाए. रांची एसपी अनीश गुप्ता ने हटिया डीएसपी प्रभात रंजन को इस मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

अब तक मामले में क्या हुआ

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड में पुलिस लोकेश के दोनों बॉडीगार्ड्स धर्मेंद्र तिवारी, सुनील कुमार और ड्राइवर शंकर को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है. धर्मेंद्र तिवारी और सुनील को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी. पूछताछ के दौरान दोनों ने हत्याकांड को लेकर कई अहम जानकारियां पुलिस को दी. गिरफ्तारी नहीं होने के बाद रांची पुलिस ने दोनों आरोपियों के घर पर इश्तेहार चिपकाकर सरेंडर करने का आदेश दिया. लेकिन दोनों ने सरेंडर नहीं किया, जिसके बाद दोनों के घरों की कुर्की की गई. इसके बावजूद दोनों ने अबतक ना तो कोर्ट में सरेंडर किया और ना ही पुलिस के सामने.

पहुंच का फायदा उठा रहा लोकेश

राजधानी के सबसे वीआईपी इलाके अशोक नगर में न्यूज़ चैनल का दफ्तर खोलने वाले लोकेश चौधरी की दोस्ती झारखंड के कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से है. पहुंच और पैरवी के बल पर लोकेश चौधरी ने कुछ महीने पहले झारखंड पुलिस से दो बॉडीगार्ड भी लिए. लेकिन बाद में रांची डीआईजी ने रांची एसएसपी से लोकेश चौधरी की सुरक्षा की समीक्षा कराई. समीक्षा के बाद उसके दोनों सरकारी बॉडीगार्ड वापस ले लिए गए. सरकारी बॉडीगार्ड वापस लेने के बाद लोकेश चौधरी ने दो निजी गनर अपने साथ रखे.

झारखंड पुलिस के प्रमुख प्रवक्ता सह एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार यह एक जघन्य हत्याकांड था. इस मामले को लेकर पुलिस गंभीर है और जल्द ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. लेकिन उनकी गिरफ्तारी कब होगी इसका जवाब ना तो रांची पुलिस के पास है और ना ही पुलिस मुख्यालय के पास.

Intro:डे प्लान स्टोरी

रांची के सबसे वीआईपी इलाकों में शुमार अरगोड़ा थाना क्षेत्र में छह मार्च की शाम अशोकनगर में हुए दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एमके सिंह हत्या के 44 दिन बीत जाने के बाद भी फरार है। दोनों आरोपियों को गिरफ्त में लाने के लिए पुलिस ने कई बार अपनी दबिश दी ।लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। रांची पुलिस अब दोनों आरोपियों को स्थाई रूप से फरार घोषित करने की तैयारी में है।

रेड वारंट होगा जारी

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी और एम के सिंह को स्थाई रूप से फरार घोषित करने के लिए रांची पुलिस की ओर से तैयारी की जा रही है। मामले में पुलिस की ओर से न्यायालय में जल्द आवेदन दिया जाएगा ।आवेदन के माध्यम से न्यायलय से आग्रह किया जाए कि दोनों आरोपियों के खिलाफ रेड वारंट जारी किया जाए। रांची एसपी अनीश गुप्ता ने हटिया डीएसपी प्रभात रंजन को इस मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

अब तक क्या हुआ है मामले में

अग्रवाल ब्रदर्स हत्याकांड में पुलिस लोकेश के दोनों बॉडीगार्ड्स धर्मेंद्र तिवारी ,सुनील कुमार और ड्राइवर शंकर को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज चुकी है। धर्मेंद्र तिवारी और सुनील को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई थी पूछताछ के दौरान दोनों ने हत्याकांड को लेकर कई अहम जानकारियां पुलिस को दी थी । गिरफ्तारी नहीं होने के बाद रांची पुलिस ने दोनों आरोपियों के घर पर इस्तेहार चिपकाकर सरेंडर करने का आदेश दिया था लेकिन दोनों ने सरेंडर नहीं किया जिसके बाद दोनों के घरों की कुर्की जब्ती की गई इसके बावजूद दोनों ने अब तक ना तो कोर्ट में सरेंडर किया और ना ही पुलिस के सामने।

पहुच का फायदा उठा रहा लोकेश

राजधानी के सबसे वीआईपी इलाके अशोक नगर में न्यूज़ चैनल का दफ्तर खोलने वाले लोकेश चौधरी की दोस्ती झारखंड के कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से थी ।पहुंच और पैरवी के बल पर लोकेश चौधरी ने कुछ माह पूर्व झारखंड पुलिस से दो बॉडीगार्ड भी लिया था ।लेकिन बाद में रांची डीआईजी ने रांची एसएसपी से लोकेश चौधरी के सुरक्षा की समीक्षा कराई थी। समीक्षा के बाद उसके दोनों सरकारी बॉडीगार्ड वापस ले लिए गए थे। सरकारी बॉडीगार्ड वापस लेने के बाद लोकेश चौधरी ने दो निजी गनर अपने साथ रखा था।

अब तक कायम है रहस्य

रांची के सबसे वीआईपी इलाके में हुए दोहरे हत्याकांड से पूरे राजधानी में सनसनी फैल गई थी। हत्या के बाद ऐसा लगा जैसे पूरा पुलिस महकमा मिलकर 24 घण्टे में ही हत्या की गुत्थी सुलझा लेगा। जिस कमरे में हत्याकांड को अंजाम दिया गया था उस कमरे की जांच में पुलिस ने 12 घंटे लगा दिए थे। लेकिन नतीजा अभी तक शून्य रही है।

पुलिस मुख्यालय की भी है नजर

रांची के चर्चित दोहरे हत्याकांड को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय भी काफी गंभीर है लेकिन इसके बावजूद 44 दिन बीत जाने के बाद भी दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी न हो पाना रांची पुलिस के कामकाज पर सवाल खड़े करती है । झारखंड पुलिस के प्रमुख प्रवक्ता सह एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा के अनुसार यह एक जघन्य हत्याकांड था। इस मामले को लेकर पुलिस गंभीर है और जल्द ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन उनकी गिरफ्तारी कब होगी इसका जवाब ना तो रांची पुलिस के पास है और ना ही पुलिस मुख्यालय के पास।

बाईट - एम एल मीणा , एडीजी अभियान।
बाईट - अनीस गुप्ता ,एसएसपी रांची।



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