रांचीः पारा शिक्षकों को हड़ताल अवधि का मानदेय नहीं मिलेगा. नो वर्क नो पे के सिद्धांत के आलोक में मानदेय नहीं दिया जाएगा. लेकिन अन्य किसी प्रकार की गणना के लिए हड़ताल अवधि को टूट नहीं माना जाएगा. इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने निर्देश जारी कर दिया है.
परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने निर्देश में कहा है कि एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर राज्य के पारा शिक्षक 16 नवंबर 2018 से 17 जनवरी 2019 तक हड़ताल पर थे. स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले राज्य भर के पारा शिक्षक आंदोलनरत थे. आंदोलन के तहत पारा शिक्षक 15 नवंबर को झारखंड राज्य स्थापना दिवस के दिन मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाया था. इसके बाद उन पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी. साथ ही वो 16 नवंबर 2018 से अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले गए थे.
बाद में मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव के नेतृत्व में गठित उच्चस्तरीय कमेटी के साथ बैठक हुई थी. मोर्चा के सदस्यों से वार्ता के बाद 17 जनवरी को आंदोलन स्थगित हुआ था. इसके बाद पारा शिक्षक हड़ताल से वापस आए थे. मोर्चा और विभाग के बीच हुए समझौता में हड़ताल अवधि को सेवा टूट नहीं मानने की बात थी.