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विदिशा की हुई थी हत्या या उसने किया था सुसाइड, अब नई SIT करेगी जांच

राजधानी के बरियातू स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल एकेडमी की दसवीं कक्षा की छात्रा विदिशा की मौत की जांच नए सिरे से एसआईटी करेगी. विदिशा मौत के मामले की जांच के लिए एसपी पी मुरूगन की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी. लेकिन जांच में त्रुटियों की वजह से अब नए सिरे से एसआईटी का गठन सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने किया है.

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Published : Apr 20, 2019, 7:41 AM IST

रांची: राजधानी के बरियातू स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल एकेडमी की दसवीं कक्षा की छात्रा विदिशा की मौत की जांच नए सिरे से स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) करेगी. जनवरी में लोकायुक्त के आदेश पर विदिशा मौत के मामले की जांच के लिए एसपी पी मुरूगन की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी. लेकिन जांच में त्रुटियों की वजह से अब नए सिरे से एसआईटी का गठन सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने किया है.

ये भी पढ़ें-संताल में 3 सीट महागठबंधन के नाम, इस बार भी नहीं होगी बीजेपी की मंशा सफल: हेमंत

विदिशा की संदेहास्पद परिस्थियों में मौत को पुराने एसआईटी प्रमुख ने हत्या करार दिया था. लेकिन मुकदमे की समीक्षा के दौरान हत्या करार देने के कई बिंदुओं को गलत पाया गया. ऐसे में इस मामले में पूर्व की एसआईटी के प्रमुख एसपी पी मुरूगन से सीआईडी एडीजी ने शोकॉज किया है. पी मुरूगन अब बोकारो के एसपी हैं. नई गठित एसआईटी का नेतृत्व सीआईडी एसपी मनोज रतन चौथे करेंगे.

क्या था मामला, कौन थी विदिशा
मूल रूप से चतरा की रहने वाली विदिशा हाईक्यू इंटरनेशनल एकेडमी में दसवीं की छात्रा थी. 13 सितंबर 2013 को स्कूल परिसर के हॉस्टल नंबर 15 में विदिशा की लाश पंखे से लटकी मिली थी. घटना के बाद बरियातू थाना में विदिशा के पिता विकास राय के बयान पर स्कूल के चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी, सुभाष क्रिपेकर समेत अन्य के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

विदिशा के परिजनों ने चेयरमैन पर यौन शोषण करने का आरोप भी लगाया था. बरियातू पुलिस ने शुरूआत में मामले की जांच की, लेकिन पुलिस को हत्या के सबूत नहीं मिले. साल 2013 में ही केस को सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था.

जांच में गड़बड़ी, एसपी को शोकॉज
सीआईडी के जांच अधिकारी मो कासिम ने जांच में कुछ बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए विदिशा की मौत को हत्या का मामला माना था. बाद में परिजनों ने लोकायुक्त से इंसाफ की गुहार लगाई, जिसके बाद एसआईटी गठित हुई थी. एसआईटी के अध्यक्ष ने लोकायुक्त को जो रिपोर्ट भेजी, उसमें कई गड़बड़ियां पाई गई हैं. जिसके बाद एसआईटी के तात्कालिन एसपी पी मुरूगन को शोकॉज किया गया. 20 अप्रैल को विदिशा मौत मामले में लोकायुक्त के यहां आगे की सुनवाई भी है.

विदिशा के परिजनों के क्या थे आरोप

⦁ विदिशा की मौत की खबर प्रबंधन ने कुछ घंटों तक क्यों छुपाए रखा ? पहले स्कूल प्रबंधन ने फोन कर विदिशा के बीमार होने की जानकारी दी थी.

⦁ अगर विदिशा ने आत्महत्या की थी तो शव उतारने के लिए पुलिस के आने का इंतजार क्यों नहीं किया गया.

⦁ विदिशा की मौत से लगभग एक साल पहले घरवालों को बिना सहमति के उसका ऑपरेशन क्यों कराया गया.

⦁ क्यों घटना के बाद विदिशा का शव रिम्स के बरामदे में लावारिश हालत में फेंक दिया गया, स्कूल प्रबंधन के लोग वहां से फरार क्यों हो गए ?

रांची: राजधानी के बरियातू स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल एकेडमी की दसवीं कक्षा की छात्रा विदिशा की मौत की जांच नए सिरे से स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) करेगी. जनवरी में लोकायुक्त के आदेश पर विदिशा मौत के मामले की जांच के लिए एसपी पी मुरूगन की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी. लेकिन जांच में त्रुटियों की वजह से अब नए सिरे से एसआईटी का गठन सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने किया है.

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विदिशा की संदेहास्पद परिस्थियों में मौत को पुराने एसआईटी प्रमुख ने हत्या करार दिया था. लेकिन मुकदमे की समीक्षा के दौरान हत्या करार देने के कई बिंदुओं को गलत पाया गया. ऐसे में इस मामले में पूर्व की एसआईटी के प्रमुख एसपी पी मुरूगन से सीआईडी एडीजी ने शोकॉज किया है. पी मुरूगन अब बोकारो के एसपी हैं. नई गठित एसआईटी का नेतृत्व सीआईडी एसपी मनोज रतन चौथे करेंगे.

क्या था मामला, कौन थी विदिशा
मूल रूप से चतरा की रहने वाली विदिशा हाईक्यू इंटरनेशनल एकेडमी में दसवीं की छात्रा थी. 13 सितंबर 2013 को स्कूल परिसर के हॉस्टल नंबर 15 में विदिशा की लाश पंखे से लटकी मिली थी. घटना के बाद बरियातू थाना में विदिशा के पिता विकास राय के बयान पर स्कूल के चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी, सुभाष क्रिपेकर समेत अन्य के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

विदिशा के परिजनों ने चेयरमैन पर यौन शोषण करने का आरोप भी लगाया था. बरियातू पुलिस ने शुरूआत में मामले की जांच की, लेकिन पुलिस को हत्या के सबूत नहीं मिले. साल 2013 में ही केस को सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था.

जांच में गड़बड़ी, एसपी को शोकॉज
सीआईडी के जांच अधिकारी मो कासिम ने जांच में कुछ बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए विदिशा की मौत को हत्या का मामला माना था. बाद में परिजनों ने लोकायुक्त से इंसाफ की गुहार लगाई, जिसके बाद एसआईटी गठित हुई थी. एसआईटी के अध्यक्ष ने लोकायुक्त को जो रिपोर्ट भेजी, उसमें कई गड़बड़ियां पाई गई हैं. जिसके बाद एसआईटी के तात्कालिन एसपी पी मुरूगन को शोकॉज किया गया. 20 अप्रैल को विदिशा मौत मामले में लोकायुक्त के यहां आगे की सुनवाई भी है.

विदिशा के परिजनों के क्या थे आरोप

⦁ विदिशा की मौत की खबर प्रबंधन ने कुछ घंटों तक क्यों छुपाए रखा ? पहले स्कूल प्रबंधन ने फोन कर विदिशा के बीमार होने की जानकारी दी थी.

⦁ अगर विदिशा ने आत्महत्या की थी तो शव उतारने के लिए पुलिस के आने का इंतजार क्यों नहीं किया गया.

⦁ विदिशा की मौत से लगभग एक साल पहले घरवालों को बिना सहमति के उसका ऑपरेशन क्यों कराया गया.

⦁ क्यों घटना के बाद विदिशा का शव रिम्स के बरामदे में लावारिश हालत में फेंक दिया गया, स्कूल प्रबंधन के लोग वहां से फरार क्यों हो गए ?

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रांची: राजधानी के बरियातू स्थित हाई क्यू इंटरनेशनल एकेडमी की दसवीं कक्षा की छात्रा विदिशा की मौत की जांच नए सिरे से स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) करेगी. जनवरी में लोकायुक्त के आदेश पर विदिशा मौत के मामले की जांच के लिए एसपी पी मुरूगन की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी. लेकिन जांच में त्रुटियों की वजह से अब नए सिरे से एसआईटी का गठन सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने किया है. 

विदिशा की संदेहास्पद परिस्थियों में मौत को पुराने एसआईटी प्रमुख ने हत्या करार दिया था. लेकिन मुकदमे की समीक्षा के दौरान हत्या करार देने के कई बिंदुओं को गलत पाया गया. ऐसे में इस मामले में पूर्व की एसआईटी के प्रमुख एसपी पी मुरूगन से सीआईडी एडीजी ने शोकॉज किया है. पी मुरूगन अब बोकारो के एसपी हैं. नई गठित एसआईटी का नेतृत्व सीआईडी एसपी मनोज रतन चौथे करेंगे. 



क्या था मामला, कौन थी विदिशा

मूल रूप से चतरा की रहने वाली विदिशा हाईक्यू इंटरनेशनल एकेडमी में दसवीं की छात्रा थी. 13 सितंबर 2013 को स्कूल परिसर के हॉस्टल नंबर 15 में विदिशा की लाश पंखे से लटकी मिली थी. घटना के बाद बरियातू थाना में विदिशा के पिता विकास राय के बयान पर स्कूल के चेयरमैन हरिनारायण चतुर्वेदी, सुभाष क्रिपेकर समेत अन्य के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. 

विदिशा के परिजनों ने चेयरमैन पर यौन शोषण करने का आरोप भी लगाया था. बरियातू पुलिस ने शुरूआत में मामले की जांच की, लेकिन पुलिस को हत्या के सबूत नहीं मिले. साल 2013 में ही केस को सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था.



जांच में गड़बड़ी, एसपी को शोकॉज

सीआईडी के जांच अधिकारी मो कासिम ने जांच में कुछ बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए विदिशा की मौत को हत्या का मामला माना था. बाद में परिजनों ने लोकायुक्त से इंसाफ की गुहार लगाई, जिसके बाद एसआईटी गठित हुई थी. एसआईटी के अध्यक्ष ने लोकायुक्त को जो रिपोर्ट भेजी, उसमें कई गड़बड़ियां पाई गई हैं. जिसके बाद एसआईटी के तात्कालिन एसपी पी मुरूगन को शोकॉज किया गया. 20 अप्रैल को विदिशा मौत मामले में लोकायुक्त के यहां आगे की सुनवाई भी है.



विदिशा के परिजनों के क्या थे आरोप

⦁     विदिशा की मौत की खबर प्रबंधन ने कुछ घंटों तक क्यों छुपाए रखा ? पहले स्कूल प्रबंधन ने फोन कर विदिशा के बीमार होने की जानकारी दी थी.

⦁     अगर विदिशा ने आत्महत्या की थी तो शव उतारने के लिए पुलिस के आने का इंतजार क्यों नहीं किया गया.

⦁     विदिशा की मौत से लगभग एक साल पहले घरवालों को बिना सहमति के उसका ऑपरेशन क्यों कराया गया.

⦁     क्यों घटना के बाद विदिशा का शव रिम्स के बरामदे में लावारिश हालत में फेंक दिया गया, स्कूल प्रबंधन के लोग वहां से फरार क्यों हो गए ?


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