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पुलिसिया एनकाउंटर से डरे नक्सली, जंगल छोड़ शहर से कर रहे हैं ऑपरेट - रांची

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लगातार चल रहे पुलिसियाअभियान से नक्सली डर गये हैं. वो अब अपना ठिकाना शहरों में बसा रहे हैं.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट
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Published : Mar 27, 2019, 8:02 PM IST

Updated : Mar 27, 2019, 10:43 PM IST

रांचीः झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है. इस साल अब तक 15 नक्सली एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं. लगातार हो रहे हैं एनकाउंटर से परेशान होकर जंगलों में अपनी हुकूमत चलाने वाले नक्सली अब शहरों का रुख कर रहे हैं. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार कई बड़े नक्सली शहरों में रहकर जंगल में अपनी गतिविधियां चला रहे हैं.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

राजधानी रांची सहित दूसरे शहरों में अक्सर नक्सल गतिविधियों की बात सामने आती रहती है. कभी नक्सली पकड़े जाते हैं तो कभी पुलिस की दबिश से फरार हो कर वापस जंगल पहुंच जाते हैं. लेकिन अब जो मामला सामने आ रहा है, वह काफी गंभीर है. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट है कि कई बड़े नक्सली राजधानी रांची सहित कई शहरों में नाम बदलकर रह रहे हैं. जंगल में पुलिस के साथ लगभग हर दिन छोटे बड़े मुठभेड़ हो रहे हैं. इससे परेशान होकर अब नक्सलियों ने शहर में ही अपने स्लीपर सेल की मदद से ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है. खासकर राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों के रहने की बात सामने आई है.

कई बड़े नक्सलियों की है राजधानी में प्रॉपर्टी

राजधानी रांची के अलग-अलग इलाकों में नक्सली संगठन पीएलआई, टीपीसी और माओवादियों के शीर्ष नेताओं ने अपने पत्नी और बच्चों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीद रखी है. रांची के हटिया, तुपुदाना, रातू, कांके, ओरमांझी, सिल्ली, अनगड़ा, खलारी, बुढ़मू, चान्हो, मांडर, बेड़ो, इटकी, बुंडू, तमाड़, सोनाहातू और नामकुम इलाकों में नक्सलियों के ठिकाने बनाए जाने की जानकारी अक्सर पुलिस को मिलती रहती है. स्पेशल ब्रांच भी अक्सर इस संबंध में रिपोर्ट भेज कर राजधानी पुलिस को आगाह करते रहती है.

इंवेसमेंट की बात आ चुकी है सामने

टेरर फंडिंग की जांच कर रही एनआईए की रिपोर्ट में हाल के दिनों में नक्सलियों के द्वारा कई कंपनियों में इंवेस्टमेंट की बात सामने आ चुकी है. नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश ने कई कंस्ट्रक्शन कंपनियों में इंवेस्टमेंट कर रखा है. एनआईए के छापेमारी में रांची के अशोकनगर स्थित एक कार्यालय से कई दस्तावेज मिले थे, जिससे यह प्रमाणित हुआ था कि दिनेश गोप ने कई कंपनियों में निवेश किए हैं.

बिना सत्यापन रखे जाते हैं किराएदार

पुलिस के द्वारा सत्यापन के बाद किराएदार रखने की हिदायत के बावजूद बिना सत्यापन के ही अधिकांश मकान मालिक किराएदार रखते हैं. इसका फायदा नक्सली उठा रहे हैं. जबकि पुलिस ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि किराया पर घर देने से पहले उनके वोटर आईडी, गारंटर समेत कई अन्य डॉक्यूमेंट का सत्यापन करवाया जाना आवश्यक है. इतना ही नहीं किराएदार का विस्तृत विवरण थाने में भी जमा करना है. पुलिस अब इस नियम का जो मकान मालिक पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

जानकारी है, नजर रखी जा रही है

रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि नक्सलियों के साथ लगातार एनकाउंटर हो रहे हैं और यह सूचना भी है कि वे शहर का रुख कर अपने आपको सुरक्षित करना चाह रहे हैं. यही वजह है कि पुलिस लगातार राजधानी रांची में नजर रखे हुए है. हर आने-जाने वाले संदिग्धों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है. रात के समय वाहनों को चेक भी किया जा रहा है.

कई की हो चुकी है गिरफ्तारी

झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान एमएल मीणा के अनुसार शहर में आने वाले नक्सलियों पर पुलिस की कड़ी नजर है. कई बार में वे पकड़े भी जाते हैं. कई बार बच कर निकल भी जाते हैं. लेकिन रांची से ही कई बड़े नक्सली नेता मोटी रकम के साथ गिरफ्तार हो चुके हैं.

कौन कौन नक्सली हुए गिरफ्तार

2011 में 25 लाख के इनामी नक्सली उदय जी को रांची के लालपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था. उदय जी लालपुर में फ्लैट लेकर उसमें रह रहा था और वहीं से नक्सल गतिविधियों का संचालन कर रहा था.

2014 में पुलिस ने रांची से पीएलएफआई के नक्सली मंगल उरांव को गिरफ्तार किया था. वहीं मौके से फरार हुए नक्सली शमशाद उर्फ मौलवी की गिरफ्तारी भी इटकी जंगल से की गई थी.

2014 में ही पुलिस ने पीएलएफआई के एरिया कमांडर जेठा कच्छप को इटकी से गिरफ्तार किया था.

2015 में रांची पुलिस ने मोस्ट वांटेड माओवादी रोहित जी को पतरातू से गिरफ्तार किया था.

2015 में ही तमाड़ पुलिस ने पीएलएफआई के तीन नक्सलियों गोदा पुराण, शनिक मुंडा और सोमा सालुकर को गिरफ्तार किया था.

11 जुलाई 2015 को खलारी पुलिस ने टीपीसी के एरिया कमांडर गोपाल गंझू उर्फ निर्भय जी को खलारी के एक मोहल्ले से गिरफ्तार किया था.

25 फरवरी 2019 को रांची के रातू थाना क्षेत्र से 10 लाख के इनामी नक्सली संतोष यादव उर्फ टाइगर को गिरफ्तार किया गया था.

इसके अलावा छत्तीसगढ़ की बलरामपुर पुलिस ने 15 फरवरी 2019 को रांची के नामकुम से समाजवादी पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष केस्वर यादव उर्फ रंजन यादव को गिरफ्तार किया था रंजन यादव छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों में शामिल था.

इसके अलावा पीएलएफआई नक्सली वरुण यादव को भी रांची के कोकर इलाके से गिरफ्तार किया गया था.

रांचीः झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है. इस साल अब तक 15 नक्सली एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं. लगातार हो रहे हैं एनकाउंटर से परेशान होकर जंगलों में अपनी हुकूमत चलाने वाले नक्सली अब शहरों का रुख कर रहे हैं. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार कई बड़े नक्सली शहरों में रहकर जंगल में अपनी गतिविधियां चला रहे हैं.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

राजधानी रांची सहित दूसरे शहरों में अक्सर नक्सल गतिविधियों की बात सामने आती रहती है. कभी नक्सली पकड़े जाते हैं तो कभी पुलिस की दबिश से फरार हो कर वापस जंगल पहुंच जाते हैं. लेकिन अब जो मामला सामने आ रहा है, वह काफी गंभीर है. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट है कि कई बड़े नक्सली राजधानी रांची सहित कई शहरों में नाम बदलकर रह रहे हैं. जंगल में पुलिस के साथ लगभग हर दिन छोटे बड़े मुठभेड़ हो रहे हैं. इससे परेशान होकर अब नक्सलियों ने शहर में ही अपने स्लीपर सेल की मदद से ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है. खासकर राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों के रहने की बात सामने आई है.

कई बड़े नक्सलियों की है राजधानी में प्रॉपर्टी

राजधानी रांची के अलग-अलग इलाकों में नक्सली संगठन पीएलआई, टीपीसी और माओवादियों के शीर्ष नेताओं ने अपने पत्नी और बच्चों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीद रखी है. रांची के हटिया, तुपुदाना, रातू, कांके, ओरमांझी, सिल्ली, अनगड़ा, खलारी, बुढ़मू, चान्हो, मांडर, बेड़ो, इटकी, बुंडू, तमाड़, सोनाहातू और नामकुम इलाकों में नक्सलियों के ठिकाने बनाए जाने की जानकारी अक्सर पुलिस को मिलती रहती है. स्पेशल ब्रांच भी अक्सर इस संबंध में रिपोर्ट भेज कर राजधानी पुलिस को आगाह करते रहती है.

इंवेसमेंट की बात आ चुकी है सामने

टेरर फंडिंग की जांच कर रही एनआईए की रिपोर्ट में हाल के दिनों में नक्सलियों के द्वारा कई कंपनियों में इंवेस्टमेंट की बात सामने आ चुकी है. नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश ने कई कंस्ट्रक्शन कंपनियों में इंवेस्टमेंट कर रखा है. एनआईए के छापेमारी में रांची के अशोकनगर स्थित एक कार्यालय से कई दस्तावेज मिले थे, जिससे यह प्रमाणित हुआ था कि दिनेश गोप ने कई कंपनियों में निवेश किए हैं.

बिना सत्यापन रखे जाते हैं किराएदार

पुलिस के द्वारा सत्यापन के बाद किराएदार रखने की हिदायत के बावजूद बिना सत्यापन के ही अधिकांश मकान मालिक किराएदार रखते हैं. इसका फायदा नक्सली उठा रहे हैं. जबकि पुलिस ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि किराया पर घर देने से पहले उनके वोटर आईडी, गारंटर समेत कई अन्य डॉक्यूमेंट का सत्यापन करवाया जाना आवश्यक है. इतना ही नहीं किराएदार का विस्तृत विवरण थाने में भी जमा करना है. पुलिस अब इस नियम का जो मकान मालिक पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

जानकारी है, नजर रखी जा रही है

रांची एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि नक्सलियों के साथ लगातार एनकाउंटर हो रहे हैं और यह सूचना भी है कि वे शहर का रुख कर अपने आपको सुरक्षित करना चाह रहे हैं. यही वजह है कि पुलिस लगातार राजधानी रांची में नजर रखे हुए है. हर आने-जाने वाले संदिग्धों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है. रात के समय वाहनों को चेक भी किया जा रहा है.

कई की हो चुकी है गिरफ्तारी

झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान एमएल मीणा के अनुसार शहर में आने वाले नक्सलियों पर पुलिस की कड़ी नजर है. कई बार में वे पकड़े भी जाते हैं. कई बार बच कर निकल भी जाते हैं. लेकिन रांची से ही कई बड़े नक्सली नेता मोटी रकम के साथ गिरफ्तार हो चुके हैं.

कौन कौन नक्सली हुए गिरफ्तार

2011 में 25 लाख के इनामी नक्सली उदय जी को रांची के लालपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था. उदय जी लालपुर में फ्लैट लेकर उसमें रह रहा था और वहीं से नक्सल गतिविधियों का संचालन कर रहा था.

2014 में पुलिस ने रांची से पीएलएफआई के नक्सली मंगल उरांव को गिरफ्तार किया था. वहीं मौके से फरार हुए नक्सली शमशाद उर्फ मौलवी की गिरफ्तारी भी इटकी जंगल से की गई थी.

2014 में ही पुलिस ने पीएलएफआई के एरिया कमांडर जेठा कच्छप को इटकी से गिरफ्तार किया था.

2015 में रांची पुलिस ने मोस्ट वांटेड माओवादी रोहित जी को पतरातू से गिरफ्तार किया था.

2015 में ही तमाड़ पुलिस ने पीएलएफआई के तीन नक्सलियों गोदा पुराण, शनिक मुंडा और सोमा सालुकर को गिरफ्तार किया था.

11 जुलाई 2015 को खलारी पुलिस ने टीपीसी के एरिया कमांडर गोपाल गंझू उर्फ निर्भय जी को खलारी के एक मोहल्ले से गिरफ्तार किया था.

25 फरवरी 2019 को रांची के रातू थाना क्षेत्र से 10 लाख के इनामी नक्सली संतोष यादव उर्फ टाइगर को गिरफ्तार किया गया था.

इसके अलावा छत्तीसगढ़ की बलरामपुर पुलिस ने 15 फरवरी 2019 को रांची के नामकुम से समाजवादी पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष केस्वर यादव उर्फ रंजन यादव को गिरफ्तार किया था रंजन यादव छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों में शामिल था.

इसके अलावा पीएलएफआई नक्सली वरुण यादव को भी रांची के कोकर इलाके से गिरफ्तार किया गया था.

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डे प्लान स्टोरी

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है ।इस अभियान का नतीजा ही है कि साल 2019 में अब तक 15 नक्सली एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं ,वहीं एक दर्जन से अधिक सलाखों के पीछे पहुंचा दिए गए हैं। लगातार हो रहे हैं एनकाउंटर से परेशान होकर जंगलों में अपनी हुकूमत चलाने वाले नक्सली अब शहरों का रुख कर रहे हैं। स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार कई बड़े नक्सली शहरों में रहकर जंगल में अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।



राजधानी रांची सहित दूसरे शहरों में अक्सर नक्सल गतिविधियों की बात सामने आती रहती हैं ।कभी नक्सली पकड़े जाते हैं तो कभी पुलिस की दबिश से फरार हो कर वापस जंगल पहुंच जाते हैं। लेकिन अब जो मामला सामने आ रहा है, वह काफी गंभीर है। स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट है कि कई बड़े नक्सली राजधानी रांची सहित कई शहरों में नाम बदलकर रह रहे हैं। जंगल में पुलिस के साथ लगभग हर दिन छोटे बड़े मुठभेड़ हो रहे हैं इससे परेशान होकर अब नक्सलियों ने शहर में ही अपने स्लीपर सेल की मदद से ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। खासकर राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों के रहने की बात सामने आई है।

कई बड़े नक्सलियों की है राजधानी में प्रॉपर्टी

राजधानी रांची के अलग-अलग इलाकों में नक्सली संगठन पीएलआई ,टीपीसी और माओवादियों के शीर्ष नेताओं ने अपने पत्नी और बच्चों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीद रखा है। रांची के हटिया ,तुपुदाना, रातू ,कांके ,ओरमांझी, सिल्ली, अनगड़ा , खलारी , बुढ़मू ,चान्हो , मांडर , बेड़ो ,इटकी ,बुंडू ,तमाड़ ,सोनाहातू और नामकुम इलाकों में नक्सलियों के ठिकाने बनाए जाने की जानकारी अक्सर पुलिस को मिलती रहती है। स्पेशल ब्रांच भी अक्सर इस संबंध में रिपोर्ट भेज कर राजधानी पुलिस को आगाह करते रहती है।

इंवेसमेन्ट की बात आ चुकी है सामने

टेरर फंडिंग की जांच कर रही एनआईए की रिपोर्ट में हाल के दिनों में नक्सलियों के द्वारा कई कंपनियों में इनवेस्टमेंट की बात सामने आ चुकी है। नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश ने कई कंस्ट्रक्शन कंपनियों में इन्वेस्टमेंट कर रखा है। एनआईए के छापेमारी में रांची के अशोकनगर स्थित एक कार्यालय से कई दस्तावेज मिले थे जिससे यह प्रमाणित हुआ था कि दिनेश गोप में कई कंपनियों में निवेश किए हैं।

बिना सत्यापन रखे जाते हैं किराएदार

पुलिस के द्वारा सत्यापन के बाद किराएदार रखने की हिदायत के बावजूद बिना सत्यापन के ही अधिकांश मकान मालिक किरदार रखते हैं। इसका फायदा नक्सली उठा रहे हैं। जबकि पुलिस ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि किराया पर घर देने से पहले उनके वोटर आईडी ,गारंटर समेत कई अन्य डॉक्यूमेंट का सत्यापन करवाया जाना आवश्यक है ।इतना ही नहीं किराएदार का विस्तृत विवरण थाने में भी जमा करना है। पुलिस अब इस नियम का जो मकान मालिक पालन नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

जानकारी है ,नजर रखी जा रही है

रांची एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि नक्सलियों के साथ लगातार इनकाउंटर हो रहे हैं और यह सूचना भी है कि वे शहर का रुख कर अपने आपको सुरक्षित करना चाह रहे हैं। यही वजह है कि पुलिस लगातार राजधानी रांची में नजर रखे हुए हैं हर आने-जाने वाले संदिग्धों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। रात के समय वाहनों को चेक भी किया जा रहा है।

कई की हो चुकी है गिरफ्तारी

झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान एमएल मीणा के अनुसार शहर में आने वाले नक्सलियों पर पुलिस की कड़ी नजर है ।कई बार में वे पकड़े भी जाते हैं और कई बार बच कर निकल भी जाते हैं ।लेकिन रांची से ही कई बड़े नक्सली नेता मोटी रकम के साथ गिरफ्तार हो चुके हैं।

कौन कौन नक्सली हुए गिरफ्तार

2011 में 25 लाख के इनामी नक्सली उदय जी को रांची के लालपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उदय जी लालपुर में फ्लैट लेकर उसमें रह रहा था और वहीं से नक्सल गतिविधियों का संचालन कर रहा था।

2014 में पुलिस ने रांची के इलाके से पीएलएफआई के नक्सली मंगल उरांव को गिरफ्तार किया था वहीं मौके से फरार हुए नक्सली शमशाद उर्फ मौलवी की गिरफ्तारी भी इटकी जंगल से की गई थी।

2014 में ही पुलिस ने पीएलएफआई के एरिया कमांडर जेठा कच्छप को इटकी से गिरफ्तार किया था।

2015 में रांची पुलिस ने मोस्ट वांटेड माओवादी रोहित जी को पतरातू से गिरफ्तार किया था।

2015 में ही तमाड़ पुलिस ने पीएलएफआई के तीन नक्सलियों गोदा पुराण , शनिक मुंडा और सोमा सालुकर को गिरफ्तार किया था।

11 जुलाई 2015 को खलारी पुलिस ने टीपीसी के एरिया कमांडर गोपाल गंझू उफ उर्फ निर्भय जी को खलारी के एक मोहल्ले से गिरफ्तार किया था।

25 फरवरी 2019 को रांची के रातू थाना क्षेत्र से 10 लाख के इनामी नक्सली संतोष यादव उर्फ टाइगर को गिरफ्तार किया गया था।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ की बलरामपुर पुलिस ने 15 फरवरी 2019 को रांची के नामकुम से समाजवादी पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष के स्वर यादव उर्फ रंजन यादव को गिरफ्तार किया था रंजन यादव छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों में शामिल था।
इसके अलावा पीएलएफआई नक्सली वरुण यादव को भी रांची के कोकर इलाके से गिरफ्तार किया गया था।

बाईट - एम एल मीणा , एडीजी अभियान
बाईट - अनीश गुप्ता , एसएसपी ,रांची



Body:फ़


Conclusion:फ़
Last Updated : Mar 27, 2019, 10:43 PM IST
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