रांची: इस बार लोकसभा चुनावों में मोदी की ऐसी सुनामी उठी कि जिसने कई क्षत्रपों का नामो निशान मिटा दिया. कई क्षेत्रिए पार्टियां जो इस चुनाव में मजबूत मानी जा रही थीं, एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाईं. इन्हीं में से एक है राजद, कयास लगाए जा रहे थे कि लालू यादव की पार्टी अपने महागठबंधन के साथ करीब 6 से 8 सीटें ला सकती है. लेकिन इस बार वह शून्य पर पहुंच गए. इसी पर मंथन करने आज लालू से कई नेता मुलाकात कर सकते हैं.
राजद ने अपने इतिहास में पहली बार इतनी बुरी हार का सामना किया है. लालू जेल में हैं और उनकी पार्टी हाशिए पर पहुंच चुकी है. इसके उलट एनडीए ने न सिर्फ बिहार-झारखंड में बल्कि पूरे देश में जबदस्त प्रदर्शन किया है. बिहार में तो ऐसा लग रहा है जैसे एनडीए ने राजद के पूरे वोट बैंक को तबाह कर दिया है.
ये पहली बार हो रहा है कि राजद की ओर से लोकसभा में सवाल करने वाला कोई नहीं बचा है. ऐसे समय में राजद नेताओं को रांची के जेल में बंद अपने करिश्माई नेता की बेहद कमी खल रही है. लालू फिलहाल चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे हैं और बीमार होने के कारण रिम्स में भर्ती हैं.
सूत्रों की मानें तो जिस तरह के नतीजे आए हैं उससे लालू बेहद परेशान हैं. लालू को पार्टी के साथ-साथ तेजस्वी के भविष्य की भी चिंता है. पार्टी का प्रदर्शन जिस तरह से लोकसभा चुनाव में रहा है उससे लोग ये मान रहे हैं कि ये एक तरह से तेजस्वी की अनुभव हीनता की वजह से हुआ है. पिछली बार लालू जेल से बाहर थे और मोदी लहर के बाद भी पार्टी 4 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी. लेकिन इस बार एक भी सीट ना जीत पाना ये बताता है कि तेजस्वी में वह बात नहीं जो लालू में है. इसके अलावा उनके पारिवारिक कलह ने भी पार्टी की लोकप्रियता को नुकसान पहुंचाया.
फिलहाल माना ये जा रहा है कि आज लालू से मुलाकात के दौरान पार्टी को मिली बड़ी हार पर चर्चा होगी. यही नहीं आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी लालू पार्टी के लिए कुछ दिशा निर्देश दे सकते हैं.
सबसे खराब दौर में 15 साल राज करने वाला राजद, आज लालू से मिल सकते हैं कई नेता
राजद को मिली हार के बाद आज लालू से बड़े नेता मिल सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि लालू से मिल कर लोकसभा चुनावों में मिली हार पर चर्चा होगी.
रांची: इस बार लोकसभा चुनावों में मोदी की ऐसी सुनामी उठी कि जिसने कई क्षत्रपों का नामो निशान मिटा दिया. कई क्षेत्रिए पार्टियां जो इस चुनाव में मजबूत मानी जा रही थीं, एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाईं. इन्हीं में से एक है राजद, कयास लगाए जा रहे थे कि लालू यादव की पार्टी अपने महागठबंधन के साथ करीब 6 से 8 सीटें ला सकती है. लेकिन इस बार वह शून्य पर पहुंच गए. इसी पर मंथन करने आज लालू से कई नेता मुलाकात कर सकते हैं.
राजद ने अपने इतिहास में पहली बार इतनी बुरी हार का सामना किया है. लालू जेल में हैं और उनकी पार्टी हाशिए पर पहुंच चुकी है. इसके उलट एनडीए ने न सिर्फ बिहार-झारखंड में बल्कि पूरे देश में जबदस्त प्रदर्शन किया है. बिहार में तो ऐसा लग रहा है जैसे एनडीए ने राजद के पूरे वोट बैंक को तबाह कर दिया है.
ये पहली बार हो रहा है कि राजद की ओर से लोकसभा में सवाल करने वाला कोई नहीं बचा है. ऐसे समय में राजद नेताओं को रांची के जेल में बंद अपने करिश्माई नेता की बेहद कमी खल रही है. लालू फिलहाल चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे हैं और बीमार होने के कारण रिम्स में भर्ती हैं.
सूत्रों की मानें तो जिस तरह के नतीजे आए हैं उससे लालू बेहद परेशान हैं. लालू को पार्टी के साथ-साथ तेजस्वी के भविष्य की भी चिंता है. पार्टी का प्रदर्शन जिस तरह से लोकसभा चुनाव में रहा है उससे लोग ये मान रहे हैं कि ये एक तरह से तेजस्वी की अनुभव हीनता की वजह से हुआ है. पिछली बार लालू जेल से बाहर थे और मोदी लहर के बाद भी पार्टी 4 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी. लेकिन इस बार एक भी सीट ना जीत पाना ये बताता है कि तेजस्वी में वह बात नहीं जो लालू में है. इसके अलावा उनके पारिवारिक कलह ने भी पार्टी की लोकप्रियता को नुकसान पहुंचाया.
फिलहाल माना ये जा रहा है कि आज लालू से मुलाकात के दौरान पार्टी को मिली बड़ी हार पर चर्चा होगी. यही नहीं आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी लालू पार्टी के लिए कुछ दिशा निर्देश दे सकते हैं.
रांची: इस बार लोकसभा चुनावों में मोदी की ऐसी सुनामी उठी कि जिसने कई क्षत्रपों का नामो निशान मिटा दिया. कई क्षेत्रिए पार्टियां जो इस चुनाव में मजबूत मानी जा रही थीं, एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाईं. इन्हीं में से एक है राजद, कयास लगाए जा रहे थे कि लालू यादव की पार्टी अपने महागठबंधन के साथ करीब 6 से 8 सीटें ला सकती है. लेकिन इस बार वह शून्य पर पहुंच गए. इसी पर मंथन करने आज लालू से कई नेता मुलाकात कर सकते हैं.
राजद ने अपने इतिहास में पहली बार इतनी बुरी हार का सामना किया है. लालू जेल में हैं और उनकी पार्टी हाशिए पर पहुंच चुकी है. इसके उलट एनडीए ने न सिर्फ बिहार-झारखंड में बल्कि पूरे देश में जबदस्त प्रदर्शन किया है. बिहार में तो ऐसा लग रहा है जैसे एनडीए ने राजद के पूरे वोट बैंक को तबाह कर दिया है.
ये पहली बार हो रहा है कि राजद की ओर से लोकसभा में सवाल करने वाला कोई नहीं बचा है. ऐसे समय में राजद नेताओं को रांची के जेल में बंद अपने करिश्माई नेता की बेहद कमी खल रही है. लालू फिलहाल चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे हैं और बीमार होने के कारण रिम्स में भर्ती हैं.
सूत्रों की मानें तो जिस तरह के नतीजे आए हैं उससे लालू बेहद परेशान हैं. लालू को पार्टी के साथ-साथ तेजस्वी के भविष्य की भी चिंता है. पार्टी का प्रदर्शन जिस तरह से लोकसभा चुनाव में रहा है उससे लोग ये मान रहे हैं कि ये एक तरह से तेजस्वी की अनुभव हीनता की वजह से हुआ है. पिछली बार लालू जेल से बाहर थे और मोदी लहर के बाद भी पार्टी 4 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी. लेकिन इस बार एक भी सीट ना जीत पाना ये बताता है कि तेजस्वी में वह बात नहीं जो लालू में है. इसके अलावा उनके पारिवारिक कलह ने भी पार्टी की लोकप्रियता को नुकसान पहुंचाया.
फिलहाल माना ये जा रहा है कि आज लालू से मुलाकात के दौरान पार्टी को मिली बड़ी हार पर चर्चा होगी. यही नहीं आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी लालू पार्टी के लिए कुछ दिशा निर्देश दे सकते हैं.
Conclusion: