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जल्द मिल सकती है झारखंड को नई शिक्षा नीति, सुझावों पर विभाग कर रहा विचार

रांची में राज्यस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों के साथ विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने शिक्षाविदों द्वारा दिए गए सुझावों को सुना और उन पर अमल करने की बात भी कही.

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Published : Jun 22, 2019, 7:47 PM IST

राज्यस्तरीय परिचर्चा का आयोजन

रांची: नई शिक्षा नीति को लेकर जल्द निर्णय लिए जा सकते हैं, इसे लेकर रांची में विभिन्न शिक्षाविदों, शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों के साथ शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह की मौजूदगी में परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस दौरान कई महत्वपूर्ण सुझावों से विभाग को अवगत कराया गया. जल्द ही राज्य को नई शिक्षा नीति मिल सकती है. हालांकि अभी और कई चरणों के बैठक होने बाकी है.

देखें पूरी खबर

देशभर में एक शिक्षा नीति हो, इस मुद्दे को लेकर हमेशा बहस छिड़ी है, लेकिन झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा हमेशा ही नई शिक्षा नीति पर बल दिया गया है. इधर क्वालिटी एजुकेशन देने को लेकर चर्चा जोर पकड़ लिया है. इसे लेकर केंद्र सरकार की शिक्षा विभाग से झारखंड के शिक्षाविदों और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को भी खासा उम्मीदें है.

ये भी पढ़ें-वेंडर मार्केट में शिफ्ट होंगे फुटपाथ दुकानदार, कचहरी से सर्जना चौक तक होगा नो वेंडर जोन

इस कड़ी में राजधानी रांची में राज्यस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. जहां विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने शिक्षाविदों द्वारा दिए गए सुझावों को सुना और उन पर अमल करने की बात भी कही. हालांकि भारत सरकार द्वारा शिक्षा नीति पर अंतिम फैसला लेना है और विभिन्न राज्यों द्वारा भेजे जा रहे सुझाव के बाद ही इस विषय पर कुछ पहल किया जा सकेगा.

परिचर्चा के बाद विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि विशेषज्ञ और शिक्षाविदों के साथ-साथ आम लोगों से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं. इन सुझावों को जमा करने के बाद केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग को भेजा जाएगा. उसके बाद जो भी निर्णय होगा वो अंतिम निर्णय होगा.

रांची: नई शिक्षा नीति को लेकर जल्द निर्णय लिए जा सकते हैं, इसे लेकर रांची में विभिन्न शिक्षाविदों, शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों के साथ शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह की मौजूदगी में परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस दौरान कई महत्वपूर्ण सुझावों से विभाग को अवगत कराया गया. जल्द ही राज्य को नई शिक्षा नीति मिल सकती है. हालांकि अभी और कई चरणों के बैठक होने बाकी है.

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देशभर में एक शिक्षा नीति हो, इस मुद्दे को लेकर हमेशा बहस छिड़ी है, लेकिन झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा हमेशा ही नई शिक्षा नीति पर बल दिया गया है. इधर क्वालिटी एजुकेशन देने को लेकर चर्चा जोर पकड़ लिया है. इसे लेकर केंद्र सरकार की शिक्षा विभाग से झारखंड के शिक्षाविदों और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को भी खासा उम्मीदें है.

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इस कड़ी में राजधानी रांची में राज्यस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. जहां विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने शिक्षाविदों द्वारा दिए गए सुझावों को सुना और उन पर अमल करने की बात भी कही. हालांकि भारत सरकार द्वारा शिक्षा नीति पर अंतिम फैसला लेना है और विभिन्न राज्यों द्वारा भेजे जा रहे सुझाव के बाद ही इस विषय पर कुछ पहल किया जा सकेगा.

परिचर्चा के बाद विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि विशेषज्ञ और शिक्षाविदों के साथ-साथ आम लोगों से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं. इन सुझावों को जमा करने के बाद केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग को भेजा जाएगा. उसके बाद जो भी निर्णय होगा वो अंतिम निर्णय होगा.

Intro:रेडी टू एयर...

रांची

नई शिक्षा नीति को लेकर जल्द निर्णय लिए जा सकते हैं इसे लेकर राजधानी रांची में विभिन्न शिक्षाविदों, शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों के साथ शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह की मौजूदगी में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस दौरान कई महत्वपूर्ण सुझावों से विभाग को अवगत कराया गया .जल्द ही राज्य को नया शिक्षा नीति मिल सकती है हालांकि अभी और कई चरणों का बैठक होना बाकी है.


Body:देशभर में एक शिक्षा नीति हो,इस मुद्दे को लेकर हमेशा ही बहस छिड़ी है .लेकिन झारखंड में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा हमेशा ही नई शिक्षा नीति पर बल दिया गया है.इधर क्वालिटी एजुकेशन देने को लेकर चर्चा जोर पकड़ लिया है .इसे लेकर केंद्र सरकार की शिक्षा विभाग से झारखंड के शिक्षाविदों और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को भी खासा उम्मीदें है .इसी कड़ी में राजधानी रांची में राज्य स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया .जहां विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह भी शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने शिक्षाविदों द्वारा दिए गए सुझावों को सुना और उन पर धीरे-धीरे अमल करने की बात भी कही .हालांकि भारत सरकार द्वारा ही शिक्षा नीति पर अंतिम फैसला लेना है और विभिन्न राज्यों द्वारा भेजे जा रहे सुझाव के बाद ही इस विषय पर कुछ पहल किया जा सकेगा .परिचर्चा के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए विभागीय प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि विशेषज्ञ और शिक्षाविदों के साथ साथ आम लोगों से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं .इन सुझावों को एकत्रित करने के बाद केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग को भेजा जाएगा .उसके बाद जो भी निर्णय होगा वह अंतिम निर्णय होगा.


बाइट-एपी सिंह.प्रधान सचिव,शिक्षा विभाग,झारखंड।


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