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गर्मी में मौसम की 'थर्ड डिग्री', झारखंड के 'शिमला' में पारा 43 के पार - Hazaribagh gruesome heat

हजारीबाग में पिछले 1 सप्ताह से लगातार तापमान में वृद्धि हो रही है. जिसके कारण आम और खास सभी परेशान हैं. वहीं, लोगों का कहना है इसका कारण में हम सब है जो विकास के नाम पर लगातार पेड़ों की कटाई कर रहे हैं.

झारखंड के 'शिमला' में पारा 43 के पार
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Published : May 11, 2019, 2:04 PM IST

हजारीबाग: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मौसम के लिए जाना जाने वाला शहर आज राज्य का सबसे गर्म शहरों में से एक माना जा रहा है. हजारीबाग में पिछले एक सप्ताह से तापमान के रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. गर्म हवा के थपेड़े सुबह 9 बजे से ही लोगों को झुलसाने में लगे हैं.

देखें पूरी स्टोरी.

झारखंड का शिमला कहे जाने वाले हजारीबाग में इस बार प्रचंड गर्मी का प्रकोप है. शहर का तापमान 43 डिग्री तक जा पहुंचा है. बुधवार को शहर का अधिकतम तापमान 43 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. मौसम विभाग के अनुसार पिछले 1 सप्ताह में हर दिन 1 डिग्री तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है. जिससे लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.

वहीं, दिन में तेज धूप में गर्म हवा के कारण लू चल रही है. जिसके कारण लोग दिन में धूप से निकलने से बच रहे हैं. शहरवासी अपने पूरे बदन को ढक कर घर से बाहर निकल रहे हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गर्मी से राहत पाने के लिए झील पर नहाते भी दिख रहे हैं. गर्मी से बचने के लिए सड़क किनारे लोग सत्तू, अमजोरा, बेल का शरबत, डाब का पानी या फिर अन्य पेय पदार्थ का सेवन कर रहे हैं, ताकि लू ना लगे.

'तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि के जिम्मेदार हम सब'
इस तपती गर्मी के चलते हर आम और खास परेशान है. हजारीबाग की रहने वाली छात्रा भी कहती है कि ऐसी गर्मी पहले कभी नहीं पड़ी थी. उनका कहना है कि पहले जब स्कूल या कॉलेज में पढ़ते थे तो उस वक्त गर्मी इतनी नहीं होती थी. लेकिन हाल के दिनों में तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. जिसके लिए हम लोग खुद जिम्मेदार हैं.

'विकास के नाम पर काटे जा रहे पेड़'
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय शर्मा बताते हैं कि पहले हजारीबाग में काफी संख्या में पेड़ हुआ करते थे. लेकिन विकास के नाम पर पेड़ काट दिए गए और कंक्रीट के जंगल शहर में तैयार हो गए. अब शहर के बाहर भी जाने के बाद भी पेड़ नहीं दिखते हैं. इसके कारण तापमान में वृद्धि हुई है. इसके लिए आज का मानव समाज जिम्मेदार है.

हजारीबाग: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मौसम के लिए जाना जाने वाला शहर आज राज्य का सबसे गर्म शहरों में से एक माना जा रहा है. हजारीबाग में पिछले एक सप्ताह से तापमान के रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. गर्म हवा के थपेड़े सुबह 9 बजे से ही लोगों को झुलसाने में लगे हैं.

देखें पूरी स्टोरी.

झारखंड का शिमला कहे जाने वाले हजारीबाग में इस बार प्रचंड गर्मी का प्रकोप है. शहर का तापमान 43 डिग्री तक जा पहुंचा है. बुधवार को शहर का अधिकतम तापमान 43 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. मौसम विभाग के अनुसार पिछले 1 सप्ताह में हर दिन 1 डिग्री तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है. जिससे लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.

वहीं, दिन में तेज धूप में गर्म हवा के कारण लू चल रही है. जिसके कारण लोग दिन में धूप से निकलने से बच रहे हैं. शहरवासी अपने पूरे बदन को ढक कर घर से बाहर निकल रहे हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गर्मी से राहत पाने के लिए झील पर नहाते भी दिख रहे हैं. गर्मी से बचने के लिए सड़क किनारे लोग सत्तू, अमजोरा, बेल का शरबत, डाब का पानी या फिर अन्य पेय पदार्थ का सेवन कर रहे हैं, ताकि लू ना लगे.

'तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि के जिम्मेदार हम सब'
इस तपती गर्मी के चलते हर आम और खास परेशान है. हजारीबाग की रहने वाली छात्रा भी कहती है कि ऐसी गर्मी पहले कभी नहीं पड़ी थी. उनका कहना है कि पहले जब स्कूल या कॉलेज में पढ़ते थे तो उस वक्त गर्मी इतनी नहीं होती थी. लेकिन हाल के दिनों में तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. जिसके लिए हम लोग खुद जिम्मेदार हैं.

'विकास के नाम पर काटे जा रहे पेड़'
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय शर्मा बताते हैं कि पहले हजारीबाग में काफी संख्या में पेड़ हुआ करते थे. लेकिन विकास के नाम पर पेड़ काट दिए गए और कंक्रीट के जंगल शहर में तैयार हो गए. अब शहर के बाहर भी जाने के बाद भी पेड़ नहीं दिखते हैं. इसके कारण तापमान में वृद्धि हुई है. इसके लिए आज का मानव समाज जिम्मेदार है.

Intro:अपनी प्रकृति सुंदरता और मौसम के लिए जाना जाने वाला शहर आज राज्य का सबसे गर्म शहरों में से एक माना जा रहा है। हजारीबाग में विगत 1 सप्ताह में तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। गर्म हवा के थपेड़े सुबह 9:00 बजे से ही लोगों को झुलसा में लगे हैं। ऐसे में लोगों का दोपहर के वक्त घर, दफ्तर से भी बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। राह चलते लोगों की छाव तलाश कर रहे हैं। बहुत जरूरत होने पर ही व्यवस्था में घर से बाहर निकल रहे हैं।

झारखंड का शिमला कहा जाने वाला हजारीबाग इस बार प्रचंड गर्मी के प्रकोप में है ।शहर का तापमान 42 डिग्री तक जा पहुंचा है ।बुधवार को शहर का अधिकतम तापमान 43 डिग्री रिकॉर्ड किया गया ।मौसम विभाग के अनुसार विगत 1 सप्ताह में हर दिन 1 डिग्री तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है।


Body:दिन में तेज धूप में गर्म हवा के कारण लूह चल रही है। जिसके कारण लोग दिन में धूप से निकलने से बच रहे हैं। शहर में लोग अपने पूरे बदन को ढक कर घर से बाहर निकल रहे हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गर्मी से राहत पाने के लिए झील पर नहाते भी दिख रहे हैं। गर्मी से बचने के लिए सड़क किनारे लोग सत्तू, अमजोरा, बेल का शरबत, डाब का पानी या फिर अन्य पेय पदार्थ का सेवन कर रहे हैं, ताकि लूं ना लगे। कहा जाए तो गर्मी के चलते हर आम खास परेशान है ।हजारीबाग की रहने वाली छात्रा भी कहती है कि ऐसी गर्मी पहले कभी नहीं पड़ी थी ।उनका कहना है कि पहले जब स्कूल या कॉलेज में पढ़ते थे तो उस वक्त गर्मी इतनी नहीं होती थी। लेकिन हाल के दिनों में तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। जिसके लिए हम लोग खुद जिम्मेदार हैं।

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय शर्मा बताते हैं कि मई महीने में तापमान 40 डिग्री से पार पहुंच गया है। मई-जून में कभी-कभार ही हजारीबाग का तापमान 40 को पार किया करता था ।उनका कहना है इसके लिए हम जिम्मेवार हैं ।पहले हजारीबाग में पेड़ बहुत हुआ करता था। लेकिन विकास के नाम पर पेड़ काट दिए गए और कंक्रीट के जंगल शहर में तैयार हो गया है ।अब शहर के बाहर भी जाने के बाद भी पेड़ नहीं दिखते हैं। इसके कारण तापमान में वृद्धि हुई है। इसके लिए आज का मानव समाज जिम्मेवार है।

byte... रूबी कुमारी स्थानीय छात्रा
byte.... अजय शर्मा प्रोफेसर विनोद भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग



Conclusion:कहा जाए तो जिस तरह से हजारीबाग में गर्मी में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जरूरत है समाज के हर एक तबका को आगे आने की और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने कि। इस समस्या का एकमात्र उपाय यही है ।

गौरव प्रकाश ईटीवी भारत हजारीबाग
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