हजारीबाग: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मौसम के लिए जाना जाने वाला शहर आज राज्य का सबसे गर्म शहरों में से एक माना जा रहा है. हजारीबाग में पिछले एक सप्ताह से तापमान के रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. गर्म हवा के थपेड़े सुबह 9 बजे से ही लोगों को झुलसाने में लगे हैं.
झारखंड का शिमला कहे जाने वाले हजारीबाग में इस बार प्रचंड गर्मी का प्रकोप है. शहर का तापमान 43 डिग्री तक जा पहुंचा है. बुधवार को शहर का अधिकतम तापमान 43 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. मौसम विभाग के अनुसार पिछले 1 सप्ताह में हर दिन 1 डिग्री तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है. जिससे लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.
वहीं, दिन में तेज धूप में गर्म हवा के कारण लू चल रही है. जिसके कारण लोग दिन में धूप से निकलने से बच रहे हैं. शहरवासी अपने पूरे बदन को ढक कर घर से बाहर निकल रहे हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गर्मी से राहत पाने के लिए झील पर नहाते भी दिख रहे हैं. गर्मी से बचने के लिए सड़क किनारे लोग सत्तू, अमजोरा, बेल का शरबत, डाब का पानी या फिर अन्य पेय पदार्थ का सेवन कर रहे हैं, ताकि लू ना लगे.
'तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि के जिम्मेदार हम सब'
इस तपती गर्मी के चलते हर आम और खास परेशान है. हजारीबाग की रहने वाली छात्रा भी कहती है कि ऐसी गर्मी पहले कभी नहीं पड़ी थी. उनका कहना है कि पहले जब स्कूल या कॉलेज में पढ़ते थे तो उस वक्त गर्मी इतनी नहीं होती थी. लेकिन हाल के दिनों में तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. जिसके लिए हम लोग खुद जिम्मेदार हैं.
'विकास के नाम पर काटे जा रहे पेड़'
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय शर्मा बताते हैं कि पहले हजारीबाग में काफी संख्या में पेड़ हुआ करते थे. लेकिन विकास के नाम पर पेड़ काट दिए गए और कंक्रीट के जंगल शहर में तैयार हो गए. अब शहर के बाहर भी जाने के बाद भी पेड़ नहीं दिखते हैं. इसके कारण तापमान में वृद्धि हुई है. इसके लिए आज का मानव समाज जिम्मेदार है.