रांची: सरायकेला में हुए नक्सली हमले के बाद झारखंड पुलिस हमले की जांच के साथ ही इलाके में बड़ी कार्रवाई की तैयारियों में जुटा है. इस हमले में 5 पुलिसकर्मियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. मुख्यालय की जांच में ये बात सामने आई कि इस हमले को पश्चिम बंगाल से आए नक्सलियों के दस्ते ने अंजाम दिया.
सरायकेला के तिरूलडीह का इलाका पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले से सटा है. राज्य पुलिस मुख्यालय को जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, कुकरू बाजार में पुलिस बलों पर हमले की वारदात को पश्चिम बंगाल के भाकपा माओवादियों ने अंजाम दिया है. राज्य पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, सरायकेला- खरसांवा जिले के कुचाई के इलाके में भाकपा माओवादियों का दस्ता कैंप कर रहा था. उस दस्ते के महाराज प्रमाणिक ने हाल में बड़ी वारदातों को अंजाम दिया, लेकिन 14 जून की शाम साप्ताहिक हाट में हुई वारदात के पीछे पश्चिम बंगाल के माओवादी दस्ते की भूमिका हो सकती है.
पश्चिम बंगाल - झारखंड सीमा पर ये हैं सक्रिय
पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा पर 25 लाख का इनामी असीम मंडल उर्फ आकाश उर्फ तिमिर, 15 लाख का इनामी रीजनल कमेटी मेंबर मदन महतो और सचिन उर्फ रामप्रकाश मार्डी सक्रिय है. नक्सलियों के नए मुखिया बासवा राव ने इन्हें झारखंड में बड़े हमलों की जिम्मेदारी दी है. इसके बाद यह नक्सली झारखंड के सरायकेला खरसावां में ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं.
नक्सल मुक्त झारखंड के दावे को एडीजी अभियान ने किया खारिज
झारखंड के पूर्व डीजीपी दिनेश कुमार पांडे ने 2018 में ही झारखंड को नक्सल मुक्त करने की घोषणा की, लेकिन उनके रिटायरमेंट के बाद पुलिस मुख्यालय उनकी इस राय से सहमत नहीं है. झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा की मानें, तो झारखंड में अभी भी नक्सलियों का अस्तित्व कायम है. राज्य के 19 जिले नक्सल प्रभावित हैं. सरायकेला हमले को लेकर एडीजी का बयान भी बड़ा स्पष्ट है. एडीसी के अनुसार झारखंड पुलिस नक्सलियों पर लगातार हमलावर रही, लेकिन इसी बीच नक्सलियों ने उन्हें टारगेट कर लिया. इस हमले की पुलिस को आशंका नहीं थी।
इलाके में बड़ा अभियान शुरू
राज्य पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, घटना के बाद कोल्हान डीआईजी कुलदीप द्विवेदी लगातार सुरक्षाबलों के साथ नक्सली पर खिलाफ अभियान चला रहे हैं. घटना के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस से भी अधिकारियों ने संपर्क किया. पश्चिम बंगाल पुलिस झारखंड पुलिस को हर तरह से मदद करने को तैयार है. मिली जानकारी के अनुसार लगभग 2 हजार से अधिक जवान सरायकेला खरसावां के नक्सल प्रभावित जंगलों और बीहड़ों में अभियान के लिए निकल पड़े हैं.
स्पेशल ब्रांच की सूचना पर काम करने की ताकीद
सरायकेला में माओवादी हमले को लेकर लगातार स्पेशल ब्रांच ने जिले की पुलिस को अलर्ट भेजा. स्पेशल ब्रांच ने सरायकेला के साप्ताहिक बाजार में भी माओवादियों के हमले की आशंका जताई. इसके बाद सरायकेला शहर समेत कई अन्य जगहों पर लगने वाले बाजार में पुलिस बलों की तैनाती भी की गई. हालांकि माओवादियों ने सरायकेला शहर या उससे सटे इलाके में हमला करने के बजाय दूरस्थ साप्ताहिक हाट पर हमला किया. इसमें 5 पुलिस वाले शहीद हो गए. यही वजह है कि अब पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया कि वो खूफिया विभाग की सूचनाओं पर अमल करें.
सरायकेला एसपी को हटाया गया
सरायकेला में लगातार नक्सली हमले की वजह से एसपी चंदन सिन्हा पर गाज गिर चुकी है. हाल के दिनों में लगातार नक्सली हमले को लेकर पुलिस मेंस एसोसिएशन ने भी सरायकेला एसपी को हटाने की मांग की. इसके बाद चंदन सिन्हा को पुलिस मुख्यालय वापस बुला लिया गया. सरायकेला जिले की कमान अब तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी एस कार्तिक को दी गई है. एस कार्तिक को नक्सलियों के खिलाफ काम करने का अच्छा खासा अनुभव है. मुख्यालय को उम्मीद है कि अब उस अनुभव के आधार पर वो अपने साथियों का मौत का बदला लेने में सफल होंगे.