किसके लिए हैं सरकारी योजनाएं? दिव्यांग दंपति दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर - लातेहार न्यूज
एक ओर जहां सरकार हर वर्ग के लोगों के लिए नई-नई योजनाओं का लाभ दे रही. वहीं लातेहार जिले का एक ऐसा परिवार जो न ही ठीक से चल सकता है न बोल सकता है. पेट भरने के लिए भी इन्हें दूसरों के सहारे रहना पड़ता है. इन्हें अबतक किसी भी योजना का कोई लाभ नहीं मिला.
लातेहार: जिले में दिव्यांगों को सरकारी सुविधा देने के लिए सरकार ने भले ही कई योजनाएं चला रखी हैं. लेकिन आज भी कई ऐसे लोग हैं जो इससे पूरी तरह वंचित हैं. इसका एक उदाहरण है डीसी ऑफिस में दिखा जहां एक दिव्यांग दंपति सरकारी सुविधाओं के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.
दरअसल, लातेहार प्रखंड के तेलियाताल इचाक निवासी राजकुमार सिंह बचपन से ही पोलियो ग्रस्त हैं, जिसकी वजह से उनका पैर काम नहीं करता है. वह हाथ के बल चलते हैं. वहीं, उनकी पत्नी फोटो देवी नेत्रहीन है. इस परिवार के पास अपना पेट पालने का भी कोई साधन नहीं है. इसके बावजूद सरकारी सुविधा से भी इस परिवार को आज तक वंचित रखा गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सराकारी योजनाओं का लाभ किसके लिए है.
बुधवार को अपना दुखड़ा सुनाने ये दंपत्ति समाहरणालय पहुंचे. लेकिन डीसी साहब से मुलाकात नहीं होने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. फोटो देवी ने बताया कि सुविधा के अभाव में वे लोग किसी प्रकार मांग कर अपना पेट चला रहे हैं. उन्हें न तो राशन कार्ड दिया गया है, और न ही आजतक कोई सुविधा दी गई है.
बताया जा रहा कि इन्हें पिछले 5 महीने से पेंशन नहीं मिल रहा है. दिव्यांग राजकुमार ने बताया कि सरकारी सुविधा नहीं मिलने के कारण काफी मुश्किल हो रही है. हालांकि सामाजिक सुरक्षा विभाग के एक कर्मी ने उन्हें बताया कि जल्द ही पेंशन की राशि उनके खाते में भेज दी जाएगी.
लातेहार। एंकर-- दिव्यांगों को सरकारी सुविधा देने के लिए सरकार ने भले ही कई प्रकार की योजनाएं चला रखी है ,परंतु आज भी कई ऐसे लोग हैं जो इस योजना के लाभ से पूरी तरह वंचित हैं। लातेहार निवासी राजकुमार सिंह और उसकी पत्नी फोटो देवी इसका मात्र एक उदाहरण है। इस दिव्यांग दंपति को सरकारी सुविधा से पूरी तरह वंचित रखा गया है।
Body:vo- दरअसल लातेहार प्रखंड के तेलियाताल इचाक निवासी राजकुमार सिंह बचपन से ही पोलियो ग्रस्त थे ।इस कारण उनका कोई भी पैर काम नहीं करता है ।वह हाथ के बल चलते हैं। वहीं उनकी पत्नी फोटो देवी नेत्रहीन है। पूरी तरह निर्धन इस परिवार के पास अपना पेट पालने का भी कोई साधन नहीं है। इसके बावजूद सरकारी सुविधा से भी इस परिवार को आज तक वंचित रखा गया है। अपना दुखड़ा सुनाने दोनों दंपत्ति समाहरणालय आए थे ,परंतु डीसी साहब से मुलाकात नहीं होने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। फोटो देवी ने बताया कि सुविधा के अभाव में वे लोग किसी प्रकार मांग कर अपना पेट चला रहे हैं। उसे ना तो राशन कार्ड दिया गया है और ना ही आवाज की कोई सुविधा दी गई वहीं गत 5 माह से पेंशन में नहीं मिल रहा है। राजकुमार सिंह ने भी कहा कि किस प्रकार के सरकारी सुविधा नहीं मिलने के कारण जिंदगी काफी मुश्किल हो गई है। हालांकि सामाजिक सुरक्षा विभाग के एक कर्मी ने उन्हें बताया कि जल्द ही पेंशन की राशि उनके खाते में भेज दी जाएगी।
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byte- फोटो देवी
byte- राजकुमार सिंह
Conclusion:दिव्यांगों को सुविधा देने के लिए सरकारी विभागों में उपकरण पड़े हुए रहते हैं, परंतु जिसे इसकी सख्त जरूरत है उस लाभुक को सुविधा के लिए तरसना पड़ता है। जरूरत इस बात की है कि दिव्यांगों को सुविधा देने में अधिकारी और कर्मचारी के अलावे जनप्रतिनिधियों को भी पूरी तरह से संवेदनशील बनना पड़ेगा।