चतरा: जिला सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक की घिनौनी करतूत ने चिकित्सा व्यवस्था को शर्मसार कर दिया है. प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को चिकित्सक ने सिर्फ अपने निजी क्लिनिक में ऑपरेशन के चक्कर में उसे सदर अस्पताल में ही छोड़कर फरार हो गई. इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा.
बता दें कि जोरी निवासी रंजीत यादव ने बताया कि मेरी पत्नी प्रियंका के पेट में शनिवार रात 12 बजे दर्द उठा, जिसे दिखाने के लिए सदर अस्पताल चतरा पहुंचे. उस वक्त ड्यूटी में महिला चिकित्सक डॉ. सपना अग्रवाल थी. उन्होंने मेरी पत्नी को पहले भर्ती किया और सुबह में ऑपरेशन से प्रसव कराने की बात कही.
रविवार सुबह जब ऑपरेशन कराने पहुंचे तो उन्होंने सदर अस्पताल के ओटी में असिस्टेंट नहीं रहने की बात कहते हुए ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया. साथ ही उन्होंने इसके लिए अपने निजी क्लीनिक में पहुंचने को कहा. हमने उनसे हाथ जोड़कर सदर अस्पताल में ही ऑपरेशन करने के लिए विनती की पर डॉ. सपना और उनके पति डॉ. प्रवीण कुमार (एनेस्थीसिया देते हैं) दोनों ने मिलकर जमकर फटकार लगाई.
चतरा सिविल सर्जन डॉ. दिनेश कुमार भी सदर अस्पताल पहुंचे. इसी दौरान डॉ. सपना और डॉ. प्रवीण की शिकायत लेकर रंजीत यादव डीएस डॉ. मनीष के चेंबर में पहुंचे. जहां उपस्थित सिविल सर्जन और डीएस ने दोनों डॉक्टर को ऑपरेशन करने को सलाह दिया. बावजूद डॉ. सपना और डॉ. प्रवीण ने ना तो ऑपरेशन किया बल्कि दोनों वरीय अधिकारियों की बात को नजरअंदाज कर चलते बने.
इसके बाद सिविल सर्जन डॉ. दिनेश कुमार ने डीएस को केस टैकल करने का निर्देश दिया. सीएस के आदेश के बाद डीएस डॉ. मनीष लाल ने उक्त महिला का सीजीरियन से प्रसव कराया. डॉ. मनीष लाल ने कहा कि सदर अस्पताल में महिला चिकित्सक के द्वारा सुविधा का अभाव बताना और ऑपरेशन करने से इनकार कर देना दुर्भाग्यपूर्ण है. क्योंकि सदर अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है और सभी स्टॉफ ऑपरेशन कराने के लिए ट्रेंड हैं.
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