रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के अभेद्य दुर्ग के रूप में मशहूर संथाल परगना इलाके में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के मकसद से बीजेपी अपने 'तरकश' से हर तरह के 'तीर' चला रही है. राज्य में चौथे चरण और देश के आखिरी चरण मे कवर होने वाली संथाल परगना के तीनों संसदीय सीट पर जीत के लिए बीजेपी के स्टार प्रचारकों ने एड़ी चोटी एक कर दी है.
एक तरफ जहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दौरा हो चुका है वहीं बुधवार को पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवघर आने वाले हैं. हालांकि चुनावी मौसम में प्रधानमंत्री का यह पहला कार्यक्रम नहीं है इससे पहले वह झारखंड के दूसरे इलाकों में सभाएं कर चुके हैं. लेकिन संथाल परगना इलाके में इस चुनावी समर में उनकी पहली सभा होगी. पार्टी को पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री की सभा के बाद उस इलाके की राजनीतिक हवा बदलेगी और बीजेपी को उसका लाभ मिलेगा.
गोड्डा रिटेन करने की कोशिश, दुमका-राजमहल में सेंध लगाने का प्रयास
दुमका सीट पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन 8 बार सांसद रह चुके हैं. बीजेपी ने वहां तीसरी बार उसी उम्मीदवार को मैदान में खड़ा किया है जो पिछले दो बार से सोरेन से शिकस्त खाते आ रहे हैं. बीजेपी के उम्मीदवार सुनील सोरेन दुमका जिला के जामा से विधायक रह चुके हैं और पिछले 2 संसदीय चुनाव में सोरेन से पटखनी खा चुके हैं. वहीं राजमहल सीट पर भी झामुमो का पहले से कब्जा है वहां भी पार्टी ने ऐसे उम्मीदवार को उतारा है जो पिछला चुनाव मौजूदा सांसद से हार चुके हैं. वहां बीजेपी के हेमलाल मुर्मू झामुमो के विजय हांसदा के सामने मैदान में हैं. वहीं गोड्डा में निवर्तमान सांसद निशिकांत दूबे अपनी सीट रिटेन करने की जुगत में हैं. वहां झाविमो के उम्मीदवार प्रदीप यादव उन्हें चैलेंज दे रहे हैं.
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पहले भी हुआ है प्रधानमंत्री का संथाल परगना दौरा
हालांकि इससे पहले प्रधानमंत्री 2014 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान दुमका आए थे. उसके बाद 2015 में मुद्रा लोन योजना की शुरुआत भी उन्होंने यहीं से की. यहां तक कि साहिबगंज के ऊपर बनने वाले गंगा पुल का शिलान्यास उन्होंने 2016 में आकर किया. संथाल परगना के पाकुड़ जिले में पड़ने वाले लिट्टीपाड़ा विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के ठीक पहले उनके उस दौरे पर सवाल भी उठे थे.
बीजेपी को है उम्मीद, जेएमएम का दावा नहीं चलेगा पीएम का जादू
भारतीय जनता पार्टी के नेता मानते हैं कि एक तरफ जहां केंद्र और राज्य में चल रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ सड़क, बिजली और हर घर में शौचालय स्कीम क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी. पार्टी के प्रदेश मंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ने कहा कि महिलाएं हर जगह इन स्कीमों को लेकर अच्छा रिस्पांस दे रही हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री पहली बार संथाल परगना जा रहे हैं. उनकी किसी यात्रा का कोई असर नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यहां के लोग सीधे-सादे हैं और झूठी बातों में नहीं आते. उन्होंने कहा कि संथाल परगना का इलाका घूमने की जगह पीएम आएं और मंदिर में बाबा का दर्शन करें और वापस लौट जाएं. उनका कोई जादू यहां नहीं चलने वाला है.
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क्या है भौगोलिक और सामाजिक स्थिति?
दरअसल संथाल परगना का इलाका छह अलग-अलग जिलों में फैला हुआ है. जिसमें 18 विधानसभा इलाके आते हैं, उनमें से 8 पर बीजेपी के विधायक हैं जबकि बाकी के 10 पर झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और झारखंड विकास मोर्चा के विधायक हैं. वहीं इस इलाके में एक संसदीय इलाका गोड्डा सामान्य वर्ग के लिए है. जबकि बाकी दो दुमका और राजमहल एसटी सीट है. इस इलाके में अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति और आदिम जनजाति की आबादी भी समाहित है.