बोकारोः कोरोना वायरस को लेकर लागू की गयी राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन कराना अलीमुद्धीन नामक शख्स के लिए काल बन गया और उसे अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ी. मामला पेटरवार थाना इलाके के खेतको का है.
अलीमु़द्धीन इसी गांव का रहनेवाला था और कोरोना वायरस जैसी महामारी से उसका गांव बचा रह जाए, इस ख्याल से उसने अपना सामाजिक दायित्व निभाते हुए आमलोगों की सहमति से गांव का रास्त बंद कर दिया था. ताकि कोई बाहरी व्यक्ति बिना कारण उसके गांव नहीं चला आये और संक्रमण से उसका गांव प्रभावित नहीं हो जाय. इसके लिए रास्ते में बांस बांध दिया गया था. लेकिन लॉकडाउन के बाद भी गाड़ियों का परिचालन जारी रखते हुए कुछ लोग ईंट लदा ट्रेक्टर लेकर आए और सड़क पर लगे बांस को उखाड़ फेंका. इस बात पर जब अलीमुद्धीन ने अपना ऐतराज जताया तो फिर थोड़ी ही देर में एक दर्जन के करीब लोग आए और फिर उस पर डंडा, रॉड और अन्य हथियारों से मारपीट कर अधमरा कर दिया और फिर उसकी लाश को कुंए में फेंक दिया. तब तक शेार मच जाने से कई लोग जुटे और फिर हमलावर भाग निकले.
यहां पुलिस की माने तो रास्ते को आम सहमति से ही बंद किया गया था कि बाहरी लोगों का प्रवेश न हो. लेकिन इसके बाद भी गाड़ियों का परिचालन जारी था और लॉकडाउन पुलिस की मिलीभगत से मजाक बन कर रह गया है. यहां से हर रोज दर्जनों ट्रेक्टर पर अवैध ढंग से बालू का उठाव और ढुलाई हो रही थी. इस मामले में मृतक के परिजन ने मामला दर्ज कराते हुए 11 लोगों को नामजद किया है और आरोप लगाया है कि लॉकडाउन के दौरान उसके पिता को साजिश रचकर मौत के घाट उतार दिया गया.