बोकारोः राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजा पर फास्टैग का उपयोग होने से गाड़ियों की भीड़ काफी कम हो गई है, जिसकी वजह से लोगों को टोल पर कोई परेशानी नजर नहीं आ रही है. यह जरूर है कि वर्तमान में फास्टैग उपयोग करने वाले साठ फीसदी ही हैं. बाकी लोग अभी भी कुछ वाहन मालिक नगद राशि देकर टोल से गुजरने में विश्वास रखते हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत के संवादाता ने रामगढ़-बोकारो मुख्य मार्ग के बालीडीह स्थित टोल प्लाजा में फास्टैग की स्थिति का जायजा लिया.
फास्टैग स्कीम भारत में 2014 में शुरू
टोल प्लाजाओं पर टोल कलेक्शन सिस्टम से होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने के लिए राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम चालू किया था. इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम या फास्टैग स्कीम भारत में 2014 में शुरू की गई थी, जिसे धीरे-धीरे पूरे देश के टोल प्लाजाओं पर लागू किया जा रहा है. वहीं, भारत सरकार के सड़क और राजमार्ग विभाग ने एक दिसंबर 2019 से बिकने वाले सभी प्रकार के चार-पहियां वाहनों पर फास्टैग लगाना अति आवश्यक कर दिया.
गाड़ियों को फास्टैग इस्तेमाल की मंजूरी
बालीडीह टोल, जो एनएच-23 पर अवस्थित है. जब से भारत सरकार के सड़क और राजमार्ग विभाग ने टोल प्लाजा से गुजरने वाली गाड़ियों को फास्टैग इस्तेमाल की मंजूरी दी है, तब से लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है. इसका नतीजा है की आज के समय में टोल पर लगने वाली लंबी-लंबी गाड़ियों की कतारें अब देखने को नहीं मिल रही है और इंधन की खपत भी नहीं हो रही है.
गाड़ियों की लंबी कतार कम
एनएचआई टीम लीडर मनोज कुमार ने बताया कि फास्टैग लग जाने से बहुत सी कठिनाइयों से निजात मिल गया है. वाहन के विंडस्क्रीन में फास्टैग लगाया जाता है. जैसे ही वाहन टोल बैरियर प्लाजा के पास पहुंचता है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर फास्टैग कोड से राशि को काट देता है. इस कारण टोल पर गाड़ियों की लंबी कतार कम हो गई है, जो लोग फास्टैग का इस्तेमाल नहीं करते हैं. उन लोगों को लाइन में खड़े होकर अपना समय भी नष्ट करना पड़ता है.
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समय के साथ-साथ इंधन की बचत
वर्तमान में बालीडीह टोल पर आने-जाने वालों के लिए 4 फास्टैग लेन बनाया गया है. दो लेन नगद लेन देन राशि लेकर टोल से गुजरने वाली गाड़ियों के लिए है. फास्टैग वाले लेन आधुनिक तरीके से सुगमता के साथ गाड़ियां 1 मिनट में ही टोल पार कर जाती है, जिसके चलते इंधन की खपत भी कम हो गई है. एनएचआई टीम ने बताया कि वर्तमान में लोग जागरूक हुए हैं. वहीं, विभाग के द्वारा टोल के पास कैनोपी लगाकर वाहन चालकों को इसका लाभ भी बताया जाता है. इस टोल से गुजरने वाले वाहन चालक मालिक राजू सिंह ने बताया कि फास्टैग बहुत ही अच्छी व्यवस्था है, जिस कारण अब हम लोगों को टोल में समय नहीं लगता है. समय की बचत के साथ-साथ इंधन की भी बचत हो जाती है.
वाहन मालिकों से एक ही तरफ का शुल्क
वहीं, टोल प्रबंधक नंदू तिवारी ने बताया कि जो भी वाहन मालिक फास्टैग लगाए हुए हैं, उन्हें पैसे की भी बचत होती है. उन्होंने बताया कि जब से फास्टैग लागू किया गया है तब से बिना फास्टैग लगे वाहन मालिकों से एक ही तरफ का शुल्क लिया जाता है. ऐसे में अगर कोई वाहन मालिक 12 घंटे के अंदर उसी रास्ते वापस लौटे हैं तो उनको फिर से टोल टैक्स देना पड़ता है. अगर उनके पास फास्टैग हो तो उन्हें 15 से 30 रुपये तक की बचत हो जाती है. ऐसे में हम कह सकते हैं फास्टैग वाहन मालिकों के लिए पैसे, इंधन और समय की बचत का एक बहुत ही अच्छा जरिया साबित हो रहा है.