बोकारो: झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद फायर सेफ्टी को लेकर बोकारो जिला प्रशासन और नगर निगम अलर्ट नजर आ रहा है. इसी कड़ी में चास में नगर निगम के पदाधिकारी और कर्मी शहर में घूम-घूम कर भवनों की जांच कर रहे हैं. नगर निगम की टीम चीरा चास के आशियाना फेज 4, रुद्रप्रिया समेत अन्य बहुमंजिला अपार्टमेंट की जांच की. जिसमें किसी अपार्टमेंट में फायर सेफ्टी की व्यवस्था संतोषजनक नहीं मिली. कई अपार्टमेंट में फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम ही नहीं था. जांच के दौरान फायर सेफ्टी, इमरजेंसी एक्जिट, तड़ित चालक यंत्र, सुरक्षा मानकों के की जांच और समीक्षा की गई. निगम की जांच टीम ने पाया कि कई सारे कमर्शियल भवन और अपार्टमेंट में न तो पुख्ता फायर सेफ्टी के इंतजाम हैं और न ही सुरक्षा इंतजाम.
नगर निगम की टीम को जांच में मिली कई खामियांः जांच टीम ने पाया कि ऐसे भवनों में हादसों के वक्त जीवन बचाने का इंतजाम भी नहीं है. इसके अलावा कई भवनों में दूसरा दरवाजा भी नहीं है, जो इमरजेंसी एग्जिट के तौर पर इस्तेमाल किए जा सके. जांच के बाद चास नगर निगम रिपोर्ट के आधार पर नोटिस करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. बताते चलें कि झारखंड हाई कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा मापदंडों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर के नागरिक निकायों और डीसी को आदेश जारी किया है. उसके बाद जांच शुरू कर दी गई है.
10 वर्षों में बोकारो में अपार्टमेंट कल्चर बढ़ाः बोकारो में पिछले 10 वर्षों में गगनचुंबी इमारतों और मॉल का तेजी से निर्माण हो रहा है. कभी भी ऐसी इमारतों का औचक निरीक्षण नहीं किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि वे अग्नि सुरक्षा मापदंडों के अनुरूप हैं या अनिवार्य अग्नि सुरक्षा अभ्यास हो रहे हैं. कई अपार्टमेंट के निर्माण में फायर सेफ्टी का ध्यान तक नहीं रखा गया है.
कई स्थानों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं पहुंच सकतीः बोकारो के उपशहर चास में कई कमर्शियल भवन का निर्माण ऐसे जगह पर हुआ है, जहां रास्ता काफी संकरा है. कई स्थानों पर तो संकरी गलियों में भी भवन का निर्माण किया गया है. ऐसी गलियों में फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं पहुंच सकती है. इस हालात में यदि कोई अनहोनी होती है तो राहत-बचाव का काम भी मुश्किल हो जाएगा.