बोकारो: जिले के गोमिया प्रखंड के चुट्टे पंचायत में कभी नक्सलियों की तूती बोला करती थी. आम इनसान तो छोड़िए पुलिस वाले भी यहां जाने से कतराते थे और इस इलाके में शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा था. स्कूल तो थे लेकिन वहां शिक्षक जाने से कतराते थे.
युवक ने ठाना कि बच्चों को शिक्षा से नहीं होने देंगे दूर
एक मैट्रिक फेल युवक में शिक्षा बांटने की ललक जगी. खुद शिक्षकों के अभाव के चलते मैट्रिक पास नहीं कर पाए. इस युवक ने ठाना यहां के बच्चों को शिक्षा से दूर नहीं रहने देंगे. उसने टूटे-फूटे स्वास्थ्य विभाग के बेकार पड़े भवन को गांव वालों की सहायता से मरम्मत कराया और उसमें ज्ञान की ज्योत जलाने के लिए ज्योति पब्लिक स्कूल शुरू की. उस समय इस क्षेत्र में अंग्रेजी मीडियम स्कूल किसी बड़े अजूबे से कम नहीं था. इस युवक का नाम भुनेश्वर महतो था. धीरे-धीरे गांव के कई युवक उनके साथ आए और स्कूल चलने लगा.
2011 से लगातार चल रहा है स्कूल
स्वास्थ्य विभाग के बगल में एक गैरमजरूआ जमीन था जिस पर बालेश्वर महतो का आधिपत्य था. बालेश्वर महतो भी गांव के बच्चों को पढ़ते देख खुश हुए और उस जमीन को स्कूल के नाम दान कर दिया. यह स्कूल 2011 से लगातार चल रही है और 250 से ज्यादा बच्चे अभी यहां पढ़ रहे हैं. कई बच्चों ने तो राज्य स्तर पर दसवीं की परीक्षा में अच्छे अंक लाकर खुद को साबित किया है. वह भी तब जब स्कूल में संसाधनों का घोर अभाव था.
100 से ज्यादा बच्चे नहीं दे सकते हैं फीस
बता दें कि इस स्कूल में पढ़ने वाले आदिवासी बच्चों में 100 से ज्यादा ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता स्कूल की फीस भरने के लायक नहीं हैं, लेकिन सरकार की योजनाओं के चलते क्षेत्र से नक्सलवाद समाप्ति की ओर है. क्षेत्र में विकास की बयार बह रही है. सड़क, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं यहां पहुंच रहे हैं. स्कूल के दोनों तरफ से चमचमाती पक्की सड़कें बन गई है. इस वजह से बालेश्वर महतो द्वारा स्कूल को दान दिए जमीन की कीमत एकाएक बढ़ गई और उसने दान दिए जमीन पर अपना अधिकार जताना शुरू कर दिया है और उस जमीन को अपना जमीन बताकर इस पर हल चला दिया.
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स्कूली बच्चे अपनी गुहार लेकर पहुंचे एसडीओ ऑफिस
स्कूल के मैदान में हल जोतने के बाद बच्चों को भारी परेशानी हो रही है. इसके बाद यहां के बच्चे अपनी गुहार लेकर एसडीओ ऑफिस पहुंचे और उन से गुहार लगाई कि उनके स्कूल की जमीन पर अतिक्रमण होने से बचाया जाए. मामला सामने आने के बाद एसडीओ प्रेम रंजन ने जांच का आदेश दिया है, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, बोकारो के डीसी ने कहा कि वह इस मामले की जांच की जा रही हैं और जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.