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राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने भाई महिंदा को प्रधानमंत्री नामित किया

श्रीलंका के वर्तमान प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके हैं. ताजा घटनाक्रम में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नामित किया है. बता दें कि गोटाबाया गत सोमवार को राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. जानें पूरा मामला...

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Published : Nov 20, 2019, 9:31 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 11:39 PM IST

कोलंबो : श्रीलंका के नये राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नामित किया. इससे पहले श्रीलंका के निवर्तमान प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी.

समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि वह विक्रमसिंघे द्वारा गुरुवार को औपचारिक रूप से इस्तीफा देने के बाद पदभार संभाल लेंगे. महिंदा इस समय मुख्य विपक्षी नेता हैं.

कोलंबो गजट अखबार के मुताबिक, एक विशेष बयान में विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रपति राजपक्षे से मुलाकात की और श्रीलंका की संसद के भविष्य पर चर्चा की.

उन्होंने कहा कि संसद में उनकी सरकार को अब भी बहुमत है, लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को मिले जनादेश का सम्मान करने और पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.

राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे की जीत के बाद विपक्षी खेमे से उनके इस्तीफे को लेकर दबाव बनाया जा रहा था. राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव में सजित प्रेमदास को हराया.

गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने विवादास्पद कदम के तहत महिंदा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था.

पढ़ें- गोटाबाया राजपक्षे के शासन में भी भारत से करीबी संबंध रखेगा श्रीलंका : विशेषज्ञ

इस कदम के बाद देश में असाधारण संवैधानिक संकट पैदा हो गया था. उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद दिसम्बर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

महिंदा 2005 में चुनाव जीते थे और श्रीलंका में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले नेता बन गये थे. महिंदा 24 साल की उम्र में 1970 में देश के सबसे युवा सांसद बन गये थे.

कोलंबो : श्रीलंका के नये राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नामित किया. इससे पहले श्रीलंका के निवर्तमान प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी.

समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि वह विक्रमसिंघे द्वारा गुरुवार को औपचारिक रूप से इस्तीफा देने के बाद पदभार संभाल लेंगे. महिंदा इस समय मुख्य विपक्षी नेता हैं.

कोलंबो गजट अखबार के मुताबिक, एक विशेष बयान में विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रपति राजपक्षे से मुलाकात की और श्रीलंका की संसद के भविष्य पर चर्चा की.

उन्होंने कहा कि संसद में उनकी सरकार को अब भी बहुमत है, लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को मिले जनादेश का सम्मान करने और पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.

राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे की जीत के बाद विपक्षी खेमे से उनके इस्तीफे को लेकर दबाव बनाया जा रहा था. राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव में सजित प्रेमदास को हराया.

गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने विवादास्पद कदम के तहत महिंदा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था.

पढ़ें- गोटाबाया राजपक्षे के शासन में भी भारत से करीबी संबंध रखेगा श्रीलंका : विशेषज्ञ

इस कदम के बाद देश में असाधारण संवैधानिक संकट पैदा हो गया था. उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद दिसम्बर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

महिंदा 2005 में चुनाव जीते थे और श्रीलंका में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले नेता बन गये थे. महिंदा 24 साल की उम्र में 1970 में देश के सबसे युवा सांसद बन गये थे.

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श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नामित किया



कोलंबो, 20 नवंबर (भाषा) श्रीलंका के नये राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नामित किया। इससे पहले श्रीलंका के निवर्तमान प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी।

समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि वह विक्रमसिंघे द्वारा गुरुवार को औपचारिक रूप से इस्तीफा देने के बाद पदभार संभाल लेंगे। महिंदा इस समय मुख्य विपक्षी नेता हैं।

‘कोलंबो गजट’ अखबार के मुताबिक, एक विशेष बयान में विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रपति राजपक्षे से मुलाकात की और श्रीलंका की संसद के भविष्य पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि संसद में उनकी सरकार को अभी भी बहुमत है लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को मिले जनादेश का सम्मान करने और पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।

राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे की जीत के बाद विपक्षी खेमे से उनके इस्तीफे को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव में सजित प्रेमदास को हराया।

गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने विवादास्पद कदम के तहत महिंदा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। इस कदम के बाद देश में असाधारण संवैधानिक संकट पैदा हो गया था। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद दिसंबर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

महिंदा 2005 में चुनाव जीते थे और श्रीलंका में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले नेता बन गए थे। महिंदा 24 साल की उम्र में 1970 में देश के सबसे युवा सांसद बन गए थे ।


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Last Updated : Nov 20, 2019, 11:39 PM IST
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