रांची: लोकसभा चुनाव के बाद आ रहे एग्जिट पोल को लेकर राजनीतिक दलों में ठन गई है. एक तरफ देश और प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी का दावा है कि यह एग्जिट पोल एक तरह से एग्जैक्ट पोल साबित होंगे. वहीं विपक्षी दल मानते हैं कि इन संभावनाओं पर ज्यादा चर्चा करना बेमानी है.
मतदान की समाप्ति के बाद हुए एग्जिट पोल में एनडीए को लगभग हर सर्वे ने बढ़त की स्थिति में दिखाया है. वहीं विपक्षी कांग्रेस दूसरे पोजीशन पर है. ऐसे में राजनीतिक दलों का मानना है कि फिलहाल 23 मई को होने वाली काउंटिंग का इंतजार करना बेहतर होगा. बीजेपी मानती है कि यह एग्जिट पोल केंद्र और राज्य सरकार की मेहनत का नतीजा है, जो कहीं न कहीं एग्जिट पोल में भी परिलक्षित हो रहा है. पार्टी के प्रदेश मीडिया कमेटी के सदस्य प्रदीप सिन्हा ने कहा कि जो भी एग्जिट पोल होते हैं वह अमूमन सर्वे और सैंपल के आधार पर तैयार किए जाते हैं. इसलिए इसे सही मानना चाहिए. सिन्हा ने कहा कि इसे एक सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि लगभग सभी सर्वे रिपोर्ट में बीजेपी को बढ़त दी गयी है.
वहीं, कांग्रेस इस एग्जिट पोल को सही नहीं मानती है. पार्टी के प्रवक्ता मोहम्मद तौसीफ ने कहा कि 23 मई तक जब तक नतीजे नहीं आ जाते तब तक इन्हें महत्व नहीं देना चाहिए, जबकि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि जब तक नतीजे नहीं आ जाते हैं तब तक बीजेपी को खुश रहना चाहिए उन्होंने कहा एग्जिट पोल उनके मनोरंजन का एक अच्छा साधन हो सकता है. दरअसल, 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड में बीजेपी को 14 में से 12 सीटें मिली थी, जबकि 2 सीटों पर विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा रहा. हालांकि, एग्जिट पोल इस बार प्रदेश में बीजेपी को कुछ सीटों का नुकसान दिखा रहे हैं. बावजूद इसके बीजेपी आशान्वित है कि एनडीए न केवल अपनी सभी पुरानी सीटों को रिटेन करेगी बल्कि अन्य 2 सीटे भी उसकी खाते में आएंगे.