ETV Bharat / city

रांची: CAA-NRC को लेकर महिलाओं का शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी, कानून को वापस लेने की मांग

रांची के कडरू स्थित हज हाउस के पास 15 दिन से लगातार सीएए-एनआरसी और एनपीआर के विरोध में महिलाएं बैठी हैं. धरना पर बैठी महिलाएं इस कानून को वापस लेने की मांग कर रही हैं.

Women protest against CAA-NRC-NPR in Ranchi
प्रदर्शन करते हुए महिलाएं
author img

By

Published : Feb 4, 2020, 10:09 AM IST

रांची: सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर राजधानी के हज हाउस के सामने महिलाओं का प्रदर्शन लगातार जारी है. धरना पर बैठी महिलाएं एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में पिछले 15 दिनों से लगातार शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही हैं. धरना पर बैठी महिलाओं ने विरोध करते हुए कहा कि देश में सरकार ने जो कानून लाया है उस कानून को वापस लिया जाए, क्योंकि यह कानून देश में भाईचारा के भावना को कम करता है.

देखें पूरी खबर

धरना पर बैठी महिला शगुफ्ता यास्मीन बताती हैं कि वह अपने देश में एनआरसी, सीएए और एनपीआर कानून को लागू करने का विरोध करती हैं क्योंकि यह कानून देश को परेशान करने का काम कर रहा है. सरकार इस कानून को वापस ले तभी हम महिलाएं अपने आंदोलन को वापस लेंगे.

महिलाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने की बात सामने आई थी, लेकिन प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था ने महिलाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में कोई परेशानी नहीं आने दी.

ये भी देखें- आज राजधानी के कई इलाकों में ठप रहेगी बिजली सप्लाई, ग्रिड अपग्रेडेशन का होगा काम

गौरतलब है कि एक तरफ समाज के एक वर्ग के लोग एनआरसी, सीएए और एनपीआर का विरोध कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर कुछ संगठन इसका जोरदार समर्थन भी कर रहे हैं. इसीलिए कई जगहों पर दो गुट आपस में भिड़ंत करते भी नजर आए हैं. इन सब के मद्देनजर राजधानी के हज हाउस के सामने महिलाओं का यह विरोध निश्चित रूप से जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती बनी हुई है. हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण है और अभी तक इस प्रदर्शन से कोई आम जनजीवन प्रभावित होने की बात सामने नहीं आई है.

रांची: सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर राजधानी के हज हाउस के सामने महिलाओं का प्रदर्शन लगातार जारी है. धरना पर बैठी महिलाएं एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में पिछले 15 दिनों से लगातार शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही हैं. धरना पर बैठी महिलाओं ने विरोध करते हुए कहा कि देश में सरकार ने जो कानून लाया है उस कानून को वापस लिया जाए, क्योंकि यह कानून देश में भाईचारा के भावना को कम करता है.

देखें पूरी खबर

धरना पर बैठी महिला शगुफ्ता यास्मीन बताती हैं कि वह अपने देश में एनआरसी, सीएए और एनपीआर कानून को लागू करने का विरोध करती हैं क्योंकि यह कानून देश को परेशान करने का काम कर रहा है. सरकार इस कानून को वापस ले तभी हम महिलाएं अपने आंदोलन को वापस लेंगे.

महिलाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने की बात सामने आई थी, लेकिन प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था ने महिलाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में कोई परेशानी नहीं आने दी.

ये भी देखें- आज राजधानी के कई इलाकों में ठप रहेगी बिजली सप्लाई, ग्रिड अपग्रेडेशन का होगा काम

गौरतलब है कि एक तरफ समाज के एक वर्ग के लोग एनआरसी, सीएए और एनपीआर का विरोध कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर कुछ संगठन इसका जोरदार समर्थन भी कर रहे हैं. इसीलिए कई जगहों पर दो गुट आपस में भिड़ंत करते भी नजर आए हैं. इन सब के मद्देनजर राजधानी के हज हाउस के सामने महिलाओं का यह विरोध निश्चित रूप से जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती बनी हुई है. हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण है और अभी तक इस प्रदर्शन से कोई आम जनजीवन प्रभावित होने की बात सामने नहीं आई है.

Intro:सीएए,एनपीआर और एनआरसी को लेकर राजधानी के हज हाउस के सामने महिलाओं का प्रदर्शन लगातार जारी है।धरने पर बैठी महिलाएं एनआरसी,सीएए और एनपीआर के विरोध में पिछले 15 दिनों से लगातार शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही है।

धरने पर बैठी महिलाओं ने विरोध करते हुए बताया कि देश में सरकार द्वारा जो कानून लाया गया है उस कानून को वापस लिया जाए क्योंकि यह कानून देश में भाईचारा के भावनाओं को कम करता है।




Body:शांतिपूर्ण धरने पर बैठी महिला शगुफ्ता यास्मी बताती हैं कि हम अपने देश में एनआरसी,सीएए और एनपीआर कानून को लागू करने का विरोध करते हैं क्योंकि यह कानून देश को परेशान करने का काम कर रहा है सरकार इस कानून को वापस ले तभी हम महिलाएं अपने आंदोलन को वापस लेंगे।

महिलाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुछ संगठनों द्वारा प्रदर्शन करने से रोकने की बात सामने आई थी लेकिन प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था ने महिलाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में कोई परेशानी नहीं आने दी।


Conclusion:गौरतलब है कि एक तरफ समाज के एक वर्ग के द्वारा एनआरसी सीएए और एनपीआर का विरोध किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर कुछ संगठन इसका जोरदार समर्थन भी कर रहे हैं।

इसीलिए कई जगहों पर दो गुट आपस में भिड़ंत करते भी नजर आए हैं।इन सब के मद्देनजर राजधानी के हज हाउस के सामने महिलाओं का यह विरोध निश्चित रूप से जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती बनी हुई है।

हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण है और अभी तक इस प्रदर्शन से कोई आम जनजीवन प्रभावित होने की बात सामने नहीं आई है।

बाइट-शगुफ्ता यास्मि, प्रदर्शनकारी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.