रांची: राजधानी रांची में इन दिनों व्हाट्सएप स्कूल भी संचालित हो रहे हैं. हम बात कर रहे हैं रांची के ऐसे निजी स्कूलों की जो फीस वसूली के नाम पर ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन क्लास का कोई भी मापदंड पूरा नहीं कर रहे हैं. व्हाट्सएप के जरिए बच्चों को स्टडी मटेरियल भेजा जा रहा है. बच्चे पढ़ क्या रहे हैं, इसे सुनने वाला और पूछने वाला कोई नहीं है. मामले को लेकर अभिभावक मंच ने जोरदार आंदोलन की रणनीति बनाई है.
ऑनलाइन क्लास के नाम पर निजी स्कूल अभी भी मनमानी कर रहे हैं. बच्चों तक बिना ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल पहुंचाए ही अपने आपको ऑनलाइन क्लास करवाने वाले स्कूल की श्रेणी में गिना रहे हैं. शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए आदेश के तहत यह कहा गया है कि जो भी स्कूल ऑनलाइन क्लासेस लेंगे उन्ही स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने का अधिकार है.
वरना वे लॉकडाउन के दौरान की ट्यूशन फीस माफ करें, जो स्कूल बेहतर तरीके से ऑनलाइन क्लासेस करवा रहे हैं वे स्कूल ट्यूशन फीस ले सकते हैं, लेकिन राजधानी रांची में ऐसे कई स्कूल हैं जो बच्चों को सिर्फ व्हाट्सएप के जरिए स्टडी मटेरियल भेज देते हैं और दोबारा उसके संबंध में पूछताछ तक नहीं करते हैं.
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हाई कोर्ट में जाने की तैयारी
कई ऐसे स्कूल भी हैं जो ऑनलाइन पठन-पाठन के नाम पर अभिभावकों से ट्यूशन फीस वसूल रहे हैं. मामले को लेकर अभिभावक मंच के अध्यक्ष अजय राय से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसे मामले को लेकर जल्द ही अभिभावक संघ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा.
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर एक बार फिर आंदोलन करने को लेकर अभिभावक मंच ने रणनीति तैयार की है. अभिभावक एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने सीधे तौर पर कहा है कि ऐसे स्कूलों को हाई कोर्ट तक का सफर तय करना होगा. आने वाले समय में लिखित रूप से हाई कोर्ट को आवेदन देकर ऐसे स्कूलों के खिलाफ शिकायत की जाएगी.
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बेवजह अभिभावकों से फीस की वसूली न हो
निजी स्कूल एसोसिएशन के साथ शिक्षा विभाग की एक विशेष वार्ता हुई थी. वार्ता के बाद सरकार ने आदेश जारी कर तमाम निजी स्कूलों से यह कहा था कि वह सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे. वह भी ऑनलाइन क्लास के मापदंड को पूरा करने वाले स्कूल ही हकदार होंगे. अगर किसी भी स्कूल ने ऑनलाइन क्लासेस का मापदंड पूरा नहीं किया है और वे अभिभावकों से फीस वसूल रहे हैं तो उन पर कार्रवाई होगी. बेवजह अभिभावकों से फीस की वसूली लॉकडाउन के दौरान न की जाए.