रांची: राजधानी रांची छोटानागपुर के पठार पर बसा एक सुंदर शहर है. पठारी इलाका होने के कारण भूगर्भ जल की अपेक्षा यहां पीने के पानी के लिए जलाशयों पर अधिक निर्भरता है. अगर अच्छी बारिश हुई और जलाशय में पानी (Water in Reservoir) जमा हुआ तो शहर में पेयजल की कोई किल्लत नहीं होती है और अगर डैम सूखा रह गया तो शहरवासी की हलक भी सूखने लगती है.
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साल 2021 में राज्य में समय पर यानि 13 जून को मानसून ने दस्तक दे दी. जून महीने में सामान्य से अधिक बारिश भी हुई. वहीं जुलाई और अगस्त में भी बारिश सामान्य रहने का असर राजधानी रांची के तीनों डैम में देखने को मिल रहा है. हटिया, कांके और रुक्का डैम पानी से भर गया है.
2017 के बाद हटिया डैम में 33 फीट से अधिक पानी
पिछले दो सालों से राजधानी रांची के हटिया डैम सूख जाने और पानी की कमी के चलते जलापूर्ति वाले इलाकों में पानी की राशनिंग की जा रही थी, जो चर्चा का विषय बन गया था, लेकिन आज यह डैम लोगों को अपनी खूबसूरती से आकर्षित कर रहा है. रांची के तीनों डैम में साफ पानी जमा होने जाने से डैम की खूबसूरती देखते ही बनती है. अब तो राजधानीवासी और खासकर युवाओं का यह पसंदीदा जगह बनते जा रहा है. कल तक पानी की कमी से जूझ रहे डैम में पानी भर जाने से लोग काफी खुश हैं.
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HEC को भी नहीं होगी पानी की किल्लत
डैम में पानी भरने से HEC को भी पानी की कमी नहीं होगी. 39 फीट की क्षमता वाले डैम में 34 फीट के करीब पानी भरा है. हटिया डैम के SDO विरासत हुसैन खान कहते हैं कि इस साल इतना पानी जमा हो गया गया कि अब अगले मानसून तक पानी की राशनिंग की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने बताया कि हटिया डैम में पानी की कमी की वजह से पिछले दो सालों से हटिया, धुर्वा, बिरसा चौक, हिनू और उन सभी क्षेत्रों में जहां इस डैम से जलापूर्ति की जाती थी, वहां एक दिन बीच कर जलापूर्ति हो रही थी. जिसकी अब जरूरत नहीं है.
कांके डैम में 28 फीट पानी स्टोरेज की क्षमता
कांके डैम के कर्मी संजय साहू बताते हैं कि इस बार डैम में जलस्तर की स्थिति काफी अच्छी है और अब तक जलस्तर क्षमता से अधिक होने के चलते 3 बार गेट को खोला गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह अभी बारिश हो रही है, उससे एक बार फिर गेट खुलने की संभावना बन रही है. वहीं रुक्का डैम में भी जलस्तर काफी अच्छा है और आने वाले दिनों में राजधानी को जलापूर्ति में कोई दिक्कत नहीं होगी.
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डैम की खूबसूरती का दीदार करने वाले खुश
राजधानी के हटिया डैम के अस्तित्व पर खतरे की स्थिति बन गई थी. ऐसे में जब डैम पानी से भर गया है और बादलों से घिरे आसमान के साथ जो खूबसूरती दिखती है, उसका दीदार करने आने वाले सृष्टि, नितेश जैसे युवा काफी खुश होते हैं. वह कहते हैं कि पिछले साल यहां पानी न के बराबर था, जिसके कारण डैम अच्छा नहीं लगता था, लेकिन इस बार सबकुछ बदला बदल गया है, जो काफी आकर्षक लग रहा है.