जामताड़ा: जिले में खनन पदाधिकारी को बालू घाट पर छापामारी करना महंगा पड़ गया. दरअसल छापेमारी करने गए खनन पदाधिकारियों को ग्रामीणों ने घंटों बंधक बनाकर रखा. पुलिस और स्थानीय विधायक की पहल पर घंटों बाद मामला शांत हुआ, बंधक बने जिला खनन पदाधिकारी को मुक्त कराया गया.
मामला जामताड़ा सदर थाना क्षेत्र के गोल पहाड़ी गांव का है. जहां रविवार को रजिया नदी बालू घाट पर बालू की तस्करी की जा रही थी. इसकी सूचना मिलने के बाद खनन पदाधिकारी नदी किनारे छापामारी करने पहुंचे. इसी क्रम में अवैध बालू लदे दो ट्रैक्टर पकड़े गये. जिससे गुस्साए ग्रमीणों ने छापेमारी करने आए पदाधिकारी को गोल पहाड़ी गांव में पहाड़ पर चल रहे क्रशर और माइंस पर घंटों बंधक बनाए रखा.
मामले की सूचना पाकर पुलिस पदाधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. वहीं, स्थानीय विधायक इरफान अंसारी ने भी घटना की खबर सुन मौके पर पहुंच ग्रामीणों को किसी तरह समझा बुझा कर मामला शांत कराया.
इस दौरान विधायक ने कहा कि आदिवासी का जल, जंगल और जमीन छीना जा रहा है. उनके सामने रोजगार की समस्या है. एक बालू चल भी रहा है तो उसे रोका जा रहा है. जबकि नदी के दूसरे तट पर बालू की तस्करी का कार्य लगातार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहाड़ और बालू स्थानीय लोगों का है.
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बालू लोड कर उनके घर-परिवार की मजदूरी चलती है. रोजगार का कोई साधन नहीं है, गांव में पहाड़ पर माइंस चल रहा है. जिसमें कुछ लोगों को रोजगार मिला है. ग्रमीणों ने कहा कि बालू बंद होगा तो पहाड़ पर क्रशर माइंस भी बंद होगा.
वहीं, जिला खनन पदाधिकारी से इस बारे में पूछा गया तो खनन पदाधिकारी ने कहा कि बालू घाट पर छापामारी करने पहुंचे थे. इसी दौरान वहां मौजूद लोग रोजगार की समस्या का समाधान करने की मांग करने लगे.